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मेष : तृतीयेश – षष्टेश बुध आपके पंचम भाव में प्रवेश करेगा , बुध का यहाँ आना शुभ है परन्तु राहु की उपस्थिति के कारण यह थोडा प्रभावित भी होगा अतः कुछ नकारात्मक परिणाम भी देगा विशेषकर संतान के मामले में इसके अलावा बौद्धिक कार्यों के लिए विशेष कर जहाँ जोड़ – तोड़ की आवश्यकता हो वहां बहुत सफलता मिलेगी . इस योग से बौद्धिक क्षेत्र में कार्य करने वालों को अधिक लाभ होगा . तर्क शक्ति उत्तम होगी, किसी भी प्रकार के तर्क से सम्बंधित प्रतियोगिता में सफलता मिलेगी, यह योग गर्भवती महिलाओं और संतान के स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है .
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वृष : लाभेश और पंचमेश बुध वृषभ राशि वालों के लिए बहुत योगकारी है जो अब आपके चतुर्थ भाव में राहु के साथ युति करेगा , यहाँ यह युति अत्यंत ही योगकारी होती परन्तु राहु की युति इसकी शुभता में कुछ कमी करेगा. इस समय जहाँ एक ओर जमीन – जायदाद के मामलों में कोर्ट – कचहरी के मामलों में सफलता मिलेगी वहीँ संतान को कष्ट तथा वाहन से हानि होने की संभावना भी प्रबल होगी विशेष कर यदि राहु या बुध की ही दशा या अंतर दशा हो तो .
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मिथुन : लग्नेश और सुखेश बुध अब आपके तृतीय भाव में प्रवेश कर रहा है , वैसे तो यह स्थिति बहुत बेहतर होती परन्तु राहु के होने से यह वाद – विवाद को बढ़ाने वाला हो जायेगा विशेष कर अपने करीबियों, मित्रों तथा भाई – बहनों से यह बुध राहु युति पराक्रम को और सोच को आवश्यकता से अधिक बढ़ाने वाली होगी , जन्म कुंडली में यदि बुध वक्री है या बुध राहु के साथ है तो यह गोचर और तनाव उत्पन्न करने वाला होगा . नास्तिकता हावी हो सकती है और निर्णय गलत हो सकते हैं अतः शांत रहने का प्रयास करें और राहु को हावी न होने दें.
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कर्क : कर्क लग्न के जातकों के लिए बुध द्वादश और तृतीय भाव का स्वामी है जो अब दूसरे भाव में प्रवेश करेगा जहाँ राहु पहले से ही विद्यमान है पुनः यह तर्क शक्ति को बहुत बढ़ाने वाला होगा परन्तु गलत निर्णय भी कराएगा जिससे धन की हानि हो अतः कार्य – व्यापार के मामले में बहुत सोच – समझ कर फैसले लें विशेष कर जब अति उत्साह आये तो थोडा ठहरें . वाणी कडवी और कठोर हो सकती है . इस समय धन एकत्रित करना अत्यंत ही कठिन होगा . नौकरी करने वाले लोगों को यदि बुध या राहु की दशा – अंतर हो तो नौकरी छूटने का भय बनेगा.
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सिंह : सिंह लग्न के जातकों के लिए बुध आर्थिक मामलों के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण ग्रह है क्योंकि यह दूसरे और एकादश भाव का स्वामी है जो अब आपके लग्न पर गोचर करेगा , यहाँ राहु और गुरु पहले से विद्यमान है अतः यह तर्क शक्ति – पराक्रम तथा बौद्धिक क्षमता को बल प्रदान करेगा . सिंह लग्न में यह युति अत्यंत ही सार्थक होगी यदि राहु की दशा ना हो तो. धन संचय में थोड़ी कठिनाई होगी परन्तु परिश्रम का लाभ भी मिलेगा , थोड़ी नास्तिकता प्रभावी रहेगी . यात्रायें अधिक होंगी . इस समय आपके ऊपर कोई झूठा आरोप लग सकता है अतः बहुत सावधानी बरतें .
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कन्या : कन्या लग्न के जातकों के लिए बुध लग्नेश और दशमेश है जो अब आपके द्वादश भाव में आ रहा है यहाँ यह गुरु और राहु से युति करेगा . यह युति और गोचर अत्यंत ही प्रतिकूल परिणाम देने वाले होंगे . इस समय सफलता मिलनी लगभग असंभव सी हो जाएगी. अनावश्यक के व्यय होंगे , निर्णय गलत होंगे , यात्रा में चोरी होने का प्रबल योग बनेगा अतः अपने सामान के प्रति बेहद सचेत रहें . पारिवारिक जीवन में भी कलह और कष्ट संभावित है साथ ही विवाह के योग्य लोगों के लिए भी यह बाधक बनेगा या सही फैसला नहीं होगा अतः बेहतर होगा गुरु और बुध के राशि परिवर्तन तक कोई फैसला ना लें .
