केपद्रूम योग तब बनता है जब चंद्रमा अत्यंत ही पीड़ित हो और
उसके आगे – पीछे कोई ग्रह ना हो और ना ही किसी शुभ ग्रह की उसपर दृष्टि हो . ऐसी स्थिति में व्यक्ति का मन
अत्यंत चंचल रहता है . आय के मामले में भी कई बार परेशानियों का सामना करना पड़ता है . कमजोर चंद्रमा यदि दूषित
ग्रहों के संपर्क में या उनके नक्षत्र में है तो यह वैवाहिक जीवन के लिए भी ठीक नहीं गलत लोगों के साथ सम्बन्ध
बनने की सम्भावना अत्यंत प्रबल होती है . केपद्रूम योग का बड़ा कारण कई बार कुंडली में पितृ दोष का होना भी होता
है .
केपद्रूम योग के प्रभाव को कम करने के लिए इसकी वैदिक शांति कराना सर्वोत्तम उपाय है.
केपद्रूम योग शांति अनुष्ठान के प्रारंभ में और अंत में रुद्राभिषेक+
चन्द्र जप (संख्या 49,840)+ स्तुति और यज्ञ किया जाता है.
वैदिक केपद्रूम शांति अनुष्ठान में शुभ महूर्त, दिशा, हवन समिधा का विशेष ध्यान दिया जाता है ताकि दूषित चंद्रमा के
नकारात्मक प्रभावों को अधिक से अधिक घटाया जा सके. सभी प्रमुख कर्म काण्ड मेरी देख रेख में संपन्न होते है.
वैदिक केपद्रुम शांति अनुष्ठान | चन्द्र मंत्र +रुद्राभिषेक+ जप+स्तुति और यज्ञ | Rs. 21,000/- USD: 350 $ | Request Now |