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शिक्षा से सम्बंधितशुभ महूर्त |
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अक्षरारंभ हेतु शुभ महूर्त |
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वार | सोम, बुध, गुरु, शुक्र |
मास | जब सूर्य उत्तरायण हो |
पक्ष | शुक्ल |
तिथियाँ | द्वितीय, तृतीय,पंचमी, सप्तमी, दशमी, एकादश, द्वादश |
नक्षत्र | अश्विनी, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, हस्त, चित्रा, स्वाति, अनुराधा,ज्येष्ठा, रेवती, |
लग्न | वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला |
विशेष | सामान्यतः बालक या बालिका के तीसरे वर्ष के उत्तरार्ध में एवं चौथे वर्ष में अक्षर ज्ञान आरम्भ कराया जाता है. वैदिक मान्यताओं के अनुसार अक्षरारंभ से पूर्व माँ सरस्वती एवं गुरु पूजन शुभ माना गया है. |
विद्या आरम्भ हेतु शुभ महूर्त |
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वार | रवि, गुरु, शुक्र |
मास | जब सूर्य उत्तरायण हो |
पक्ष | शुक्ल |
तिथियाँ | द्वितीय, तृतीय,पंचमी, एकादशी, द्वादशी |
नक्षत्र | अश्विनी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, अश्लेशा,पूर्वाभाद्रपद, पूर्वाफाल्गुनी, पूर्वाषाढ़ा, हस्त, चित्रा, श्रावण, धनिष्ठा, शतभिषा |
लग्न | शुभ लग्न |
विशेष | भद्रा एवं कुयोग में वर्जित |