विशेष :
शनि साढ़े साती का प्रभाव हमेशा चंद्र राशि से देखा जाता है । शनि एक राशि में ढाई साल रहते है शनि जिस भी राशि में होते है उस राशि को उसके पहले वाली राशि पर और जिस भी राशि में है उसके बाद वाली राशि पर शनि की साढ़े साती मानी जाती है । शनि 2023 में कुंभ राशि में प्रवेश कर रहे है जिस भी लोगों की चंद्र राशि मकर, कुंभ, मीन है उन लोगों पर शनि की साढ़े साती है । इस वर्ष धनु राशि वालों पर शनि की साढ़े साती का प्रभाव पूर्ण रूप से समाप्त हो रहा है । इस वर्ष मकर राशि पर शनि की साढ़े साती का अंतिम दौर प्रारंभ होगा, कुंभ राशि वालों के लिए साढ़े साती का मध्य दौर प्रारंभ होगा और मीन राशि वालों के लिए साढ़े साती का प्रथम दौर प्रारंभ होगा ।
जिन जातकों की लग्न राशि और चंद्र राशि एक हो यानी मकर, कुंभ और मीन हो उनके लिए शनि की साढ़े साती का प्रभाव अधिक होगा । यहाँ नकारात्मक और सकारात्मक से तात्पर्य नहीं है पर जिनकी लग्न राशि और चंद्र राशि अलग हो उनके प्रभाव में अंतर होगा । जिसकी भी शनि की दशा-अंतर्दशा चल रही हो या शनि मारकेश हो उनपे शनि का प्रभाव अधिक होगा ।
सामान्य अवस्था में यह देखा गया है की किसी बच्चे का जन्म साढ़े साती के समय हुआ हो तो उसकी साडे साती माता-पिता को भारी होती है । कई बार बच्चे के लिए भी अच्छी नही होती अगर शनि मारकेश हो तो दूसरी शनि की साढ़े साती आपके कॅरिअर और वैवहिक जीवन को अधिक प्रभावित करती है । तीसरी साढ़े साती अधिकांश लोगों के स्वास्थ्य पर प्रभाव डालती है । साढ़े साती को बहुत हलके में नहीं लेना चाहिए साढ़े साती आपके तीस सालों का लेखा-जोखा होता है । तीस सालों में आपने जिस भी चीजों को नजर अंदाज किया उसपर साढ़े साती का प्रभाव होगा । जैसे हमने कॅरिअर को नजर अंदाज किया तो उसपे प्रभाव पड़ेगा या हमने स्वास्थ्य को नजर अंदाज किया किसी दुर्व्यसन के कारण मान-प्रतिष्ठा पर बुरा प्रभाव होगा । किसी ने कोई अपराध किया या किसी ने चुपके कोई अपराध किया तो उसको कारावास की स्थिति उत्पन्न होगी । शनि कारावास कोर्ट कचेरी का प्रमुख कारक ग्रह है इसलिए शनि की स्थिति को जाना बहुत आवश्यक है ।
शनि की साढ़े साती में कुछ सामान्य उपचार :-
मकर राशि साढ़े साती :-
मकर राशि पर शनि की साढ़े साती का अंतिम दौर शुरू होने जारहा है । मकर राशि वालों के लिए शनि की तिसरी दृष्टि पड़ेगी चतुर्थ भाव और मेष राशि पर, सप्तम दृष्टि पड़ेगी सिंह राशि यानी अष्टम भाव पर और दशम दृष्टि पड़ेगी वृश्चिक राशि यानी आय स्थान पर रहेगी । शनि दूसरे यानी धन भाव में होने से आय और लाभ में वृद्धि होगी । शनि की तीसरी दृष्टि चतुर्थ भाव में होने के कारण माता के स्वास्थ्य में समस्या बहुत से लोगों को होगी । लेकिन उस व्यक्ति की वास्तविक कुंडली में ग्रह गोचर का क्या प्रभाव है उसी के अनुसार परिणाम प्राप्त होगा ।
परिवारिक मामलों में थोड़ी बहुत समस्या आसकती है कुछ मामलों में बड़ी कठनाएं भी हो सकती है । चतुर्थ भाव में राहु नवंबर तक रहेंगे और जनवरी से शनि की राहु पर दृष्टि रहेगी इस स्थिति में परिवारिक जीवन अस्त-व्यस्त रहेगा । अष्टम भाव पर शनि की दृष्टि के कारण स्वास्थ्य में भी समस्या उत्पन्न हो सकती है । ऐसी कोई बड़ी समस्या नही है लेकिन छोटी-मोटी समस्या के कारण स्वास्थ्य के लिए धन भी खर्च होगा ।
जमीन बेचने के लिए आपको इस समय लाभ प्राप्त होगा । पर जब तक राहु चतुर्थ भाव में है तब तक जमीन ना बेचे । यह वर्ष शिक्षा प्रतियोगिता के लिए लाभ देने वाला है, आपकी वाणी सार गर्भित होगी,
इस दौरान कुछ लोगों के कुछ चिंताये भी सतायेंगी, कुछ लोगों को अचानक एकाकी मेहसूस होगी, कुछ लोग खुद का आत्म चिंतन करेंगे । मकर राशि वालों को यह साडे साती धन-धान्य में वृद्धि करेंगे, कार्यक्षेत्र में वृद्धि होगी, परिवारिक जीवन में थोड़ी बहुत समस्या रहेगी । गंभीर चिंतन और आत्मचिंतन के लिए यह समय अच्छा रहेगा ।
शुभम भवतु
पं. दीपक दूबे (View Profile)