" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
Pt Deepak Dubey

Margsheersh Chaturthi/Margsheersh Sankashti Ganesh Chaturthi/ Sankashti Chaturthi/ Shri Ganesh Chaturthi/मार्गशीर्ष चतुर्थी/श्री गणेश चौथ व्रत कथा /मार्गशीर्ष मासी गणेश चतुर्थी/ गणेश चतुर्थी

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मार्गशीर्ष  संकष्टी चतुर्थी व्रत तिथि 26 नवम्बर (सोमवार) 2018 

 

चतुर्थी तिथि आरम्भ : 26 नवम्बर, 4:06 AM

चतुर्थी तिथि समाप्त : 27 नवम्बर, 1:34 AM

 

व्रत का फल : जो भी इस व्रत को श्रध्दा पूर्वक करता है उसे सफलता अवश्य प्राप्त होती हैं .

मार्गशीर्ष गणेश चौथ व्रत कथा 

त्रेता युग में दशरथ नाम के धर्मात्मा राजा थे एक बार वन में आखेट के समय शब्द भेदी बाण चलाये जिससे श्रवण नामक ब्राह्मण की मृत्यु हो गई श्रवण के माता-पिता नेत्र-विहीन थे . श्रवण ही एक मात्र उनका सहारा था जब राजा दशरथ ने उन्हें (श्रवण के माता पिता को) यह दुखद समाचार सुनाया वे बहुत दू:खी हुए.  शोक से उन्होंने भी  अपने प्राणों का त्याग कर दिया और राजा दशरथ को शाप दिया कि जिस प्रकार पुत्र वियोग में मैं मृत्यु को प्राप्त कर रहा हूँ उसी प्रकार पुत्र वियोग में तुम्हारी भी मृत्यु होगी.  शाप सुन कर राजा बहुतदुखी  हुए .

राजा दशरथ ने पुत्र प्राप्ति के लिए यज्ञ किया . उसके प्रभाव से उन्हें चार पुत्र प्राप्त हुए श्री राम , लक्ष्मण, भरत व शत्रुघ्न . पिता की आज्ञा से राम वन जानेलगे तो लक्ष्मण और सीता भी साथ हो लिए, वन में रावण ने सीता का हरण कर लिया, सीता को खोजते हुए ऋष्यमूक पर्वत पर पर पहुचें वह हनुमान से मुलाकात हुई , सुग्रीव से मित्रता की .हनुमान के साथ वानर सेना सीता जी खोज करने लगी . वह वानरों ने गिद्धराज सम्पाती को देखा . सम्पाती ने उनके बारे में पुछा वनरो ने सीता हरण एवं जटायु मरण की कथा कही तो सम्पाती ने उन्हें बताया –समुद्र के पर राक्षसों की नगरी लंका है , वहा अशोक वृक्ष के नीचे  माता जानकी बैठी हुई हैं , मुझे सब कुछ दिखाई देता है , हनुमान जी इस कार्य को श्री गणेश की कृपा से जग जननी सीता को खोज सकेंगे  और क्षण भर में समुद्र के पार चले जायेंगे.

हनुमान जी ने गणेश जी का व्रत किया और क्षण भर में समुद्र को लांघ गए . माता सीता का पता चला. श्री गणेश की कृपा से श्री राम को इस युद्ध में विजय प्रप्त हुई .

 

कार्तिक संकष्टी गणेश चतुर्थी         संकष्टी गणेश चतुर्थी तिथि 2018         पौष संकष्टी गणेश चतुर्थी

 


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