पं. दीपक दूबे द्वारा
पं. दीपक दूबे द्वारावैदिक ज्योतिष के अनुसार गुरु
चंडाल योग एक अशुभ योग है, जिसमे कमज़ोर ब्रहस्पति या गुरु की युति राहु के साथ बनती है. इस युति के परिणाम इस बात
पर निर्भर करते हैं की यह युति किस घर में बनी है.
गुरु चंडाल दोष किसी भी व्यक्ति को बहुत अधिक महत् वाकांक्षी और स्व-केन्द्रित बना देता
है . स्वभाव के साथ साथ बोली में भी कडवाहट , दूसरों के प्रति आभारी न होना , नकारात्मक प्रवृत्ति परन्तु सफल बनाने
की योग्यता गुरु चंडाल योग में देखने को मिलती है. यह स्थिति मानसिक कष्ट , तनाव और वित्तीय घाटे की ओर भी संकेत
करती है. घरेलू और वैवाहिक जीवन भी इसके नकारात्मक प्रभाव से बच नहीं पाता.
गुरु चंडाल के नकारात्मक परिणामों को कम करने का एकमात्र प्रभावी उपाय है वैदिक गुरु चंडाल शांति अनुष्ठान.
वैदिक गुरु चंडाल शांति अनुष्ठान में शुभ महूर्त, दिशा, हवन समिधा का विशेष ध्यान दिया जाता है ताकि राहु और गुरु के
नकारात्मक प्रभावों को अधिक से अधिक घटाया जा सके. सभी प्रमुख कर्म काण्ड मेरी देख रेख में संपन्न होते है.
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