हिन्दू पंचांग अनुसार प्रत्येक 11 वी तिथि को एकादशी व्रत का विधान है . हिन्दू शास्त्रों के अनुसार ऐसी मान्यता है कि एकादशी उपवास रखने से भगवन विष्णु अपने भक्तों से प्रसन्न होते हैं एवं आजीवन उन पर अपनी कृपा बनाये रखते हैं. एकादशी एक माह में दो बार आती है एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में.
भगवान् विष्णु को प्रसन्न करने के लिए उनके भक्त एकादशी का कठोर उपवास तीन दिनों तक रखते हैं. एकादशी के दिन अन्न का दाना भी पेट में न रहे ऐसा सोचते हुए एकादशी से एक दिन पूर्व ही भक्तगण अन्न त्याग देते हैं. एकादशी के दिन व्रत के कठोर नियमों का पालन करते हुए अगले दिन प्रातः काल सूर्योदय के पश्चात ही एकादशी व्रत का पारण करके भोजन ग्रहण करते हैं.
एकादशी में बिना जल , जल के साथ , फल या एक समय के सात्विक भोजन के साथ व्रत रखने का विधान है. एकादशी व्रत में किसी भी प्रकार का अन्न ग्रहण करना वर्जित है.