केतु का राशि परिवर्तन मीन राशि से कुम्भ राशि में 17 जनवरी , 2016 मंगलवार को मध्यान्ह लगभग 3 बजे हो रहा है
Ketu Transit in Aquarius Date: 17th January, 2016 ketu Transit in Leo Time: 3 PM
17 जनवरी 2016 को मध्यान लगभग 3 बजे केतु अपना राशि परिवर्तन करने जा रहा है. क्योंकि केतु की चाल वक्री है इसलिए केतु का ये राशि परिवर्तन उसकी उच्च राशी मीन से कुम्भ में होने जा रहा है. ज्योतिषीय मान्यतायों के अनुसार केतु एक छाया ग्रह है जिसकी न कोई अपनी राशि है ओर न ही कोई दृष्टि. जब केतु ग्याहरवें भाव यानी कुम्भ राशि में होगा तब ब्रहस्पति की सीधी दृष्टि उस पर पड़ेगी, परन्तु ब्रहस्पति राहु के साथ होने के कारण गुरु चांडाल दोष से प्रभावित रहेगा. अतः धर्म के वेश में पाप बढने की संभावना अधिक रहेगी. धार्मिक दिखावापन अधिक होगा ओर कुछ ढोंगियों कि पोल भी खुलेगी.
विशेष: केतु के राशि परिवर्तन के होने वाले यह परिणाम अत्यंत सामान्य आधार पर हैं , केवल केतु की दशा या महादशा में ही इसका प्रभाव अधिक होगा. साथ ही यह राशिफल मैंने लग्नराशि के आधार पर दिया है चन्द्र राशि या सूर्य राशि के आधार पर नहीं . पाठकों से अनुरोध है कि किसी विशेष परिस्थिति में अपनी कुंडली की जाँच कराकर ही किसी निश्चित निष्कर्ष पर पहुंचे .
मेष : केतु आपके एकादश भाव में आकर धन के आगमन के मामले में “राज योग” का सृजन करेगा. “गुरु चंडाल दोष” से प्रभावित ब्रहस्पति की दृष्टि बुद्धि को अनैतिकता की ओर प्रभावित करेगी. जहाँ राज योग के कारण धन खूब आयेगा वहीँ ब्रहस्पति की दृष्टि के कारण धन का आगमन अनैतिक मार्गों से भी हो सकता है. धन अर्जन सही मार्ग से हो इस मामले में आपको सचेत रहना है क्योंकि अनैतिक मार्गों से अर्जित संपत्ति भविष्य में समृद्धि नहीं देती . संतान के लिए भी यह योग शुभ नहीं है. विद्या और बुद्धि भी प्रभावित रहेगी. कूटनीति की ओर रुझान बढेगा.
वृष : केतु आपके दशम भाव में आकर “राज योग” का सृजन करेगा. धार्मिक कार्यों में आपकी रूचि बढेगी. यदि आप सामाजिक या राजनैतिक कार्यों से जुड़े हुए हैं तो निश्चित ही सफलता मिलेगी. दूषित बृहस्पति की दृष्टि के कारण छल कपट और द्वेष की भावना के साथ काम करने वालों को परिणाम भुगतने होंगे. अपने से बड़ों के साथ व्यवहार में सतर्कता बरतें. कोर्ट कचहरी के मामलों में भी सावधान रहें.
मिथुन : केतु का राशि परिवर्तन आपके नवम भाव में होने जा रहा है. वैसे केतु का नवम भाव में आना शुभ माना जाता है क्योंकि इससे भाग्य और पराक्रम में वृद्धि होती है. मिथुन राशि के जो जातक शिक्षा या प्रशिक्षण के क्षेत्र में हैं उनके लिए केतु का यह परिवर्तन शुभ समाचार लायेगा. धर्म के क्षेत्र में कार्य करने वालों के लिए भी यह समय शुभ है. भाग्य में वृद्धि होगी तथा रुके हुए कार्य बनेगे.
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कर्क: कर्क राशि के जातकों के लिए अष्टम भाव में केतु का राशि परिवर्तन होने जा रहा है. केतु का अष्टम भाव में होना कर्क राशि वालों के लिए हानिकारक है . यह स्वास्थ्य सम्बंधित समस्याएं उत्त्पन्न करेगा. घटना दुर्घटना से बचें, हिंसक जंतुओं से सावधान रहें. यह योग किसी बहुमूल्य वास्तु के खोने या चोरी होने की संभावनायों को बढाता है अतः सतर्क रहें. वाणी पर नियंत्रण रखें और पेट या पेट से निचले हिस्से से सम्बंधित किसी भी तरह की बीमारी से सावधान रहें.
