कुम्भ राशिफल 2025 सूर्य या चन्द्र राशि पर आधारित न होकर लग्न पर आधारित है. वर्ष 2025 का राशिफल कुम्भ लग्न के जातकों के स्वास्थ्य , व्यापार , भाग्य और वैवाहिक जीवन से सम्बंधित है. राशिफल 2025बहुत ही सामान्य आधार पर है अतः किसी विशेष परिस्थिति में अपनी कुंडली की जाँच कराकर ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचे . अच्छे या बुरे परिणाम आपकी वर्तमान दशा- अंतर दशा पर निर्भर करते हैं.
वर्ष की मुख्य बातें
शनि गोचर मीन में – 29 मार्च 2025
राहू गोचर कन्या से सिंह में तथा केतु गोचर सिंह कुम्भ में – 29 मई 2025
गुरु गोचर मिथुन में – 14 मई 2025 , 18 अक्टूबर को कर्क में और पुनः 5 दिसम्बर को मिथुन में
साढ़े साती – चन्द्र राशि कुम्भ के लिए अंतिम , मीन के लिए मध्य , और मेष के लिए प्रथम चरण प्रारंभ होगा
शनि की ढैय्या – चन्द्र राशि कर्क और वृश्चिक के लिए समाप्त तो सिंह और धनु के लिए ढैय्या प्रारंभ होगी
2 सूर्य ग्रहण- 29 मार्च तथा 21 सितम्बर
2 चन्द्र ग्रहण- 14 मार्च तथा 7 सितम्बर
सभी राशियों के लिए यह वर्ष दो तरह का प्रभाव देने वाला है आधा आधा क्योंकि मई तक चार ग्रह अलग राशियों में हैं और जून से अलग राशियों में. अतः यह वर्ष सभी के लिए अस्थिरता का है यह सारांश है किसी को पहले तो किसी को बाद में
मई 2025 तक की स्थिति
परिश्रम के अनुसार परिणाम उतना नहीं मिलेगा , हालाकि आत्मबल बढ़ा रहेगा और सोच भी संतुलित रहेगी
बचत में भारी कठिनाई महसूस होगी
कार्य क्षेत्र में शोषित महसूस करेंगे हलाकि बेरोजगारों को नौकरी मिलने की सम्भावना भी बनेगी
सर्जरी – चोट चपेट – रक्त स्राव की प्रबल सम्भावना बन रही है अतः ध्यान रखें
विवाह में बहुत अधिक बाधा आएगी साथ ही जीवन साथी से तेज वैचारिक मतभेद की सम्भावना भी बनेगी
परिवार में मांगलिक शुभ कार्य संपन्न होंगे
भूमि भवन वाहन इत्यादि लेने के लिए समय शुभ है
कोर्ट कचहरी के मामलों में सफलता मिलेगी
मई 2025 के बाद की स्थिति
मानसिक बेचैनी से परेशान रहेंगे , हालाकि किये श्रम का लाभ भी मिलेगा , पुराने बकाये की प्राप्ति संभव है
आय में अच्छी वृद्धि के संकेत हैं , शुभ कार्य सम्पादित होंगे
शिक्षा प्रतियोगिता में अच्छी सफलता के योग हैं
संतान प्राप्ति के लिए भी समय शुभ है , तथा संतान से सुख की अनुभूति होगी
निर्णय शक्ति बेहतर रहेगी
भाग्य वश होने वाले कार्यों में मदद मिलेगी
विवाह के लिए समय बहुत अच्छा नहीं लेकिन दूसरे विवाह के लिए कुछ सहयोगी समय है
जीवन साथी के साथ वैचारिक मतभेद उत्पन्न होंगे , व्यक्तिगत संबंधों को सँभालने में कठिनाई होगी