कई बार ऐसा देखने में आता है कि आपके सामने अचानक और अकारण समस्यायें उत्पन्न हो जाती है , आपका विकास रुक जाता है , स्वास्थ्य ख़राब रहने लगता है , धन का आगमन रुक जाता है , पारिवारिक सुख और ताना – बाना छिन्न – भिन्न होने लगता है ऐसी विषम परिस्थिति बन जाती है कि कोई मार्ग नहीं सूझता है .. यह सभी लक्षण भयानक पितृ दोष या भयानक प्रेत बाधा के होते हैं और इसका उपचार ग्रह शांति नहीं है , ऐसे में माँ वनदुर्गा का अनुष्ठान ही एकमात्र रास्ता रह जाता है . इस अनुष्ठान में इतनी ताकत है कि किसी भी प्रकार का कोई भी टोना – टोटका , शत्रु – अभिचार , प्रेत बाधा इत्यादि कुछ भी हो उसका शमन होने लगता . यह अनुष्ठान तब भी किया जाता है जब पूर्वजों से कोई जघन्य अपराध हो गया हो और उसके कारण आपकी कुंडली बुरी तरह प्रभावित हो , ऐसी स्थिति में कोई भी श्राद्ध प्रक्रिया असरदार नहीं होती है और सिर्फ वनदुर्गा अनुष्ठान ही एकमात्र विकल्प बचता है
कब करें: माँ वनदुर्गा का अनुष्ठान किसी भी माह के प्रथमा तिथि से लेकर नवमी तिथि के बीच किया जा सकता है इसके अलावा प्रत्येक शनिवार के दिन से भी अनुष्ठान प्रारंभ कर सकते हैं , परन्तु ऐसी मान्यता है कि माँ भगवती से सम्बंधित अनुष्ठानों के लिए नवरात्र का समय सर्वोत्तम होता है और इसमें इसका परिणाम कई गुना अधिक होता है .
मात्रा: माँ वनदुर्गा का अनुष्ठान कम से कम 3 दिन से लेकर 9 दिनों का किया जाता है आवश्यकता अनुसार इसकी मात्रा बढाई भी जा सकती है या इसकी पुनरावृत्ति भी की जा सकती है .
सभी प्रमुख कर्म काण्ड मेरी देख रेख में संपन्न होते है.
माँ वन दुर्गा हवन (1 दिन) | Rs 5,100/- USD : 85 | Request Now |
माँ वन दुर्गा अनुष्ठान (3 दिन) | Rs 21,000/- USD : 350 | Request Now |
माँ वन दुर्गा अनुष्ठान (9 दिन) | Rs 51,000/- USD: 850 | Request Now |
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