Akshay Tritiya Date 2018/ Tritiya Tithi 2018 / Akshay Tritiya Pooja Mahurt 2018/ अक्षय तृतीया तिथि 2018/ तृतीय तिथि 2018/ अक्षय तृतीया पूजा महूर्त 2018
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया “अक्षय तृतीया” के नाम से जानी जाती है. इस दिन स्नान , दान , जप , होम, स्वाध्याय , तर्पण आदि जो भी कर्म किये जाते हैं , वो सब अक्षय हो जाते हैं. सतयुग का आरम्भ भी इसी तिथि को हुआ था इसलिए इसे “कृतयुगादि तृतीया” भी कहते हैं. यह सम्पूर्ण पापों का नाश करने वाली एवं सभी सुखों को प्रदान करने वाली है.
इस सम्बन्ध में भगवान् श्री कृष्ण द्वारा ज्येष्ठ पांडू पुत्र राजा युथिष्ठिर को सुनाया गया यह आख्यान प्रिसिद्ध है:-
शाकल नगर में प्रिय और सत्यवादी , देवता और ब्राहमणों का पूजक धर्म नामक एक धर्मात्मा वणिक रहता था. उसने एक दिन कथा प्रसंगों में सुना कि यदि वैशाख शुक्ल की तृतीया रोहिणी नक्षत्र एवं बुधवार के दिन पड़े तो उस दिन दिया हुआ दान अक्षय हो जाता है. यह सुनकर उसने अक्षय तृतीया के दिन गंगा में अपने पितरों का तर्पण किया ओर घर आकर जल और अन्न से पूर्ण घट, सत्तू , दही चना, गुड़ , ईख, खांडऔर सुवर्ण श्रद्धा पूर्वक ब्राहमणों को दान दिया. कुटुंब में आसक्त रहने वाली उसकी स्त्री उसे बार बार रोकती थी, किंतु वह अक्षय तृतीया को अवश्य ही दान करता था.
कुछ समय के बाद उसका देहांत हो गया. अगले जन्म में वह कुशावती (द्वारका) नगरी के राजकुल में पैदा हुआ और वहां का राजा बना. दान के प्रभाव से उसके ऐश्वर्य और धन की कोई सीमा नहीं थी. उसने पुनः बड़ी बड़ी दक्षिणा वाले यज्ञ किये. वह ब्राहमणों को गौ, भूमि, सुवर्ण, आदि देता रहता और दीन दुखियों को भी संतुष्ट करता, किंतु उसके राज्य में धन की कभी कमी नहीं हुई. यह उसके पूर्वजन्म में अक्षय तृतीया के दिन दान देने का फल था.
अक्षय तृतीया का सर्वोत्तम दान
अक्षय तृतीया के दिन रस , अन्न, शहद, जल से भरे घड़े , तरह तरह के फल, जूते या ग्रीष्म ऋतु में उपयुक सामग्री दान करनी चाहिए.