चतुर्थी तिथि आरम्भ : 1 जुलाई , 5:54 PM
चतुर्थी तिथि समाप्त : 2 जुलाई , 8:20 PM
इस दिन ‘लम्बोदर’ नामक गणेश का विधि पूर्वक पूजन करना चाहिए .
व्रत का फल : भक्ति पूर्वक श्री गणेश का व्रत करने से सभी संकट दूर हो जाते हैं .
पूर्वकाल में माहिष्मती नगरी में महीजित नाम का धर्मात्मा राजा था ,उसके कोई पुत्र नहीं था . रात दिन पुत्र की चिन्ता में रहता ,पुत्र प्राप्ति के लिए दान पुण्य किया परन्तु पुत्र नहीं हुआ .राजा ने अपने राज्य के ब्राहमणों तथा प्रजा जनों को बुलाया और उनसे पुछा –हे ब्राह्मणों और प्रजाजनों !मैंने धर्मपूर्वक प्रजा का पालन किया . देव और ब्राहमणों की पूजा की . धैर्यपूर्वक अपने सारे कर्तव्यो का पालन किया , परन्तु मेरे सन्तान नहीं हैं , इसका क्या कारण हैं ?
सभी ने बहुत सोच विचार कर रजा के साथ वन में जाकर लोमेश मुनि से मिलकर इस समस्या का समाधान पूछना उचित समझा. ऋषि बोले – हे ब्राह्मणों ! राजा यदि भक्ति से संकटों के विनाशक श्री गणेश चौथ का व्रत करें . आषाढ़ मास में लम्बोदर का पूजन विधि पूर्वक करें तो सन्तान प्राप्ति होगी.
राजा ने सभी ब्राह्मणों और प्रजाजनों को सत्कार कर विदा किया और भक्तिपूर्वक गणेश चौथ का व्रत करने लगा . श्री गणेश की कृपा से सुद्क्षिणा रानी के गर्भाधान हुआ और दसवें मास सुन्दर पुत्र पैदा हुआ . राजा ने बहुत बड़ा उत्सव मनाया ब्राह्मणों तथा याचकों को बहुत सा धन दिया . श्री गणेश का ऐसा ही प्रभाव हैं . जो व्यक्ति भक्ति पूर्वक श्री गणेश का व्रत करता है उसके सभी संकट दूर हो जाते हैं . इस लिए सभी को इस व्रत को करना चाहिए
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