लग्न स्वामी : बुध
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लग्न तत्व: पृथ्वी
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लग्न चिन्ह:हाथ में अग्नि लिए कुवांरी कन्या
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लग्न स्वरुप: द्विस्वभाव
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लग्न स्वभाव: सौम्य
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लग्न उदय: दक्षिण
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लग्न प्रकृति: वात प्रकृति
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जीवन रत्न: पन्ना
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अराध्य: गणपति
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लग्न गुण: तमोगुण
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अनुकूल रंग: हरा
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लग्न जाति: वैश्य
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शुभ दिन: बुधवार
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शुभ अंक:05
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जातक विशेषता:अति व्यवहारिक
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मित्र लग्न :मिथुन,मेष,सिंह,तुला
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शत्रु लग्न : कर्क
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लग्न लिंग: स्त्री
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कन्या लग्न में जन्मा जातक मझोले कद और समान्यतः भरे हुए चेहरे वाला होता है. नेत्र काले और घुंघराले बाल इनकी पहचान होती है. कन्या लग्न के जातकों में स्त्री स्वभाव की झलक साफ़ दिखाई देती है. कन्या राशि में यदि चन्द्रमा हो तो मनुष्य में स्त्रियों के हाव भाव आना स्वाभाविक है. लज्जा, संकोच युक्त दृष्टि एवं झुके हुए कंधे एवं लटकी हुई भुजाएं ऐसे मनुष्य के लक्षण होते हैं.
यदि कन्या लग्न में जन्म हो तो मनुष्य विशेष ज्ञान की लालसा रखने वाला होता है. सदा ही विद्या अर्जन में समय व्यतीत करने वाला कन्या लग्न का जातक अनेक कलाओं में निपुण होता है. शास्त्रों के अर्थ को समझने वाला, स्वभाव से धार्मिक एवं बुद्धिमान होता है. आपको राजनीति में सफलता तथा मेडिकल और सामाजिक कार्यों में रूचि रहेगी.
इस लग्न में जन्में जाजकों का स्वभाव ही कुछ ऐसा होता है कि ये हर कार्य में जल्दी करते है, कोई भी कार्य करने से पहले उसके बारे में पूर्णतया विचार नहीं करते। भावुक होने के कारण अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रख पाते। ऐसे जातक सदा दिवास्वप्न देखते रहते हैं। चारपाई पर पड़े-पड़े ही इनके मस्तिष्क में योजनाऐं बनती रहती है और ये उनके पूरा होने के बारे में सोचते रहते हैं। यदि इन्हें हवाई किले बनाने वाला कहा जाये तो भी असत्य नहीं होगा।
अधिक भावुकता के कारण कभी कभी बिना सोचे समझे आप निर्णय ले लेते हैं और अपनी हानि करा बैठते हैं. कोमल प्रकृति के कारण शीघ्र ही घबरा जाना आपके स्वभाव में है. कन्या लग्न में जन्मे जातक को अक्सर दूसरों के धन एवं मकान प्राप्त करते देखा गया है. जन्म स्थान से दूर रहकर कन्या लग्न के जातक अपने जीवन में उन्नत्ति कर पाते हैं. कन्या लग्न के जातक स्वभाव से लोभी और सदैव गुरु की संगती की लालसा रखने वाला होता है. स्त्रियों के संग की लालसा सदैव इनके ह्रदय में रहती है. रति क्रिया से प्रेम करने वाला और समाज में मान सम्मान की इच्छा रखने वाला भी होता है.
इनकी बातों से कोई निष्कर्ष निकालना आसान नहीं होता, क्योंकि ऐसे जाते द्विअर्थी बातें करते हैं। विद्याध्ययन की ओर इनका विशेष रुझान होता है तथा राजनीति के क्षेत्र में ये प्रसिद्धि अर्जित कर लेते हैं। अपने थोड़े-से लाभ के लिए दूसरे की बड़ी से बड़ी हानि कर सकते हैं, अतः इन्हें स्वार्थी भी कहा जा सकता है।
भावुक होने के कारण निरन्तर संघर्ष करते-करते जब ये हिम्मत हार जाते हैं तब इनमें हीनता की भावना आ जाती है। विपरीत योनि के प्रति इनका झुकाव होना स्वाभाविक है, किन्तु प्रणय-प्रसंगों में इन्हें सफलता भी मिल जाये, ऐसा नहीं देखा गया।
कन्या लग्न में पैदा हुआ जातक मधुर भाषी , सौभाग्यशाली एवं अनेक गुणों से युक्त होता है. आपको पत्नी पक्ष से तनाव रहता है तथा इनके घर कन्या संतति की अधिकता रहती है. कन्या लग्न में जन्मे जातक अपने भाई बहनों से बहुत प्रेम करते हैं.कन्या लग्न का जातक दो विरोधी पक्ष में मेल बैठाने में निपुण होता है. मीठे वचनों द्वारा अपना कार्य निकलवाना कन्या लग्न के जातकों को बहुत अच्छे से आता है.
स्वभाव से विलासी, चंचल और मनोरंजन प्रिय होते हैं कन्या लग्न के जातक. बुध की प्रधानता के कारण कन्या लग्न में जन्मे जातकों पर संगत का असर अति शीघ्र पड़ता है. सामने वाले की दिल की बात समझने में आप तेज़ होते हैं और उसकी गलतियां बताने में भी आप आगे रहते हैं. अत्यंत बुद्धिमानी और अनेक कलाओं में निपुण कन्या लग्न के जातक धार्मिक प्रवृत्ति के होते हैं.
सावधानी: अत्यधिक क्रोध एवं उग्रता से बचें.