यदि जन्म कुंडली में मंगल दोष के कारण विवाह बाधा में उत्पन्न हो रही हो तो मंगला गौरी अनुष्ठान बेहद कारगर होता है. मंगल दोष जन्म कुंडली में मंगल के लग्न , चौथे , सातवें, आठवें या बारहवें घर में बैठने के कारण उत्पन्न होता है. परिणाम स्वरुप विवाह में बाधा या विवाह उपरान्त आपसी वैचारिक मतभेद के कारण ग्रह कलेश की स्तिथि उत्त्पन्न हो जाती है. मंगला गौरी अनुष्ठान से विवाह सम्बंधित सभी बाधाएं दूर होती हैं , मंगल दोष का निवारण होता है तथा सुखमय दांपत्य जीवन का आरम्भ होता है.
मंगला गौरी अनुष्ठान में शुभ महूर्त, दिशा, हवन समिधा का विशेष ध्यान दिया जाता है ताकि मंगल के नकारात्मक प्रभावों को अधिक से अधिक घटाया जा सके.
सभी प्रमुख कर्म काण्ड मेरी देख रेख में संपन्न होते है.
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