माघ शुक्ल एकादशी का नाम ‘जया एकादशी’ है। इसका व्रत करने से मनुष्य ब्रह्म हत्यादि पापों से छूट कर मोक्ष को प्राप्त होता है तथा इसके प्रभाव से भूत, पिशाच आदि योनियों से मुक्त हो जाता है। इस व्रत को विधिपूर्वक करना चाहिए। इस दिन दीप नैवैद्य से भगवान् विष्णु की पूजा की जाति है.
सागार : इस दिन गूंद्गिरी के सांठे का सागार लिया जाता है.
फल : इस जया एकादशी के व्रत से बुरी योनि छूट जाती है। जय एकादशी का व्रतकरने से सभी प्रकार के यज्ञ, जप, दान आदि का पुणे प्राप्त होता है. जो मनुष्य जया एकादशी का व्रत करते हैं वे अवश्य ही हजार वर्ष तक स्वर्ग में वास करते हैं।