जनम कुंडली में गुरु (ब्रहस्पति) की स्तिथि से स्वास्थ्य, धन, धर्म की ओर झुकाव बुद्धिमत्ता, ज्ञान, बड़े भाई या बहन से सम्बन्ध, संतान, शिक्षा , चिंतन, सम्मान और प्रतिष्ठा, योग्यता, सद्गुण, सच्चाई, नैतिकता, आचार, प्रगति आदि का ज्ञान होता है. नीच का गुरु (ब्रहस्पति) विपरीत परिणाम देने में सक्षम है . ऐसा व्यक्ति अत्याथिक आशावादी , लापरवाह , जुआरी भी हो सकता हैं। धन, कानूनी विवाद और प्रजनन से सम्बंधित समस्याएं जीवन भर परेशान कर सकती हैं। पेट और कमर दर्द से सम्बंधित रोग भी प्रभावित कर सकते हैं. नीच का गुरु (बृहस्पति) या दूषित गुरु (बृहस्पति) के बुरे प्रभावों को कम करने के लिए वैदिक गुरु शांति अनुष्ठान ही एकमात्र उपाय है.
गुरु शांति अनुष्ठान में गुरु मंत्र+ जप+ स्तुति+और यज्ञ किया जाता है. वैदिक गुरु (बृहस्पति) शांति अनुष्ठान में शुभ महूर्त, दिशा, हवन समिधा का विशेष ध्यान दिया जाता है ताकि दूषित गुरु (बृहस्पति) के नकारात्मक प्रभावों को अधिक से अधिक घटाया जा सके.
सभी प्रमुख कर्म काण्ड मेरी देख रेख में संपन्न होते है.
अनुष्ठान (एक दिवसीय) | 21090 मंत्र जप +हवन | Rs. 9100/- | Request Now |
अनुष्ठान (आठ दिवसीय) | 84360 मंत्र जप +हवन | Rs. 31000/- | Request Now |