पौष पुत्रदा एकादशी का पौराणिक महत्व
पौष माह की शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है. पौष पुत्रदा एकादशी के देवता श्री नारायण हैं. पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत का पालन जो मनुष्य करता है उसे विष्णु भगवान् विष्णु से विद्वान् , लक्ष्मीवान एवं तपस्वी होने का पुण्य प्राप्त होता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जो मनुष्य एकादशी का व्रत नियमित रखते हैं उनपर भगवान् श्री नारायण की कृपा सदैव बनी रहती हैं.
पौष पुत्रदा एकादशी में भगवन विष्णु की पूजा ऋतुफल से की जाती है. पूजा के उपरान्त रात्रि को जागरण का विधान है.
पुत्र प्राप्ति के लिए पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाता है.
सागार: पुत्रदा एकादशी व्रत में गाय के ढूध का सागार लिया जाता है.
फल: पुत्रदा एकादशी का व्रत पुत्र पाप्ति के लिए किया जाता है. इसके पुण्य से मनुष्य तपस्वी, विद्वान् और धनवान होता है.