" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
Pt Deepak Dubey

वैधव्य/विधवा योग(Widow Yoga)

vidhwa

आज के आधुनिक युग में भी विधवा होना एक अभिशाप है . लोग भौतिक रूप से चाहे जितना भी आधुनिक क्यों ना हो जायें मानसिक विपन्नता अभी तक कम नहीं हुई है . एक विधवा स्त्री को जीवन में सिर्फ अपने जीवन साथी के कमी को ही नहीं झेलना पड़ता बल्कि उसे सामाजिक उपेक्षाओं का भी शिकार होना पड़ता है . आइये देखते हैं कैसे बनता है यह योग . ग्रहों की कौन सी स्थिति ऐसी होती है जो किसी स्त्री को विधवा बना सकती है

विशेष : वैसे इस युति को ही अंतिम परिणाम ना माने क्योंकि वैधव्य योग को पूरी तरह से प्रभावित होने के लिए पति की कुंडली में अल्पायु योग होना भी आवश्यक है और यदि उसकी कुंडली में पूर्ण आयु योग है तो यह निष्प्रभावी भी हो जाता है या दूसरे प्रकार के कष्टों का सामना करना पड़ता है परन्तु यदि वहां भी लग्नेश कमजोर है तो ये योग अत्यंत ही प्रभावी हो जाते हैं .

  • पाप दृष्ट मंगल यदि लग्न या चन्द्रमा से सप्तम भाव में स्थित हो तो वैधव्य योग बनता है.

  • सप्तम भाव में क्रूर ग्रह , शत्रु ग्रहों से दृष्ट हो तो वैधव्य योग बनता है.

  • लग्न से अष्टम भाव में क्रूर ग्रह नीच राशि, शत्रु राशि अथवा पाप ग्रह के वर्ग में हो तो पति की मृत्यु होती है.

  • सप्तमेश और अष्टमेश का सप्तम भाव या अष्टम भाव में , भाव परिवर्तन अथवा पाप ग्रहों से दृष्ट हो तो  विधवा योग बनता है.

  • सप्तम भाव में पाप ग्रह की राशि हो और वहां शनि स्थित हो तो विधवा योग बनता है.

  • लग्न और सप्तम भाव में , राहु केतु 1- 7 स्तिथि हो तथा अष्टम व् द्वादश भाव में क्रूर ग्रह या पाप ग्रह हों व कृष्ण पक्ष का चन्द्रमा छठे या आठवें भाव में होने से भी वैधव्य योग बनता है.

 

उपचार : यदि कुंडली में उपरोक्त योग बन रहे हों तो तुरंत ही सम्बंधित ग्रह की वैदिक शांति करायें और साथ ही अपने जीवन साथी के कुंडली की भी गंभीरता पूर्वक जाँच करायें और उसका भली भाँती उपचार करायें .. घटना से सावधानी बेहतर है .

शुभम भवतु !

ज्योतिषविद पं. दीपक दूबे  <View Profile>

यदि आप किसी भी प्रकार की पूजा /अनुष्ठान वैदिक रीति से कराना चाहते हैं तो क्लिक करें  – वैदिक पूजा एवं  अनुष्ठान   

Related Services By Pt. Deepak Dubey

 

 


Puja of this Month
New Arrivals
Copyright © 2017 astrotips.in. All Rights Reserved.
Design & Developed by : v2Web