अंग स्फुरण- फल विचार (शरीर के विभिन्न अंगों का फड़कना और उनके प्रभाव)
स्त्रियों का बांया एवं पुरूषों का दांया भाग शुभ माना गया है
| अंग |
फल |
दायें भाग का फल |
बांये भाग का फल |
| ललाट |
धार्मिक प्रवित्ति |
आकस्मिक सफलता |
आकस्मिक हानि |
| भोहें |
धन प्राप्ति |
योजनाओं में सफलता |
योजनाओं में असफलता |
| नेत्र |
स्त्री सुख एवं स्त्री को पुरुष सुख |
प्रसन्नता सूचक समाचार |
दुखद समाचार/ मानसिक कलेश |
| दोनों भुजा |
आत्मीय लोगों से मिलना |
इच्छित कार्यों में सफलता |
मानसिक कलेश |
| पीठ |
प्रतिष्ठा में कमी |
उत्साह वृद्धि/ निर्भयता |
भय एवं दुःख |
| जंघा |
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हिम्मत/शक्ति/विकास |
हिम्मत परास्त |
| नासिका |
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वृद्धिदायक |
पक्ष कमज़ोर होना |
| होंठ |
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प्रभाव में वृद्धि |
प्रभाव में कमी |
| मस्तक |
भूमि सम्बन्धी लाभ |
| मध्य कंठ |
राज्य से लाभ, वृद्धि |
| नेत्र का निचला भाग |
अकारण परेशानी |
| कान |
मनपसंद बातें सुनने को मिले |
| नाभि |
प्रेम अनुभूति |
| अधर |
मनपसंद वास्तु का लाभ |
| कंधा |
भाग्य की अनुकूलता |
| दोनों हाथ |
आर्थिक लाभ |
| वक्षस्थल |
अपमान |
| लिंग |
सम्भोग सुख |
| स्त्री की कोख |
प्रीती |
| आंत |
आर्थिक लाभ |
| पाँव |
स्थान परिवर्तन |
| पाँव के तले |
यात्रा |
| घुटने |
शत्रु वृद्धि |
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विवाह सम्बन्धी योग स्वपन विचार साँपों से जुड़े शकुन- अपशकुन