विशेष: केतु के राशि परिवर्तन के होने वाले यह परिणाम अत्यंत सामान्य आधार पर हैं , केवल केतु की दशा या महादशा में ही इसका प्रभाव अधिक होगा. साथ ही यह राशिफल मैंने लग्नराशि के आधार पर दिया है चन्द्र राशि या सूर्य राशि के आधार पर नहीं . पाठकों से अनुरोध है कि किसी विशेष परिस्थिति में अपनी कुंडली की जाँच कराकर ही किसी निश्चित निष्कर्ष पर पहुंचे .
मेष : केतु आपके दशम भाव में आएगा फलस्वरूप भौतिक सुखों में वृद्धि होगी. नौकर चाकर से सेवा का लाभ मिलेगा. भाई बहन या करीबी मित्रों से धन हानि के योग बनेंगे. इस समय आप दूसरों की मदद करने से पीछे नहीं हटेंगे. सरकारी लाभ प्राप्ति के लिए आप प्रयत्नशील रहेंगे. राजनीतिक क्षेत्र में चल रहा प्रयास सफल होगा. व्यापारिक क्षेत्र में लाभ परन्तु सामाजिक मान सम्मान पद प्रतिष्ठा की हानि संभावित है. इस समय धैर्य बनाये रखें एवं सही मौके का इंतज़ार करें .
वृषभ: केतु आपके लग्नेश शुक्र से शत्रु भाव रखता है. वृषभ लग्न में केतु नवं भाव में प्रवेश करेगा अतः आप उन्नति और अपने भाग्योदय के प्रति बहुत सजग एवं प्रयत्नशील रहेंगे. इस समय आपको आगे बदने के अवसर भी मिलेंगे . पिता से मार्गदर्शन मिलता रहेगा. कोर्ट कचेहरी के मामलों में समस्याएं उत्पन्न होंगी. शिक्षा प्रतियोगिता के लिए अनुकूल समय रहेगा, सफलता के योग हैं. स्वास्थ्य सामान्य रहेगा.
मिथुन: आपके लग्न स्वामी बुध से शत्रु भाव रखता है. केतु आपके अष्टम भाव में प्रवेश करेगा . मिथुन लग्न के जातकों के लिए केतु का यह गोचर शुभ फलदायी नहीं रहेगा. केतु के प्रभाव के कारण धन व्यय में अधिकता रहेगी . स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. पत्नी या संतान से वैचारिक मतभेद के कारण कलेश रहेगा. व्यापारिक कार्यों में अवरोध तथा परिश्रम के अनुरूप परिणाम न मिलने के कारण मन खिन्न रहेगा.
कर्क: केतु के सप्तम भाव में आने के कारण कर्क लग्न के जातकों को वैवाहिक जीवन में कलह का सामना करना पड़ सकता है. कामेच्छा में वृद्धि होगी. जीवन साथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें. भाई बहनों से मतभेद की स्थिति उत्पन्न होगी. परिश्रम बढेगा परन्तु अपने हे निर्णयों के कारण कार्य व्यापार में बदलाव आयेगा. शेयर मार्किट से हानि की संभावना बनेगी. पेट की बीमारियों से सावधान रहें. इस समय शत्रुओं पर आप हावी रहेंगे.
सिंह: केतु सिंह लग्न के स्वामी सूर्य का शत्रु माना गया है फलस्वरूप केतु सिंह लग्न में उद्विग्न एवं असंतुष्ट रहता है. केतु आपके छठे भाव में प्रवेश करेगा . यदि कुंडली में केतु किसी अन्य पाप ग्रह के प्रभाव में न हो तो आपका स्वास्थ्य ठीक रहेगा तथा शत्रु मित्रवत व्यवहार करेंगे. छठे भाव का केतु आपके लिए सुख समृद्धिदायक होगा. व्यय की अधिकता से मन परेशान रहेगा. अनावश्यक यात्राओं से बचें.
कन्या: कन्या लग्न के स्वामी बुध से शत्रुभाव रखता है केतु . कन्या केतु की नीच राशि भी मानी गई है. अतः केतु आपके लिए हानिकारक होगा. कन्या लग्न में केतु पंचम भाव में प्रवेश करेगा जो उच्च विद्या प्राप्ति एवं संतति प्राप्ति में रुकावट डालेगा. हालाँकि अथक प्रयासों से आप सफलता प्राप्त करने में सक्षम रहेंगे. परिवारिक उलझाने बढेंगी . अनावश्यक भाग दौड़ रहेगी. रुके हुए कार्यों कू पूरा करने के लिए बहुत परिश्रम करना पड़ेगा केतु के प्रभाव के कारण लाभ में कुछ कमी आएगी. गर्भवती महिलायों को सावधान रहने की आवश्यकता है.
