" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
Pt Deepak Dubey

Kark Rashifal 2017 : कर्क राशिफल 2017

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कर्क राशिफल 2016 

Aries

कर्क राशिफल 2017 सूर्य या चन्द्र राशि पर आधारित न होकर लग्न पर आधारित है. वर्ष 2017 का राशिफल कर्क लग्न के जातकों के स्वास्थ्य , व्यापार , भाग्य और वैवाहिक जीवन से सम्बंधित है. कर्क राशिफल 2017 बहुत ही सामान्य आधार पर है अतः किसी विशेष परिस्थिति में अपनी कुंडली की जाँच कराकर ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचे . अच्छे या बुरे परिणाम आपकी वर्तमान दशा- अंतर दशा पर निर्भर करते हैं.

 

 वर्ष 2017 में ग्रहों की स्थिति

  • बृहस्पति: गुरु वर्ष के आधे से अधिक समय तक यानी सितम्बर माह तक आपके तीसरे  भाव में बने रहेंगे.
  • शनि: जनवरी 2017 तक शनि आपके पंचम भाव में रहेगा और 26 जनवरी को अपने गोचर के उपरान्त शनि आपके छठे भाव में आ जायेगा.  26 जनवरी को शनि गोचर के प्रभाव जानने के लिए क्लिक करें 
  • राहु : राहु लगभग आधे वर्ष तक आपके दूसरे भाव में बना रहेगा तद्पश्चात प्रवेश करेगा आपके लग्न में .
  • केतु : केतु आपके अष्टम भाव में बना रहेगा वर्ष के लगभग  आधे समय तक और उसके बाद प्रवेश करेगा आपके सप्तम भाव में.
  • वर्ष 2017 के प्रारंभ में शुक्र, मंगल और केतु की युति बनेगी आपके एकादश भाव में
  • सूर्य और बुध की युति रहेगी आपके छठे  भाव में

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स्वास्थ्य: स्वास्थ्य की दृष्टि से यदि देखा जाये तो वर्ष 2017 कर्क लग्न के जातकों के लिए बेहद संवेदनशील है. वर्ष के आधे समय तक केतु आपके अष्टम भाव में है. शनि के गोचर के उपरान्त छठे भाव में आने के कारण शनि की दृष्टि भी अष्टम भाव पर पड़ेगी. हालांकि शनि की दृष्टि अपने ही घर पर होगी परन्तु शनि आपके लग्नेश चन्द्रमा का परम शत्रु है, जिसके कारण स्वास्थ्य पक्ष बेहद कमज़ोर रहेगा.

वर्ष 2017 के मध्य तक यही स्तिथि बनी रहेगी और उसके बाद राहु आपके लग्न पर आ जायेगा. इस प्रकार की ग्रह स्तिथियाँ कहीं से भी स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से आपके लिए अनुकूल नहीं हैं.  आपको कभी भी अचानक चोट लग सकती है या दुर्घटना हो सकती है. नर्वस सिस्टम से सम्बंधित कोई रोग का खतरा बन सकता है. रीढ़ की हड्डी से सम्बंधित रोग या दर्द उभर सकता है. यदि पहले से ही इन रोगों से आप ग्रसित हैं तो और अधिक सचेत रहने की आवश्यकता है. मन अशांत रहेगा. यदि आपकी जन्म कुंडली में भी चन्द्रमा अच्छी स्तिथि में नहीं है अर्थात आपकी कुंडली में विष्कुम्भ दोष, ग्रहण दोष, चन्द्रमा का अस्त होना या अमावस्या को जन्म होना, चन्द्रमा का राहु के साथ होना या चन्द्रमा का नीच राशिगत होना, यह सभी स्तिथियाँ स्वास्थ्य के प्रति आपको इस वर्ष संवेदनशील बनाती है. यदि वर्ष 2017 में आप शनि, राहु , केतु या बुध की दशा या अन्तर्दशा से  गुज़र रहे हो तो सावधानी की आवश्यकता पड़ेगी.

भाग्य : वर्ष 2017 , सितम्बर माह तक भाग्य आपके साथ बना रहेगा जिसके कारण आपकी आय बंद नहीं होगी. कुछ रुकावटों और मुश्किलों का सामना शायद आपको करना पड़े परन्तु भाग्य पक्ष का साथ होने के कारण आप दिशाहीन नहीं होंगे और आय के स्रोत बने रहेंगे. कठिन घड़ी में भी आखिर समय तक उम्मीद बनाये रखें क्योंकि आपको कहीं न कहीं से सहायता अवश्य मिल जाएगी और आप परेशानी से निकलने में सक्षम होंगे और आपकी बिगडती हुई बात बन जायेगी.

कार्य और व्यापार : आपके दूसरे भाव में इस वर्ष राहु विराजमान रहेंगे. अर्थात आपकी वाणी और बचत पर इस वर्ष राहु का प्रभाव बना रहेगा. जिसके कारण आप जितना भी धन अर्जित करें बचत न के बराबर रहेगी. इस स्तिथि को सरल भाषा में ‘धन के घड़े में छेद’ कहा जा सकता है. कभी कभी आय कम और व्यय अधिक की भी स्तिथि आएगी. हालाँकि केतु के अष्टम में होने के कारण अचानक धन लाभ भी होगा. इस वर्ष आपकी अचानक अकल्पनीय उन्नत्ति भी हो सकती है परन्तु धन आपके पास टिकेगा यह संदेह है.