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तुला : भाग्येश और द्वादशेश बुध अब आपके एकादश भाव में आ रहा है अतः आय में वृद्धि होगी इसमें कोई संदेह नहीं है परन्तु आय के स्रोत को जरुर देखना होगा विशेष कर उन लोगों के लिए जिनके कुंडली में भी बुध राहु की युति हो . प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिलने के बहुत अधिक आसार हैं परन्तु यह स्थिति संतान सुख में बाधा उत्पन्न करने वाली है विशेष कर यदि गुरु या राहु की दशा हो . इस समय पैतृक या दूसरों से विवादित धन मिलने की भी सम्भावना बहुत प्रबल रहेगी.
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वृश्चिक :अष्टमेश तथा लाभेश बुध अब आपके दशम भाव में आ रहा है यहाँ इस गोचर का परिणाम इस बात पर निर्भर करता है कि इस समय आपके लिए प्रभावी ग्रह कौन है यदि इस समय राहु प्रभावित हुआ तो कोर्ट – कचहरी के मामलों में दंड मिलने की प्रबल सम्भावना बनेगी परन्तु यदि बुध या गुरु प्रभावी हुआ तो धन खूब आयेगा साथ ही मान – प्रतिष्ठा भी खूब बढ़ेगी . इस समय यदि कोई भी नया कार्य प्रारंभ करेंगे तो उसमे भी बहुत लाभ होगा अतः यह समय नौकरी में परिवर्तन , नए कार्य – व्यापार इत्यादि के प्रारम्भ के लिए अत्यंत ही उपयुक्त रहेगा . पिता के स्वास्थ्य के लिए यह गोचर कष्टकारी रहने वाला है.
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धनु : धनु लग्न वालों के लिए बुध सप्तमेश और दशमेश है जो अब आपके नवम भाव में आ रहा है. यहाँ राहु उपस्थित रहते हुए भी बहुत प्रभावी नहीं हो पायेगा बल्कि यह बौद्धिक क्षमता को असीमित स्तर तक बढ़ाने वाला होगा (जन्म कुंडली में बुध और गुरु अच्छे हों तो ) . इस समय मान – सम्मान , पराक्रम , बौद्धिक क्षमता , भाग्य , प्रेम सम्बन्ध तथा पारिवारिक सुख में बहुत वृद्धि होगी . इस समय जीवन साथी के साथ मिलकर कार्य करने वालों को और अधिक सफलता मिलेगी . शिक्षा – प्रतियोगिता में भी सहज ही सफलता प्राप्त करेंगे .
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मकर : षष्टेश और भाग्येश बुध अब आपके अष्टम भाव में प्रवेश कर रहा है यहाँ यह एक ओर जहाँ कर्ज से और शत्रुओं से मुक्ति दिलाने में समर्थ होगा वही शिक्षा में अत्यंत ही बाधा उत्पन्न करेगा . संतान को लेकर भी चिंता उत्पन्न होगी या संतान को कष्ट होगा . कोई दीर्घ कालिक रोग उत्पन्न हो सकता है विशेष कर चर्म रोग , संक्रमण से सम्बंधित बीमारी , दमा इत्यादि फैलने का भय होगा या यदि पहले से है तो यह इस समय बढ़ सकता है अतः स्वास्थ्य के मामले में बेहद सतर्क रहें . वैवाहिक जीवन के लिए भी यह कष्टकारी हो सकता है साथ ही यह वाद – विवाद भी उत्पन्न करेगा .
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कुम्भ : कुम्भ लग्न के जातकों के लिए बुध अष्टम और पंचम भाव का स्वामी है जो अब आपके सप्तम, भाव में प्रवेश करेगा यहाँ बुध एक अशुभ तो दूसरा अत्यंत ही शुभ स्थान का स्वामी है , आपके ऊपर इसका बहुत अधिक प्रभाव होगा कि यह जन्म कुंडली में किस प्रकार से बैठा है यदि यह जन्म कुंडली में भी अष्टम भाव में ही बैठा है तो वैवाहिक जीवन अत्यंत ही दुष्कर होने वाला है साथ ही यदि साझदारी में कोई कार्य कर रहे हैं तो उसके टूटने की पूरी सम्भावना बनेगी . यह बुध कुछ लोगों के लिए प्रेम सम्बन्ध को बढ़ाने वाला होगा और कुछ के लिए नए रिश्ते उत्पन्न करने वाला , कुछ लोगों के लिए जिनकी पहले की शादी टूट चुकी है उनके लिए पुनः विवाह का रास्ता खोलेगा .
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मीन : मीन लग्न के जातकों के लिए बुध चतुर्थ और सप्तम भाव का स्वामी है जो अब छठे भाव में प्रवेश करेगा. बुध का यह गोचर मीन लग्न के जातकों के लिए सबसे अधिक प्रतिकूल परिणाम देने वाला होगा . इसके कारण वैवाहिक सुख में परेशानी , प्रेम संबंधों में दरार , कार्य – व्यवसाय में हानि के प्रबल योग बनेगे . इस समय में कोई भी किया हुआ प्रयास सफल नहीं होगा अतः निराशा उत्पन्न होगी . वाद – विवाद से जितना हो सके दूरी बनाये रखें अन्यथा यह अत्यंत ही हानि पहुँचाने वाला होगा . कुल मिलाकर यह समय अत्यंत ही प्रतिकूल रहने वाला है सावधानी बरतें .
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