" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
Pt Deepak Dubey

Shardiya Navratri/ Navratri 2016/ नवरात्री 2016/ शारदीय नवरात्र/ शारदीय नवरात्री

प्रारंभ : 1 अक्टूबर (शनिवार) 2016

समापन :11 अक्टूबर (रविवार) 2016

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शरद ऋतु के आश्विन माह में आने के कारण इन्हें शारदीय नवरात्रों का नाम दिया गया है.  नवरात्री में माँ भगवती के सभी 9 रूपों की पूजा भिन्न – भिन्न दिन की जाती है. इंग्लिश कैलेंडर के अनुसार यह नवरात्र सितम्बर या अक्टूबर में आते हैं. शारदीय नवरात्रों का समापन दशमी तिथि को विजय दशमी के रूप में माना कर किया जाता है.  अतः आइये देखते हैं  इन दिनों में किसकी और कब पूजा की जानी चाहिए.

 

 1 अक्टूबर (शनिवार) ,2016 : घट स्थापन एवं  माँ शैलपुत्री पूजा

2 अक्टूबर (रविवार) ,2016 : प्रतिपदा

3 अक्टूबर (सोमवार) ,2016 : माँ ब्रह्मचारिणी

4 अक्टूबर (मंगलवार) ,2016 : माँ चंद्रघंटा पूजा

5 अक्टूबर (बुधवार) ,2016 : माँ कुष्मांडा पूजा

6 अक्टूबर (ब्रहस्पतिवार) ,2016 : माँ स्कंदमाता पूजा 

7 अक्टूबर (शुक्रवार) ,2016: माँ कात्यायनी पूजा

8 अक्टूबर (शनिवार) ,2016माँ कालरात्रि पूजा 

9 अक्टूबर (रविवार) ,2016: माँ महागौरी पूजा, दुर्गा अष्टमी 

10 अक्टूबर (सोमवार) ,2016: महा नवमी/माँ सिद्धिदात्री पूजा  

11 अक्टूबर (मंगलवार) ,2016 : नवरात्री पारण, दुर्गा विसर्जन, विजय दशमी

नवरात्रों में माँ भगवती की आराधना दुर्गा सप्तसती से की जाती है , परन्तु यदि समयाभाव है तो भगवान् शिव रचित सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ अत्यंत ही प्रभाव शाली एवं दुर्गा सप्तसती का सम्पूर्ण फल प्रदान करने वाला है.

पढ़ें – “नवरात्रों में किये जाने वाले लाभकारी अनुष्ठान 

 सप्तश्लोकी दुर्गा (सप्तशती) के लिए क्लिक करें 

जय माँ भगवती !

पं. दीपक दूबे (View Profile)


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