लग्न स्वामी : शनि
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लग्न तत्व: पृथ्वी
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लग्न चिन्ह :मगरमच्छ
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लग्न स्वरुप: चर
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लग्न स्वभाव: सौम्य
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लग्न उदय: दक्षिण
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लग्न प्रकृति:वात प्रकृति
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जीवन रत्न: नीलम
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अराध्य: शनिदेव
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लग्न गुण : तमोगुण
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अनुकूल रंग: नीला, काला
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लग्न जाति: वैश्य
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शुभ दिन: शनिवार
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शुभ अंक: 8
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जातक विशेषता: कठोर परिश्रमी
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मित्र लग्न :कुम्भ
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शत्रु लग्न : सिंह
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लग्न लिंग: स्त्री
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मकर लग्न में जन्में जातक शरीर से पतले, मध्यम कद, पैनी आंखें, नाक चपटी के और प्रायः श्यामवर्ण और फुर्तीले हुआ करते हैं। इनके शरीर का गठन सुव्यवस्थित नहीं होता। प्रायः इनके शरीर का कोई अवयव अनुपात में कम या अधिक हेाता है।
मकर लग्न वाले व्यक्ति प्रायः उग्र स्वभाव के होते हैं. इनके स्वभाव में उत्साह के साथ-साथ झगडालू प्रकृति भी होती है। क्रोध आता भी धीरे- धीरे आता है व शांत भी देरी से होता है।स्तिथियों के अनुरूप अपने स्वभाव को ढालना आपको बहुत अच्छे से आता है. आप बहुत ही परिश्रमशील व उद्यमी व्यक्ति है तथा हिम्मत हारना व निराश होना आपके स्वभाव में नहीं है.
मकरलग्न में उत्पन्न जातक शांत तथा उदार स्वभाव के व्यक्ति होते हैं तथा अन्य जनों के प्रति उनके मन में प्रेम तथा सहानुभूति सदैव विद्यमान रहता है. मुख पर विचारशीलता, शांति एवं गम्भीरता सदैव विद्यमान रहती है . मकर लग्न में जन्मे जातक अत्यंत ही कम्रशील एवं परिश्रमी होते हैं फलतः सांसारिक महत्व के कार्यों को सम्पन्न करके उनमें सफलता अर्जित करते हैं।
इनमें कार्य करने की क्षमता प्रबंल होती है तथा यही इनकी सफलता का रहस्य होता है। इनमें सेवा का भाव भी रहता है तथा समाज एवं देश सेवा के प्रति ये उद्यत रहते हैं। ये साहसी एवं संघर्षशील होते हैं तथापि इनके मन में यदा-कदा उदासीनता के भाव की उत्पत्ति होती है जिससे सुख-दुख के समान भाव की अनुभूति करते हैं एवं त्यागमय जीवन व्यतीत करने के लिए ये उत्सुक रहते हैं। इनका स्वभाव अड़ियल होता है। जिस बात को करने की ठान लेंगे, उसे अवश्य करेंगे, भले ही इन्हें उसमें कितनी ही हानि क्यों न उठानी पड़े। इसके अतिरिक्त परिश्रमी एवं अध्ययनशील होने के कारण ये अनुसंधान विज्ञान या शास्त्रीय विषयों का ज्ञान अर्जित करके एक विद्वान के रूप में सामाजिक पहचान प्राप्त करते हैं।
आप स्वस्थ्य एवं बलशाली पुरूष होंगे तथा अपने आदर्शों पर चलने के लिए स्वतंत्र होंगे। आप अपने सभी कार्य अपनी बुद्दिमता से संपन्न करते हैं. । देश सेवा का भाव भी आपमें विद्यमान रहता है. आपके गुणों के कारण शत्रु भी आपसे प्रभावित रहते हैं. संगीत के प्रति आपकी विशेष रूचि रहेगी तथा इस क्षेत्र में अधिक परिश्रम और प्रयासों के बल पर आप विशिष्ट उपलब्धि भी अर्जित कर सकते है। आपकी श्रेष्ठ कार्यों को करने की रूचि आपको समाज में मान सम्मान दिलाएगी. आपका पुत्र एक प्रिसद्ध व्यक्ति होगा और आपको भी उसके कारण ख्याति मिलेगी.
आजीवन आप अपने पिता को आदर देंगे तथा उनकी सेवा करेंगे। आपकी आर्थिक स्थिति भी सुदृढ होगी तथा प्रचुर मात्रा में धन एवं लाभ अर्जित करेंगे। । आपकी युवावस्था संघर्षशील रहेगी परन्तु वृद्धावस्था में सुख एवं शांति प्राप्त करेंगे। मित्र एवं बन्धु वर्ग के आप प्रिय हेांगे तथा इनसे आपको पूर्ण लाभ सहयोग प्राप्त होगा। यदि आपका जन्म अभिजित नक्षत्र में है तो आपके अन्य भाई बहनों से सहायता की उपेक्षा हानि की सम्भावना अधिक है। आप के विनोदी स्वभाव के कारण अपरिचित से अपरिचित व्यक्ति भी आपके मित्र बन जायेंगे। सार्वजनिक कार्यों में आप बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे परन्तु आपका विवाहित जीवन पूर्णतः सुखी नहीं कहा जा सकता। पत्नी व आपके विचारों में असमानताऐं, आपके विवाति जीवन को कटुता से भर देंगी.
मकर लग्न के जातकों में व्यापार की समझ अच्छी होती है । आपका मस्तिष्क सक्रिय है। शनि के प्रभाव के कारण आपका भाग्योदय भी शनै-शनैः होता है। आपका भाग्य 30 वर्ष की आयु के पश्चात् चमकेगा, तथा 36 वर्ष के पश्चात् आपको भाग्य निर्माण तेजी से प्रारम्भ होना शुरू हो जाता है। आप विशिष्ठ प्रभाव वाले होने से आपकी राजकीय कार्यों में शीघ्र सफलता मिल जायेगी। आप ऊंची-ऊंची योजनाएं बनाने में सदा तत्पर रहते हैं। आय अधिक रहती है परन्तु व्यय उससे भी कहीं अधिक रहता है.
मकर लग्न के जातक अपनी दयनीय स्थिति का बोध अक्सर दूसरों के सामने करते हैं. ये बहुभोगी व विषयवासना से आसक्त रहने वाले व्यक्ति होते हैं। भोजन के बाद शीघ्र आराम करने की इच्छा रहती है। आपकी कथनी और करनी में प्रायः अंतर रहता है. अकेलापन आपको प्रिय है और आप स्वभाव से मिलनसार भी नहीं हैं . आपका व्यक्तित्व रहस्यमय हुआ करता है तथा कोई भी कार्यक्रम निश्चित नहीं रहता। कोई इनका दोष इन्हें बतला दे तो ये आपे से बाहर हो जाते है। ऐसे जातक वाचाल भी बहुत होते हैं तथा वाकशक्ति पर इनका कोई नियंत्रण नहीं होता। धर्म के प्रति भी आपके मन में श्रद्धा रहेगी।