" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
Pt Deepak Dubey

Chandra Grahan 2017/Lunar Eclipse 2017/चन्द्र ग्रहण 2017

chandra grahan

पहला  चन्द्र  ग्रहण

तारीख : 11 फ़रवरी (शनिवार), 2017

ग्रहण का समय (भारतीय समयानुसार) :  4:04 AM से 8:23 AM

सूतक का समय  : भारत में सूतक मान्य नहीं है.

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यह ग्रहण चन्द्रमा के अस्त और सूर्योदय के प्रारंभ के समय घटित होगा इसलिए इस उपछाया चन्द्र ग्रहण का केवल प्रारंभ एवं मध्य ही विशेष दूरबीन द्वारा देखा जा सकेगा.  भारत के अतिरिक्त यह छाया ग्रहण अधिकतर एशिया (जापान को छोड़कर), यूरोप , अफ्रीका उत्तरी एवं दक्षिणी अमरीका , प्रशांत एवं हिन्द महासागर में दृश्य होगा.

उपछाया  ग्रहण  वास्तव में चन्द्र ग्रहण नहीं होता है. प्रत्येक चन्द्र ग्रहण घटित होने से पूर्व चन्द्रमा पृथ्वी की उपछाया में अवश्य प्रवेश करता है, जिसे Penumbra भी कहा जाता है.  उसके पश्चात ही चन्द्रमा पृथ्वी की वास्तविक छाया में प्रवेश करता है और इसी अवस्था को ग्रहण कहा जाता है.

उपछाया के समय चन्द्र  बिम्ब केवल धुंधला रहता है , पूर्ण रूप से काला नहीं होता है. इस धुंधलेपन को नंगी आँखों से देखा नहीं जा सकता है. कई बार चन्द्रमा उपछाया से प्रवेश कर वहीँ से बहार निकल आता है जिसको विद्वान् ग्रहण की संज्ञा नहीं देते हैं.

यदि आपकी कुंडली में ग्रहण दोष  है तो “ग्रहण दोष शांति पूजा” के लिए यह दिन सर्वोत्तम है. “पितृ दोष शांति ” और  “वैदिक चन्द्र शांति पूजा ” के लिए भी यह दिन उपयुक्त माना जाता है. इस दिन किये गये कार्यों का प्रभाव कई गुना अधिक हो जाता है इसलिए मन्त्र सिद्धि और किसी भी तरह के धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए ग्रहण का  दिन अत्यंत ही उपयुक्त माना गया है.

 

chandra grahan

दूसरा  चन्द्र  ग्रहण

तारीख : 7 -8 अगस्त (सोमवार) , 2017

ग्रहण का समय (भारतीय समयानुसार) –  22:42 से  24:48

सूतक का समय  – 7 अगस्त (सोमवार) को  13 :42 से प्रारंभ 

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7 अगस्त 2017 श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा की रात्रि को खण्डग्रास चन्द्र ग्रहण होगा, जिसे पूरे भारतवर्ष में देखा जा सकेगा. भारत के अतिरिक्त यह ग्रहण पाकिस्तान , अफगानिस्तान , ईरान, ईराक , सऊदी अरब, इथोपिया , केन्या, तंज़ानिया , दक्षिण अफ्रीका, रूस, चीन, मंगोलिया, मयन्मार, ऑस्ट्रेलिया , जापान, थाईलैंड, सिंगापुर आदि से भी इस अल्प्ग्रास चन्द्र ग्रहण को कुछ समय के लिए देखा जा सकेगा.

सोमवार को होने वाले चन्द्र ग्रहण को ‘चूड़ामणि चन्द्र ग्रहण’ भी कहा जाता है. चूड़ामणि ग्रहण में होने वाले पूजा पाठ , यज्ञ, दान पुण्य का फल अनंत माना गया है.

यदि आपकी कुंडली में ग्रहण दोष  है तो “ग्रहण दोष शांति पूजा” के लिए यह दिन सर्वोत्तम है. “पितृ दोष शांति ” और  “वैदिक चन्द्र शांति पूजा ” के लिए भी यह दिन उपयुक्त माना जाता है. इस दिन किये गये कार्यों का प्रभाव कई गुना अधिक हो जाता है इसलिए मन्त्र सिद्धि और किसी भी तरह के धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए ग्रहण का  दिन अत्यंत ही उपयुक्त माना गया है.

 

 


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