बुध कन्या राशि में 03 अक्टूबर 2016 को प्रवेश कर रहा है. यह राशिफल सूर्य या चन्द्र राशि पर आधारित न होकर लग्न पर आधारित है. यह राशिफल बहुत ही सामान्य आधार पर है अतः किसी विशेष परिस्थिति में अपनी कुंडली की जाँच कराकर ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचे . अच्छे या बुरे परिणाम आपकी वर्तमान दशा- अंतर दशा पर निर्भर करते हैं.
मेष : बुध आपके छठे भाव में प्रवेश करेगा , यहाँ यह विपरीत राजयोग भी बनाएगा जिससे आर्थिक मामलों में कुछ सफलता मिलेगी , कर्ज तथा शत्रुओं से पीछा छूटेगा . रोग मुक्त होंगे . इस समय आपकी प्रवृत्ति कुछ अन्तर्मुखी रहेगी . लेखन से सम्बंधित कार्य करने वालों को विशेष सफलता प्राप्त होगी . मित्रों से सतर्क रहें अन्यथा धोखा हो सकता है . इस समय कुछ झूठे आरोप भी लग सकते हैं .
वृष : आपके लिए यह पंचम भाव में अपनी स्व और उच्च राशि में प्रवेश कर रहा है , पंचम भाव में स्वय पंचमेश का आना अत्यंत ही शुभ है . यह आपके बौद्धिक क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि करेगा . आप की सोच सही दिशा में होगी , आप की सलाह सर्वमान्य होगी . व्यापार करने वाले इस समय खूब धन कमाएंगे . आपकी कही हुई अधिकांश बातें सच होंगी .. इस समय शिक्षा – प्रतियोगिता के क्षेत्र में अच्छी सफलता का योग बनेगा . इस समय आप एकान्तप्रिय और आत्ममंथन भी करेंगे.
मिथुन : लग्नेश और सुखेश बुध अब आपके चतुर्थ भाव में प्रवेश कर रहा है यह आपके लिए भौतिक सुख – सुविधाओं में वृद्धि करेगा. आपका आत्मबल बढेगा और अपने ऊपर अधिक भरोसा करेंगे . भूमि – भवन वाहन के लिए उत्तम समय है . पारिवारिक जीवन सुखमय होगा . आनंद की अनुभूति होगी
कर्क : यह अब आपके तीसरे भाव में आ रहा है अतः आपका पराक्रम बढेगा, कार्य क्षमता बेहतर होगी भौतिक वस्तुओं में रूचि कम होती है मन में त्याग की भावना अधिक होती है . धन अच्छे कार्यों में खर्च होगा . शिक्षा में कुछ व्यवधान के बाद अच्छी सफलता मिलेगी
सिंह : आपके लिए यह दुसरे भाव में आ रहा है अतः आय के मामले में यह सर्वोत्तम स्थिति है क्योंकि बुध आएश भी है , धन संग्रह कर पाने में समर्थ होंगे , बौद्धिक कार्य से जुड़े लोगों को बहुत लाभ होगा . कुछ लोगों को नए अवसर प्राप्त होंगे . स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या उत्पन्न हो सकती है और संभव है कुछ व्यय बीमारी में हो
कन्या : लग्नेश बुध आपके लग्न में ही आ रहा है अतः सब प्रकार की सुख सुविधाओं की अनुभूति देगा . एक अद्भुत आकर्षण का बोध रहेगा और दूसरों को आकर्षित करेंगे . अद्भुत वाक्पटुता होगी . अपने कार्यों को अंतिम अंजाम देने में सफल होंगे . मान-प्रतिष्ठा में बहुत वृद्धि होगी . सुख का अनुभव होगा .
तुला : भाग्येश और द्वादशेश बुध अब आपके द्वादश भाव में आ रहा है बुध की यह स्थिति आपको इस समय व्यय के साथ लाभ देगी . विदेशों में अधिक लाभ होगा . इस समय खूब दान-पुन्य करने की भावना प्रबल होगी . यात्राओं से लाभ होगा . दूसरों की मदद करने में समर्थ होंगे . ऋण , रोद्ग और शात्रों का नाश होगा .
वृश्चिक : अष्टमेश तथा आएश बुध अब आपके एकादश भाव में आ रहा है अतः आय तो बढ़ेगी इसमें कोई संदेह नहीं परन्तु दूसरों को बौद्धिक हानि पहुँचाने में भी नहीं हिचकेंगे . कार्य – व्यापार में लाभ नौकरी में पदोन्नति इत्यादि के अच्छे अवसर प्राप्त होंगे . शिक्षा – प्रतियोगिता और साक्षत्कार के लिए यह समय कुछ व्यवधान के साथ सफलता देगा.
धनु : धनु लग्न वालों के लिए बुध सप्तमेश और दशमेश है जो अब आपके दशम भाव में आ रहा है , बुध धनु लग्न के लिए बाधक भी है फिर भी इसका दसम भाव में अपनी उच्च राशि में आना अत्यंत ही शुभ होगा . समाजिक कार्यों में तथा राजनातिक कार्यों में बहुत सफलता देगा . इस समय भूमि में निवेश ना करें . लेखन से जुड़े लोगों को यह बहुत लाभ देने वाला है .
मकर : षष्टेश और भाग्येश बुध अब आपके भाग्य स्थान में आ रहा है अतः अत्यंत शुभ है वैसे भी लग्नेश का यह परम मित्र भी है . इस समय आपकी महत्वाकांक्षा बहुत बढ़ेगी , येन – केन प्रकारेण अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की इच्छा प्रबल होगी . भाग्य खूब साथ देगी जिससे किसी भी कार्य में अल्प प्रयास से भी अधिक सफलता मिलेगी . मित्र और करीबी लोग बहुत मददगार होंगे.
कुम्भ : कुम्भ लग्न के जातकों के लिए बुध अष्टम और पंचम भाव का स्वामी है जो अब आपके अष्टम भाव में ही आ रहा है . इस समय यह बुध गलत कार्यों से और अधिक धन कमाने की प्रवृत्ति को जन्म देगा , लाभ तो यह देगा परन्तु संभवतः मार्ग सही नहीं हो . जुआ – सट्टा या लाटरी इत्यादि से अचानक धन आये ऐसी प्रवृत्ति होगी . यह समय संतान के लिए कष्टकारी है . शिक्षा में भी कुछ व्यवधान उत्पन्न करेगा यह बुध . सिर्फ आयु, आरोग्य और अचानक धन लाभ में यह मददगार होगा
मीन : मीन लग्न के जातकों के लिए बुध चतुर्थ और सप्तम भाव का स्वामी है जो अब आपके सप्तम भाव में आ रहा है , केंद्र में बुध का उच्च का होना बहुत शुभ है . वैवाहिक जीवन में प्रसन्नता होगी . प्रेम सम्बन्ध भी बेहतर होंगे या आप उसे रिश्ते में परिवर्तित करने में समर्थ होंगे . कार्य – व्यापर के लिए भी यह समय अत्यंत उपयोगी है . ऐसा बुध सार्वजनिक स्थल पर कुछ बोलने से रोकता है . ज्ञान होते हुए भी उसे व्यक्त करने की क्षमता में कमी लाता है.
बुध से सम्बंधित उपचार :
ॐ नमः शिवाय
पं दीपक दुबे <View Profile>
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