सिंह : सिंह लग्न के जातको के लिए केतु का आगमन सप्तम भाव में होने जा रहा है. दूषित बृहस्पति की दृष्टि होने के कारण पारिवारिक जीवन में उथल पुथल होने की संभावना अधिक रहेगी. जीवन साथी , प्रेमी या व्यावसायिक साझेदारों से वैचारिक मतभेद भी हो सकता है. यदि जनम कुंडली में भी सप्तम भाव प्रभावित है तो केतु की दशा या अन्तर्दशा में पारिवारिक , व्यावसायिक और वैवाहिक जीवन में तनाव और अधिक बढ़ सकता है.
कन्या : केतु आपके छठे भाव में आ रहा है जो कि एक शुभ संकेत है. केतु का छठे भाव में आना आपको पुराने कर्जों से मुक्ति दिलाएगा. रोग व्याधि से छुटकारा मिलेगा. कोर्ट कचहरी के मामलों में आप विजयी रहेंगे. यदि जनम कुंडली में कोई बड़ा दोष नहीं है और 2016 में केतु की दशा या अन्तर्दशा से आप गुज़र रहे हैं तो आपकी अपने शत्रुओं पर विजय निश्चित है.
तुला: केतु आपके पंचम भाव में प्रवेश करने जा रहा है जिसके कारण आपकी इच्छा शक्ति बढ़ी रहेगी. आप शीघ्र ही हार नहीं मानेगें . जीवन में आने वाली कठिनाइयों में भी आपका उत्साह बढ़ा रहेगा और सदैव आगे बढ़ने की भावना आपमें रहेगी. धार्मिक कार्यों की ओर रुझान बढेगा. धार्मिक शिक्षण में भी रूचि बढ़ेगी. केतु की दशा या अन्तर्दशा से यदि आप गुज़र रहे हैं तो समाज, धर्म , परिवार , प्राच्य विद्या और ईश्वर के प्रति आपकी जागरूकता बढेगी. . संतान के प्रति भी सचेत रहें.
वृश्चिक : केतु का चतुर्थ भाव में आना आपके लिए कई प्रकार से हानिकारक है, अतः सचेत रह कर आप अपना समय व्यतीत करें. कोर्ट कचहरी का यदि कोई मामला चल रहा हो तो सावधान रहें. रोग आदि में भी सावधानी बरतें. किसी भी छोटी बीमारी को अनदेखा न करें. माता पिता के स्वस्थ्य का बेहद ख्याल रखें. और उनसे अपने संबंधों को बिगड़ने न दे.
धनु: केतु का राशि परिवर्तन आपके पराक्रम को बढाएगा. आप बहुत जोश के साथ काम करना चाहेंगे. दूषित बृहस्पति की दृष्टि पड़ने के कारण दूसरों से छल कपट और बलपूर्वक आप अपनी चीज़ों को पाने का प्रयास करेंगे. किसी भी प्रकार का कार्य आपके लिए असंभव नहीं रहेगा , केवल इतना ध्यान रखिये कि आपसे कोई अन्याय न हो जाये.
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मकर : केतु का आगमन आपके दुसरे भाव में होने जा रहा है जो कि सावधानी का संकेत दे रहा है. कोर्ट कचहरी के मामलों में सावधानी बरतें. धन को लेकर भी सचेत रहें. वित्तीय स्तिथि में उतार चढ़ाव की प्रबल संभावनाएं है. कार्य व्यापार में किसी भी तरह का जोखिम लेकर न चले. वाद विवाद से दूर रहे और वाणी पर नियंत्रण रखें.
कुम्भ : केतु आपके लग्न में आ रहा है. केतु लग्न में बहुत प्रभावशाली हो जाता है. यह आपको बहुत अधिक आत्मबल देगा, इस कारण हर चीज़ को पाने की आपकी इच्छा बहुत अधिक बढ़ जाएगी. सप्तम भाव में बृहस्पति और राहु के कारण वैवाहिक जीवन में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है. सामाजिक और धार्मिक कार्यकर्ताओं ,अन्न और मिटटी से जुड़े व्यापारियों के लिए यह समय काफी बेहतर होगा.
मीन: द्वादश भाव में केतु का आना आपके लिए कठिनाई पैदा कर सकता है. अनावश्यक खर्चे बढेंगे. वित्तीय स्थिति डावांडोल रहेगी. अनावश्यक यात्राएं तनाव बढ़ाएंगी. यदि जनम कुंडली में ही कोई दोष है तो इस समय आप में पलायन की प्रवृत्ति बढेगी. लग्न भंग योग के कारण आत्मबल और पराक्रम में कमी आयेगी. इच्छा शक्ति में कमी के कारण ही आप हर समस्या से भागने का प्रयास करेंगे.
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