प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में कोई ना कोई मित्र और शत्रु अवश्य होता है , मित्रता और
शत्रुता एक सामान्य बात है परन्तु कई बार ऐसा होता है कोई आवश्यकता से अधिक शत्रुता कर बैठता है वह इस हद तक चला
जाता है कि आपका जीना कठिन हो जाता है . कोर्ट – कचहरी के ऐसे चक्कर लगते हैं कि सारे सुख – चैन समाप्त हो जाते हैं
ऐसे में माँ बंगलामुखी का अनुष्ठान अत्यंत ही लाभदायक होता है . कठिन से कठिन शत्रु समाप्त होने लगते हैं , बड़ी से
बड़ी विपत्ति आसान होने लगती है . शत्रु के कारण उत्पन्न परेशानियां तथा ज्ञात – अज्ञात बाधाओं से छुटकारा पाने में
माँ बंगलामुखी अनुष्ठान अत्यंत ही सहायक सिद्ध होता है . यदि आप स्वयं गलत नहीं है और वास्तव में दूसरों के कारण
परेशान हैं तो यह अवश्य ही लाभकारी है .
कब करें : माँ बंगलामुखी का अनुष्ठान किसी भी माह के प्रथमा
तिथि से लेकर नवमी तिथि के बीच किया जा सकता है इसके अलावा प्रत्येक मंगलवार के दिन से भी अनुष्ठान प्रारंभ कर सकते हैं
, परन्तु ऐसी मान्यता है कि माँ भगवती से सम्बंधित अनुष्ठानों के लिए नवरात्र का समय सर्वोत्तम होता है और इसमें इसका
परिणाम कई गुना अधिक होता है .
मात्रा : माँ बंगलामुखी का अनुष्ठान कम से कम 3 दिन का और
अधिकतम 9 दिनों का किया जाता है
दक्षिणा राशी :
बंगलामुखी अनुष्ठान (3 दिवसीय) | Rs. 21,000/-350 USD | Request Now |
बंगलामुखी अनुष्ठान (9 दिवसीय) | Rs. 51,000/-850 USD | Request Now |
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