मंगल के कारण आने वाली परेशानियां और उनके उपाय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली में नौ ग्रह होते हैं। यह सभी ग्रह स्वयं में एक अलग महत्व रखते हैं। यह सभी ग्रह अपने स्वभाव और कुंडली में जिस स्थान पर होते हैं उसी के अनुसार ही शुभ या अशुभ फल देते हैं। ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है इसकी कारण से इसे ग्रहों का सेनापति भी कहा जाता है।
वैदिक ज्योतिष में मंगल दोष को खतरनाक दोषों में गिना जाता है। इसी कारण से किसी भी व्यक्ति की शादी से पहले व्यक्ति के इस दोष के बारे में सबसे पहले जानकारी ली जाती है। यह दोष मंगल ग्रह की उग्र प्रकृति के कारण होता है। जब यह व्यक्ति की जन्म कुंडली में मंगल 1, 2, 4, 7, 8 या 12वें घर में मौजूद होता है तो मंगल दोष होता है, इसको मांगलिक भी कहा जाता है। इन घरों में अन्य अशुभ ग्रहों के साथ मंगल ग्रह और अधिक हानिकारक हो सकता है। कुंडली में इस ग्रह के अशुभ होने पर जातक को दरिद्रता तक का सामना करना पड़ सकता है।
यह दोष भोम, कुजा या अंगारखा नाम से भी जाना जाता है। यह दोष पुरुषों और महिलाओं दोनों को हो सकता है। चूंकि मंगल एक गर्म ग्रह है इसी कारण से यह अहंकार, गुस्से और उच्च आत्मसम्मान को बढाता है। इसी कारण से मंगल दोष से ग्रसित व्यक्ति को अपने जीवन साथी के साथ समझौता और समायोजन करने में मुश्किल होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति में ऊर्जा को गतिशील बनाये रखने के लिए इस दोष के असर को कम करना बहुत जरुरी है।
कुंडली के घरों के अनुसार मंगल दोष का प्रभाव –
- पहले घर: जब मंगल ग्रह जातक की कुंडली के पहले घर में हो और उसका जीवनसाथी मंगली न हो तो ऐसे में दोनों के बीच अनावश्यक संघर्ष होता है, जो कि कई बार शारीरिक हिंसा तक भी पहुँच जाता है। यह तलाक और अलग होने की वजह से सामान्य विवाहित जीवन को प्रभावित करता है।
- जब मंगल दूसरे घर में होता है – जब मंगल ग्रह कुंडली के दूसरे घर में सक्रिय और नकारात्मक होता है, तो यह विवाह और व्यक्ति विवाहित जीवन को नुकसान पहुंचाता है, जिससे तलाक और दूसरा विवाह हो सकता है।
- जब मंगल चौथे घर में होता है – कुंडली के चौथे घर में मंगल ग्रह पेशेवर व्यक्तियों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है और यह उसे अपनी नौकरी से असंतुष्ट रखता है, जिससे कि वह बार बार अपनी नौकरी बदलता रहता है।
- जब मंगल सांतवे घर में होता है – सांतवे घर में मंगल ग्रह का होना व्यक्ति को गुस्सैल बनाता है। वे दूसरों पर हावी होने की और परिवार के सदस्यों पर जबरदस्ती अपनी राय थोपने की कोशिश करते है, जिसके परिणामस्वरूप गलतफहमी और घरेलू संघर्ष हो सकते है।
- जब मंगल आठवे घर में होता है – आठवे घर में मंगल की उपस्थिति व्यक्ति को आलसी बनाता है। इस वजह से व्यक्ति कुछ समय के लिए अनियमित मूड दिखाएगा और अचानक गुस्सा हो जाता है जिससे घर के अन्य सदस्यों को परेशानी हो सकती है। इस घर में मंगल व्यक्ति को कामुक रूप से बहुत ज़्यादा सक्रिय बनाता है। मंगल के इस घर में होने से व्यक्ति दुर्घटनाओं का शिकार भी हो सकता है।
- जब मंगल ग्रह बारहवें घर में होता है – इस घर में मंगल व्यक्ति में मानसिक अशांति पैदा करेगा और विफलता की भावना उसे परेशान करेगी। यह उनके स्वभाव में आक्रामकता शामिल करके लोगों के साथ व्यवहार करते समय समस्या पैदा करता है। इस घर में मंगल की उपस्थिति अन्य लोगों के साथ गैरकानूनी कार्यों में शामिल होने की इच्छा प्रदान करेगा।
मंगल दोष को खत्म करने के उपाय
- अगर मंगल दोष के साथ व्यक्ति का जन्म मंगलवार को होता है, तो इस दोष का असर खत्म हो जाता है।
- जब दो मांगलिक व्यक्तियों की शादी होती हैं, तो इस दोष का प्रभाव दोनों के लिए समाप्त हो जाता है और उनका वैवाहिक जीवन सुखी रहता है।
- हिंदू वैदिक ज्योतिष के अनुसार एक व्यक्ति के मंगल प्रभाव को केले/ पीपल के पेड़ या फिर भगवान विष्णु की चांदी / सोने की मूर्ति के साथ विवाह कर के समाप्त किया जा सकता है।
मंगल दोष से छुटकारा पाने के अन्य उपाय
- मंगल दोष से पीड़ित व्यक्ति को भगवान हनुमान की आराधना करनी चाहिए क्योंकि मंगलवार के दिन हनुमान जी के पूजन का खास महत्व होता है।
- हनुमान चालीसा या बजरंगबाण का रोजाना पाठ करें।
- तीन धातुओं से बनी अंगूठी बाएं हाथ की अनामिका में पहनने से खास लाभ होगा।
- मंगल दोष से परेशान व्यक्ति को घर में नीम का पौधा लगाना चाहिए।
- दोष होने पर बहन, बेटी, मौसी, बुआ और साली को मिठाई खिलाना लाभदायक होता है।
- ध्यान रहे जिस व्यक्ति की कुंडली में मंगल दोष हो उसे अपनी बहन या बुआ को कपडे भेंट में नहीं देने चाहिए।
- मंगल शोध से निजात पाने के लिए तंदूर में बनी हुई रोटियां कुत्तों को खिलाएं। दोष दूर हो जाएगा।
पं धीरेन्द्र नाथ दीक्षित
Astrotips Team