लग्न स्वामी : चन्द्र
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लग्न तत्व: जल
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लग्न चिन्ह : केकड़ा
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लग्न स्वरुप: चर
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लग्न स्वभाव: सौम्य
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लग्न उदय: उत्तर
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लग्न प्रकृति: कफ प्रकृति
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जीवन रत्न:मोती
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अराध्य: भगवान् शिव
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लग्न गुण: सतोगुण
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अनुकूल रंग:सफेद, क्रीम
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लग्न जाति: ब्राह्मण
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शुभ दिन: सोमवार
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शुभ अंक: 2
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जातक विशेषता: भावुक
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मित्र लग्न : वृश्चिक, मीन ,तुला
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शत्रु लग्न :मेष, धनु, सिंह
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लग्न लिंग: स्त्री
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कर्क लग्न का स्वामी “चन्द्रमा ” एक शीतल सौम्य यावं शुभ ग्रह है . चन्द्रमा का सबसे अधिक असर किसी भी जातक की मनः स्तिथि पर देखा गया है. अतः कर्क लग्न के जातक अत्यधिक भावुक परन्तु न्यायप्रिय होते हैं. इस लग्न में जन्मे व्यक्ति गौर वर्ण तथा कोमल शारीरिक गठन के होते हैं.
दूसरों के प्रति दया व प्रेम की भावना तथा जीवन में निरंतर आगे बढ़ने की तीव्र लालसा इनकी निजी विशेषता है. कर्क लग्न में जन्मे जातकों की मानसिक शक्ति गजब की होती है. अत्यंत भावुक होने के कारण कभी कभी अपना भला बुरा भी नहीं सोच पाते हैं. समान्यतः कर्क लग्न के जातक शांत प्रवृत्ति के होते हैं तथा अपने कार्यकलापों को दृढ़तापूर्वक संपन्न करते हैं. ऐसे जातक कठोर परिश्रम करते हैं परन्तु इच्छित फल की प्राप्ति इन्हें देर से ही मिलती है.
प्रेम व स्नेह के क्षेत्र में आप निश्चलता का प्रदर्शन करते हैं. जीवन में भौतिक सुख संसाधनों को ये स्वपरिश्रम तथा पराक्रम से अर्जित करने में समर्थ रहते हैं तथा सुखपूर्वक इनका भोग करते हैं.
सामाजिक कार्यों ओर देश सेवा की भावना कर्क लग्न के जातकों में अधिक देखि गयी है. अन्य जनों की आतंरिक भावनाओं को समझने में आप दक्ष होते हैं. कर्क लग्न के जातक राजनीतिक या सरकारी क्षेत्र में किसी सम्मानित पद को प्राप्त करके मान प्रतिष्ठा एवं प्रसिद्धि अर्जित करते हैं प्रन्त्यु दांपत्य जीवन में प्रायः सुख नहीं मिलता फिर भी अपने जीवन साथी ओर बच्चों पर आप जान छिड़कते है.
मित्रों में आप सम्मानीय रहेंगे तथा समाज में भी आप यथोचित आदर व सम्मान प्राप्त करेंगे. आर्थिक रूप से भी आप संपन्न रहेंगे तथा अपने जीवन काल में धन अर्जन करने में भी सफल रहेंगे. संगीत एवं कला के क्षेत्र में भी आपकी रूचि तथा योगदान भी रहेगा.
धर्म के प्रति आपकी श्रद्धा रहेगी परन्तु धार्मिक कार्यकलापया अनुष्ठान अल्प मात्र में हे संपन्न होंगे. प्रकृति के प्रति आपका आकर्षण रहेगा तथा समय समय पर आप भ्रमण भी करेंगे.