प्रारंभ : 1 अक्टूबर (शनिवार) 2016
समापन :11 अक्टूबर (रविवार) 2016
शरद ऋतु के आश्विन माह में आने के कारण इन्हें शारदीय नवरात्रों का नाम दिया गया है. नवरात्री में माँ भगवती के सभी 9 रूपों की पूजा भिन्न – भिन्न दिन की जाती है. इंग्लिश कैलेंडर के अनुसार यह नवरात्र सितम्बर या अक्टूबर में आते हैं. शारदीय नवरात्रों का समापन दशमी तिथि को विजय दशमी के रूप में माना कर किया जाता है. अतः आइये देखते हैं इन दिनों में किसकी और कब पूजा की जानी चाहिए.
1 अक्टूबर (शनिवार) ,2016 : घट स्थापन एवं माँ शैलपुत्री पूजा
2 अक्टूबर (रविवार) ,2016 : प्रतिपदा
3 अक्टूबर (सोमवार) ,2016 : माँ ब्रह्मचारिणी
4 अक्टूबर (मंगलवार) ,2016 : माँ चंद्रघंटा पूजा
5 अक्टूबर (बुधवार) ,2016 : माँ कुष्मांडा पूजा
6 अक्टूबर (ब्रहस्पतिवार) ,2016 : माँ स्कंदमाता पूजा
7 अक्टूबर (शुक्रवार) ,2016: माँ कात्यायनी पूजा
8 अक्टूबर (शनिवार) ,2016 : माँ कालरात्रि पूजा
9 अक्टूबर (रविवार) ,2016: माँ महागौरी पूजा, दुर्गा अष्टमी
10 अक्टूबर (सोमवार) ,2016: महा नवमी/माँ सिद्धिदात्री पूजा
11 अक्टूबर (मंगलवार) ,2016 : नवरात्री पारण, दुर्गा विसर्जन, विजय दशमी
नवरात्रों में माँ भगवती की आराधना दुर्गा सप्तसती से की जाती है , परन्तु यदि समयाभाव है तो भगवान् शिव रचित सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ अत्यंत ही प्रभाव शाली एवं दुर्गा सप्तसती का सम्पूर्ण फल प्रदान करने वाला है.
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जय माँ भगवती !
पं. दीपक दूबे (View Profile)