सिंहस्थ गुरु के संचारकाल में जब सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है, उस दिन हरिद्वार तीर्थ पर अर्द्ध कुम्भ का आयोजन होता है. इस दिन हरिद्वार में गंगा स्नान तथा जप , दान आदि का विशेष महत्व है. वर्ष 2016 , चैत्र शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि , बुधवार के दिन 13 अप्रैल, को अर्द्ध कुम्भ का पुण्य योग बन रहा है. हरिद्वार , प्रयाग, उज्जैन और नासिक इन चारों तीर्थों में क्रमशः 12 वर्षों के बाद पूर्ण कुम्भ का मेला लगता है. केवल हरिद्वार और प्रयाग में अर्द्ध कुम्भ का भी आयोजन किया जाता है. उज्जैन और नासिक में अर्द्ध कुम्भ मनाने की परंपरा नहीं है.
प्रथम स्नान
तिथि: 20मार्च 2016 (फाल्गुन शुक्ल द्वादशी ) रविवार
द्वितीय स्नान
तिथि: 7 अप्रैल 2016 (चैत्र अमावस ) बृहस्पतिवार
तृतीय स्नान
तिथि: 8 अप्रैल 2016 (चैत्र शुक्ल प्रतिपदा ) शुक्रवार
विशेष : नवसंवत्सर और नवरात्र आरम्भ तिथि
चतुर्थ (प्रमुख) स्नान
तिथि: 13 अप्रैल 2016 (चैत्र शुक्ल सप्तमी ) बुधवार
विशेष : मेष संक्रांति
संक्रांति पुण्यकाल आरम्भ- 13:23
अरुणोदय कालिक स्नान (प्रातः) 4:27 से 5:57
पंचम स्नान
तिथि: 14 अप्रैल 2016 (चैत्र शुक्ल अष्टमी ) बृहस्पतिवार
षष्ठ स्नान
तिथि: 17 अप्रैल 2016 (चैत्र शुक्ल एकादशी ) रविवार
सप्तम स्नान
तिथि: 22 अप्रैल 2016 (चैत्र पूर्णिमा ) शुक्रवार
विशेष : चैत्र पूर्णिमा चित्रा नक्षत्र में होने के कारण गंगा स्नान हेतु मोक्षदायनी
अष्टम स्नान
तिथि: 3 मई 2016 (वैशाख कृष्ण पक्ष एकादशी ) मंगलवार
नवम स्नान
तिथि: 6 मई 2016 (वैशाख कृष्ण पक्ष एकादशी ) शुक्रवार
विशेष : अंतिम स्नान
जानिये
*कुम्भ का महत्व *महाकुम्भ और शाही स्नान की तिथि *अप्रैल माह के व्रत एवं त्यौहार