" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
Pt Deepak Dubey

Jyeshtha Chaturthi/Jyeshtha Sankashti Ganesh Chaturthi/ Sankashti Chaturthi/ Shri Ganesh Chaturthi/ज्येष्ठ चतुर्थी/श्री गणेश चौथ व्रत कथा /ज्येष्ठ मासी गणेश चतुर्थी/ गणेश चतुर्थी

angaarki chaturthi

ज्येष्ठ  संकष्टी चतुर्थी व्रत तिथि 3 मई (बृहस्पतिवार) 2018 

चतुर्थी तिथि आरम्भ : 3 मई , 09:05

चतुर्थी तिथि समाप्त : 4 मई , 11:00

इस दिन ‘मूषकरथ’ नामक गणेश जी की पूजा करनी चाहिए तथा घी के बने प्रदार्थ का भोग लगाना  चाहिए .

व्रत का फल : ज्येष्ठ मास की चौथ सौभाग्य दायक हैं

ज्येष्ठ गणेश चौथ व्रत कथा 

 

पूर्वकाल में पृथु के राज्य में एक जयदेव नाम का ब्राहमण रहता था, उसके चार बेटे थे . उसने वैदिक विधि से उनका विवाह कर दिया . सबसे बड़ी बहु अपने सास से बोली माता जी ! जबसे व्रत करने योग्य हुई हूँ ,संकट नाशक गणेश चौथ का व्रत करती चली आ रही हूँ ,मुझे आज्ञा दें कि मैं इस व्रत को आगे भी करू . पुत्र-वधु के वचन सुनकर ससुर बोला –बहु तुम्हे किस बात का दुःख है जिसके लिए व्रत करोगी ?तुम खूब खाओ पियो और आराम से अपने सुख को भोगों पुत्र-वधु ने भी ऐसा ही किया वे आराम से सुख से रहने लगी.

 कुछ समय बाद पुत्र की प्राप्ति हुई समय बितता गया पुत्र भी विवाह के योग्य हो गया गणेश व्रत छूटे काफी समय हो गया ,गणेश देव रुष्ट हो गए . बेटे के विवाह में सुमंगली के समय गणेश जी ने पुत्र का हरण कर लिया तब बड़ा ही हाहाकार मचा .माँ ने जब अपने बेटे के हरण का समाचार सुना तो वह रोने लगी और ससुर से बोली आपने गणेश चौथ व्रत छुड़ा दिया इससे मेरा पुत्र लोप हो गया .जयदेव भी बहुत दु:खी हुआ अब पुत्र-वधु फिर से गणेश जी की प्रार्थना कर व्रत करने लगीं .

एक समय गणेश जी दुर्बल ब्राह्मण का रूप धारण करके वह आये और बोले बेटी – क्षुधा की शांति के लिए भिक्षा दें . जयदेव बेटे की बहु ने अत्यन्त प्रसन्नता के साथ ब्राहमण का पूजन कर भोजन कराया . ब्राह्मण-रूपधारी गणेश जी बोले – कल्याणी! मैं तुझ पर प्रसन्न हूँ वर मांगो जयदेव की पौत्र-वधु बोली हे विघ्नेश्वर ! आप प्रसन्न हैं तो मेरा पति मुझे प्राप्त हो . तेरा वचन सत्य होगा और अंतर्ध्यान हो गए . कुछ समय बाद वह बालक घर आ गया . सभी बहुत प्रसन्न हुए  , विधि अनुसार विवाह कार्य सम्पन्न किया . ज्येष्ठ मास की चौथ सभी कामनाओं को पूर्ण करने वाली हैं .

वैशाख संकष्टी गणेश चतुर्थी      संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत तिथि 2018     अषाढ़ संकष्टी गणेश चतुर्थी     


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