इसी प्रकार छठे भाव में शनि का होना और व्यय स्थान पर शनि की दृष्टि पड़ना क़र्ज़ लेने की स्तिथि बनाता है. आपको अपने अनावश्यक खर्चों पर नियंत्रण रखना होगा नहीं तो कर्जा लेना पड़ सकता है. भारी धन हानि होने की भी संभावना है. किसी भी धन सम्बन्धी निर्णय को भावुकता, घबराहट या उतावलेपन में न लें. सोच में स्थिरता और धैर्य बनाये रखें. क्रोध और वाणी पर भी नियंत्रण रखें.

बौद्धिक पक्ष / शिक्षा : वर्ष 2017 में कर्क लग्न के जातकों पर उद्विग्नता हावी रहेगी . मन अशांत और बैचैन रहेगा,  जिसके कारण आप कोई भी निर्णय बहुत स्थिरता से नहीं ले पाएंगे. यह स्तिथि बौद्धिक स्तर पर आपके लिए नुकसानदेह साबित होगी. इंटरव्यू या प्रतियोगिता में ऐसी मानसिक स्तिथि से जाना कहीं से भी फलदायक नहीं होगा. यही हाल कार्य,व्यापार या नौकरी करने वालों का  भी है क्योंकि यदि मन अशांत और अस्थिर है तो निर्णय अपने आप प्रभावित होंगे और आशा के अनुरूप परिणाम नहीं देंगे. कर्क लग्न के जातक वैसे भी बहुत संवेदनशील होते हैं. दुनिया को देखने और समझने का आपका अपना अलग नजरिया होता है. कलात्मकता आपके व्यक्तित्व पर हावी होती है और आप एक सृजनात्मक प्रवृत्ति के इंसान होते हैं . इस वर्ष स्थिरता और धैर्य बनाये रखना आपके लिए आवश्यक है . कुल मिलकर यह वर्ष आपके लिए सामान्य रहने वाला है .

वर्ष 2017 में आपके अधिक उत्थान के लिए कारक ग्रहों को जानना आवश्यक होगा. इन ग्रहों की स्तिथि के अनुसार सफलता सामान्य ही रहेगी , उत्साहवर्धक सफलता पाने के लिए बहुत अधिक परिश्रम और प्रयास करने की आवश्यकता पड़ेगी.

वैवाहिक जीवन एवं समबन्ध: वर्ष 2017 का प्रथम माह प्रेम संबंधों के लिए अनुकूल है. यदि आप प्रेम सम्बन्ध में हैं और इस रिश्ते को आगे बढ़ाना चाहते हैं तो जनवरी माह से बेहतर समय पूरे वर्ष में नहीं मिलेगा. कर्क लग्न के जो जातक विवाह के इच्छुक हैं उन्हें भी जनवरी माह में विवाह कर लेना चाहिए क्योंकि इस माह के उपरान्त सितम्बर या अक्टूबर में ही समय अनुकूल होगा अन्यथा बहुत प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है.  विवाह यदि जनवरी के उपरान्त हुआ भी तो आपके लिए कष्टकारी हो सकता है.प्रेम संबंधों में कर्क लग्न के जातक बेहद संवेदनशील होते हैं. आप प्रेम दिल की गहराइयों तक करते हैं तथा आपने प्रेमी को किसी प्रकार का कष्ट आपको सहन नहीं होता है.  जनवरी माह को यदि छोड़ दें तो प्रेम संबंधों में भी इस वर्ष थोडा तनाव आएगा इसलिए संबंधों को बनाये रखने का प्रयत्न करें.

आवश्यक

  • बृहस्पति को छोड़ कर सभी ग्रहों की स्तिथियाँ आपके लिए इस वर्ष प्रतिकूल हैं.
  • शनि की स्थिति के कारण क़र्ज़ तो होगा परन्तु आप उसे चुकाने में भी समर्थ होंगे.
  • शत्रु आपके सामने सर नहीं उठा पाएंगे .
  • कोर्ट कचहरी के मामलों में सफलता मिलेगी.

संवेदनशील समय

  •  अमावस्या आपके मन मस्तिष्क के लिए बेहद संवेदनशील है.

उपाय

  • कमज़ोर चन्द्रमा हो तो पूर्णिमा को खीर और गाय के घी से हवन करें.
  • शहद, ढूध, देसी इत्र और जल से चन्द्रमा को अर्घ्य दें.
  • गहरे पानी से दूरी बनाये रखें.
  • सुनसान और वीराने में जाने से बचें.
  • भगवान् शिव की नियमित उपासना करें.
  • रुद्राक्ष की माला पर ‘ॐ नमः शिवाय’ या ‘ॐ रुद्राय नमः’ का जप करें.
  • अधिक परेशानी में ‘रुद्राभिषेक‘ कराएं
  • स्वस्थ्य सम्बन्धी परेशानी में ‘महा मृत्युंजय जप’ या ‘मृत संजीवनी अनुष्ठान’ कराएं.
  • यदि शनि कुपित हो या शनि की दशा अन्तर्दशा में ‘वैदिक शनि अनुष्ठान‘ या ‘शनि मृत्युंजय कराएं’.

 

शुभम भवतु 

पं. दीपक दूबे (View Profile)


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