Pooja Evam Anushthan/ पूजा एवं अनुष्ठान
वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को ‘अक्षय तृतीया/Akshya Tritiya’ या ‘आखा तीज’ कहते हैं. पुराणों के अनुसार इस तिथि में किये गये किसी भी शुभ कार्य का अक्षय फल मिलता है. हिन्दू धर्म की मान्याताओं के अनुसार बारहों महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि शुभ मानी जाती है परन्तु वैशाख माह की तृतीया तिथि की गणना स्वयांसिद्धि महुर्तों में की गयी है इसी कारण इस तिथि का विशेष महत्व है. अक्षय तृतीया (Akshya Tritiya) को किया गया जप तप हवन पूजन दान का फल कई गुना बढ़ जाता है अतः इस दिन माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने हेतु आप हवन पूजन करा सकते हैं.
वैदिक महालक्ष्मी पूजा एवं अनुष्ठान केवल धन सम्बन्धी समस्याओं के लिए ही नहीं बल्कि वैभव , सुख और समृद्धि के लिए भी किया जाता है.
वैदिक महालक्ष्मी पूजन एवं हवन : Request Now
कनकधारा पाठ : Request Now
श्री सूक्त पाठ : Request Now
कुबेर अनुष्ठान : Request Now
गणेश अनुष्ठान जीवन में आने वाली कई प्रकार की बाधाओं से जातक को मुक्त करता है. यदि आपके कार्यों में अनायास ही बाधाएं उत्त्पन्न हो रही हैं , नौकरी में कठिन परिश्रम के उपरान्त भी तरक्की न होना , व्यापार का न चलना यह सभी स्तिथियाँ किसी न किसी प्रकार के अनिष्ट तथा विघ्न के परिचायक हैं . ऐसे में विघ्नहर्ता गणेश अनुष्ठान सर्वोत्तम है.
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