" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
Pt Deepak Dubey

आमलकी एकादशी कथा/Amalki Ekadashi Katha

Ekadashi 2024/ एकादशी  2024

इस संदर्भ में कथा है कि विष्णु की नाभि से उत्पन्न होने के बाद ब्रह्मा जी के मन में जिज्ञासा हुई कि वह कौन हैं, उनकी उत्पत्ति कैसे हुई।

इस प्रश्न का उत्तर जानने के लिए ब्रह्मा जी तपस्या करने लगे। ब्रह्म जी की तपस्या से प्रसन्न  होकर भगवान विष्णु प्रकट हुए। विष्णु को सामने देखकर ब्रह्मा जी की नेत्रों से अश्रुधारा गिरने लगी.  इनके आंसू भगवान विष्णु के चरणों पर गिरने लगे। ब्रह्मा जी की भक्ति भावना देखकर भगवान विष्णु बहुत प्रसन्न हुए . ब्रह्मा जी के आंसूओं से आमलकी यानी आंवले का वृक्ष उत्पन्न हुआ।

भगवान विष्णु ने ब्रह्मा जी से कहा कि आपके आंसुओं से उत्पन्न आंवला मुझे बेहद प्रिय होगा ओर जो भी अमालिका एकादशी का व्रत करेगा उसके समस्त पापों का नाश होगा ओर उसे मोक्ष कि प्राप्ति होगी.

अमालकी एकादशी की कथा में इस संदर्भ में एक राजा की कथा का भी उल्लेख किया गया है जो पूर्व जन्म में एक शिकारी था। एक बार आमलकी एकादशी के दिन जब सभी लोग मंदिर में एकादशी का व्रत करके भजन और पूजन कर रहे थे तब मंदिर में चोरी के उद्देश्य से वह मंदिर के बाहर छुप कर बैठा रहा ओर लोगों के जाने की प्रतीक्षा करने लगा . इसी प्रकार भूखे पेट रहने के कारण शिकारी से अनायास ही आमलकी एकादशी का व्रत हो गया। कुछ समय बाद शिकारी की मृत्यु हुई और उसका जन्म एकादशी व्रत के प्रभाव से  राज परिवार में हुआ।

आमलकी एकादशी व्रत/Amalki Ekadashi Vrat

विजया एकादशी/ Vijaya Ekadashi                                                                                        


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