मेष : मेष राशि वालों के लिए वर्ष 2016 में शनि की ढैया रहेगी क्योंकि शनि आपके अष्टम में स्थित है .
वृष : वृषभ राशि के जातकों के लिए वर्ष 2016 में ना तो शनि की ढैया है और ना ही साढ़े साती .
मिथुन : मिथुन राशि के जातकों के लिए भी इस वर्ष 2016 में शनि की साढ़े साती या ढैया नहीं रहेगी
कर्क: कर्क राशि के जातक भी इस वर्ष शनि के ढैया या साढ़े साती से मुक्त हैं .
सिंह : सिंह राशि वालों के लिए शनि चतुर्थ भाव में स्थित रहेगा इस लिये इस वर्ष ढैया रहेगी .
कन्या : कन्या राशि के जातक इस वर्ष पूरी तरह से शनि की ढैया और शनि की साढ़े साती से मुक्त है .
तुला: तुला राशि वालों के लिए इस वर्ष शनि के साढ़े साती का अंतिम दौर चलेगा , परन्तु पूरे वर्ष पर्यंत शनि के साढ़े साती का प्रभाव बना रहेगा और यह अगले वर्ष भी काफी समय तक रहेगा .तुला राशि वालों के लिए इस वर्ष शनि के साढ़े साती का अंतिम दौर चलेगा , परन्तु पूरे वर्ष पर्यंत शनि के साढ़े साती का प्रभाव बना रहेगा और यह अगले वर्ष भी काफी समय तक रहेगा . धन के मामलों को यदि छोड़ दिया जाये तो स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का अंत होगा. आप अपनी खोयी हुई पद-प्रतिष्ठा और मान- सम्मान पुनः प्राप्त करेंगे. तुला शनि की उच्च राशि है और शुक्र के साथ मित्रता है अतः उतरती साढ़े साती आपको काफी हद तक लाभ देने वाली है . शनि सादे साती का अंतिम दौर जाते जाते आपमें नयी उर्जा भर जायेगा ताकि आप अपने कष्टों को भूलकर नवीन कार्यों में सफलता प्राप्त करें. यह समय पुरानी असफलताओं को याद करने का नहीं है बल्कि नए मिले अवसरों से लाभ उठाकर नयी योजनाओं में कार्यरत होने का है.
वृश्चिक : वृश्चिक राशि वालों के लिए अत्यधिक सावधानी की अवश्यकता रहेगी क्योंकि वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शनि साढ़े साती का मध्य दौर रहेगा और इस वर्ष इसका प्रभाव अपने चरम पर होगा . शनि कि साढ़े सटी में स्थान परिवर्तन लगभग निश्चित होता है. कार्यस्थल या निवास स्थल में स्थानान्तरण में अवश्य होगा इसके लिए आप मानसिक तौर पर तयार रहें. मानसिक अशांति भी रहेगी. किसी भी तरह के निर्णय लेने में आपको कठिनाई होगी. शनि कि सीधी दृष्टि आपके सप्तम भाव पर पड़ने के कारण जीवन साथी से मन मुटाव या कार्य व्यापार में साझेदारों से अनबन होने कि भी संभावनाएं प्रबल है. वृश्चिक राशि के जातकों को घर परिवार में सुख शांति ओर प्रेम पूर्ण वातावरण बनाये रखने के लिए अधिक प्रयास करना पड़ेगा साथ ही साझेदारों के साथ भी मेल मिलाप बनाये रखने से वाद विवाद कि आशंका कम रहेगी. इस दौरान कोई भी कार्य जल्दबाजी में न प्रारंभ करें. किसी भी प्रकार के बड़े निर्णय लेने से बचें. जितना हो सके अपने आपको सहज रखने का प्रयास करें. अहंकार को हावी न होने दें. वाणी में मधुरता बांयें रखें. धन कि हानि होने कि सम्भावना बनी रहेगी अतः कार्य व्यापार से जुड़े निर्णय अकेले न लेकर किसी अनुभवी के परामर्श अनुसार ही करें. आलास का त्याग करें ओर स्वास्थ्य सम्बंधित जांच भली भांति कृते रहें. जन्म कुंडली में दशम भाव दूषित होने पर कोर्ट कचेहरी के मामलों में फसने का खतरा बना रहेगा. अत्यधिक परेशानी की स्थिति में वैदिक शनि शांति अनुष्ठान अत्यंत लाभकारी रहेगा . यदि वर्तमान में शनि साढ़े साती के अलावा यदि मारकेश की दशा भी चल रही हो तो महामृत्युंजय अनुष्ठान कराएँ .
धनु: धनु राशि के जातकों के लिए शनि के साढ़े साती का प्रथम चरण का दूसरा वर्ष रहेगा . धन के मामलों में आपको लाभ ही मिलेगा परन्तु भाग्य पक्ष में कमी का अनुभव करेंगे. पुराने चले आ रहे कर्जों से मुक्ति मिलेगी. स्वास्थ्य सम्बंधित कष्ट भी दूर होंगे. शत्रु आपके सामने टिक नहीं पाएंगे ओर परास्त होंगे. सभी प्रकार से स्थितियां अनुकूल रहेंगी परन्तु भाग्य पक्ष कमज़ोर होने के कारण आपको यदा कदा कष्ट होगा. कुछ बड़े निर्णय लेने में परेशानी हो सकती है. व्यय अधिक होने की सम्भावना बनी रहेगी. विदेश यात्रा या विदेशों से सम्बंधित कार्यों में सफलता प्राप्त करेंगे. धार्मिक कार्यों में रुझान बढेगा एवं आपके द्वारा कुछ धार्मिक कार्य संपन्न होंगे.
मकर : मकर राशि के जातक शनि की साढ़े साती और शनि की ढैया से पूरी तरह से मुक्त रहेंगे .
कुम्भ : कुम्भ राशि में जातकों के लिए वर्ष 2016 में ना तो शनि की ढैया रहेगी और ना ही शनि की साढ़े साती अर्थात आप इस दोनों के प्रभाव से मुक्त रहेंगे .
मीन: मीन राशि के जातकों के लिए भी वर्ष 2016 में ना तो शनि की साढ़े साती रहेगी और ना ही शनि की ढैया .
शुभम भवतु !