तुला: केतु तुला लग्न स्वामी शुक्र का मित्र है. केतु आपके चतुर्थ भाव में प्रवेश करेगा जो की माता के सुख में बाधक होगा. आपको अपनी माता या पत्नी की माता के कारण कष्ट होगा. मानसिक अशांति बढ़ेगी. व्यापारिक क्षेत्र में बाधाएं आएँगी तथा सामाजिक मान सम्मान में कमी होगी. ज़मीन जायदाद को लेकर परेशानी हो सकती है. वाहन से अनावश्यक खर्चे बढ़ेंगे.
वृश्चिक : केतु वृश्चिक में उच्च का माना गया है. केतु यहाँ हर्षित रहेगा तथा उत्साह में वृद्धि करेगा. केतु आपके तृतीय भाव में आएगा. इस समय आप अपने शत्रुओं का नाश करने में सफल रहेंगे. समाज में मान सम्मान एवं लोकप्रियता बढ़ेगी. यदि साझेदारी में कार्य कर रहे हैं तो लाभ मिलेगा. विदेश यात्राओं एवं प्रवास से लाभ मिलेगा. परिश्रम एवं साहस में वृद्धि होगी. धैर्य बढेगा परन्तु भाई बहनों के साथ संबंधों में कटुता आएगी. छोटे भाई को कष्ट संभावित है.
धनु: केतु धनु लग्न के स्वामी गुरु का मित्र माना गया है. केतु आपके द्वितीय भाव में प्रवेश करेगा अतः आपका धन शुभ कार्यों में खर्च होगा. अधिक परिश्रम और कम लाभ के कारण मन अशांत रहेगा परन्तु परिवार का पूर्ण सहयोग मिलेगा. पत्नी से परामर्श लाभदायक रहेगा. अपनि विद्या की उपेक्षा अनुभव से लाभ प्राप्त करेंगे. इस समय किसी मुख रोग की संभावना बनेगी अतः सतर्क रहें. कठिन परिस्थितियों में धैर्य बनाए रखने के कारण सफलता प्राप्त करेंगे. विवाह योग्य जातकों को थोड़ी और प्रतीक्षा करनी पड़ेगी.
मकर: मकर लग्न के जातकों के लिए केतु शुभ फलदायी है. यहाँ केतु प्रमुदित रहता है. आपके लग्न में केतु के आ जाने के कारण स्वभाव में जिद्दीपन उग्रता और स्वार्थपरता बढ़ेगी. महत्वाकांक्षा बढने के कारण आप उन्नत्ति के मार्ग पर आगे बढेंगे. समय समय पर धन आगमन होता रहेगा जिससे आपको राहत मिलेगी. केतु के प्रभाव के कारण वैवाहिक जीवन में समस्या आ सकती है . चोट लगने का खतरा भी बढेगा. तथा किसी प्रिय अतः सावधान रहें. स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या उत्पन्न हो सकती है .
कुम्भ: कुम्भ लग्न में केतु प्रसन्न एवं प्रमुदित रहता है. कुम्भ लग्न के जातकों के लिए केतु द्वादश भाव में आ रहा है अतः केतु द्वादश भाव का शुभ फल देगा. आपमें अध्यात्मिक एवं मोक्ष मार्ग की जिज्ञासा बढेगी. मन में निराशा का भाव नहीं रहेगा. खर्च अधिक होने के कारण कुछ परेशानी हो सकती है परन्तु अपने युक्ति बल के कारण आप सभी समस्याओं का समाधान करने में सफल रहेंगे. किसी बाहरी व्यक्ति से धोखा मिल सकता है. वाद विवाद से दूरी बनाए रखें.
मीन: मीन लग्न के स्वामी गुरु का मित्र होने के कारण केतु का यह गोचर आपके लिए शुभ फलदायी होगा . आपके एकादश भाव में केतु के आने के कारण व्यापार व्यवसाय से आपको धन लाभ होगा. आप अपने कार्यों को आगे बढाने के लिए परिश्रम करेंगे परन्तु परिश्रम अनुसार फल प्राप्त नहीं होगा. स्थाई संपत्ति खरीदने के लिए बेहतर समय है. केतु के प्रभाव के कारण गर्भवती महिलायों को कष्ट संभावित है. विद्यार्थियों के लिए कुछ रुकावट भरा समय है . इस समय हिम्मत और धैर्य बना रहेगा.
ॐ नमः शिवाय
शुभम भवतु !
पं. दीपक दूबे (View Profile)