विशेष: राहु के राशि परिवर्तन के होने वाले यह परिणाम अत्यंत सामान्य आधार पर हैं , केवल राहु की दशा या महादशा में ही इसका प्रभाव अधिक होगा. साथ ही यह राशिफल मैंने लग्नराशि के आधार पर दिया है चन्द्र राशि या सूर्य राशि के आधार पर नहीं . पाठकों से अनुरोध है कि किसी विशेष परिस्थिति में अपनी कुंडली की जाँच कराकर ही किसी निश्चित निष्कर्ष पर पहुंचे
मेष: राहु के कर्क में आने के कारण राहु पर चन्द्रमा का प्रभाव बढेगा. अतः धन की आवक अधिक रहेगी तथा आपको माता पिता का स्नेह एवं सहयोग मिलेगा . आप भी उनकी बहुत सेवा करेंगे. व्यापर में उन्नति एवं नौकरी में पदोन्नति की प्रबल संभावनाएं बनेगी परन्तु सभी सुख सुविधाओं के रहते हुए आप कुछ न कुछ कमी महसूस करेंगे. अपने ही घर में असहज और बैचैनी महसूस करेंगे तथा बाहर रहने का मन करेगा. माता को स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या हो सकती है अतः सतर्क रहें. भूमि भवन सम्बंधित कार्यों में रुकावट की संभावना है. सामाजिक क्षेत्र में लाभ मिलेगा तथा विद्यार्थियो के लिए अधिक परिश्रम करने का समय है. विद्याप्राप्ति में रुकावट आने की संभावना है. व्यर्थ के वाद विवाद से बचें.
वृषभ: राहु आपके लग्न स्वामी शुक्र का मित्र है . राहु आपके तृतीय भाव अर्थात कर्क राशि में होगा जो आपके पराक्रम एवं शौर्य को बढ़ाएगा . मन शांत रहेगा. लम्बे समय से चली आ रही समस्याओं का अंत होगा. पारिवारिक सदस्यों का सहयोग प्राप्त होगा. रुके हुए कार्य पूर्ण होंगे व्यापार तथा लेखन कार्य से जुड़े जातकों के लये बेहतर समय है. आप अपने क्षेत्र में सफलता एवं प्रसिद्धि पाएंगे. व्यापारिक समस्याओं का समाधान होगा हालाँकि मित्रों से धोखा मिलेगा
मिथुन: आपके लग्न स्वामी बुध का मित्र है राहु अतः राहु आपके लिए शुभ फलदायी होगा. राहु कर्क राशि अर्थात आपके द्वितीय भाव में आएगा. कर्क राशि राहु की शत्रु राशि मानी गई है. फलस्वरूप इस समय आपको धन संघ्रह करने में कठिनाई होगी. आय से अधिक व्यय होने के कारण धन सम्बन्धी तंगी हो सकती है हालाँकि व्यक्तित्व प्रभावशाली रहेगा परन्तु वाणी अनियंत्रित रहेगी . परिवार और सम्बन्धियों से प्रेम और स्नेह की कमी रहेगी. पारिवारिक कलेश की स्थितियां बनेगी. व्यापार व रोज़गार में रुकावटें आएँगी. विश्वसनीय व्यक्तियों से धोखा मिलेगा.
कर्क: राहु आपके लग्न स्वामी चन्द्रमा का शत्रु है अतः राहु का लग्न पर आना आपके लिए शुभ फलदाई नहीं होगा. प्रिय व्यक्तियों से वाद विवाद या मतभेद की स्थितियां बनेंगी. मान सम्मान में हानि के योग बनेंगे तथा पत्नी से वैचारिक मतभेद उत्पन्न होने की संभावना बनेगी. कार्य व्यापार में भी अस्थिरता और संघर्ष की स्थितियां बनेगी . बदलाव की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. आपकी कथनी और करनी में अंतर रहेगा. जो कहेंगे वो करेंगे नहीं. धन की स्थिति सामान्य रहेगी.
सिंह : आपके लग्न स्वामी सूर्य का शत्रु है राहु अतः राहु का यह गोचर आपके लिए कष्टकारी हो सकता है. आपके द्वादश भाव में राहु अकारण यात्राओं के योग बना रहा है. यह यात्राएं आपके लिए लाभदायक नहीं रहेंगी. अचानक धन हानि के कारण धन संग्रह में कठिनाई होगी फिर भी क़र्ज़ लेने से बचें. धन हानि से मन व्यथित एवं परेशां रहेगा. शारीरिक कष्टों का सामना करना पड़ सकता है. संतान पक्ष से चिंता रहेगी. राहु के प्रभाव के कारण निराशा हावी रहेगी तथा आप नए कार्यों या योजनाओं में हाथ डालने से हिचकिचाएंगे.
कन्या : राहु आपके लग्न स्वामी बुध का मित्र है . कन्या राहु की अपनी राशि भी मानी गई है. अतः राहु के यह गोचर आपके लिए हानिकारक नहीं होगा. हालाँकि भौतिक , आध्यात्मिक एवं आर्थिक क्षेत्रों में कुछ अडचनों का सामना करना पड़ सकता है. आपके कारण आपके भाई बहनों को हानि उठानी पड़ सकती है. नौकरी पेशा जातकों के लिए उन्नति का समय रहेगा. मनोबल बहुत ऊंचा रहेगा अतः कुछ नया प्रयोग या नई योजनाओं पर आप कार्य कर सकते हैं. सामाजिक एवं पारिवारिक मान सम्मान की प्राप्ति होगी.
तुला: राहु आपके लग्न स्वामी शुक्र का मित्र है. राहु दशम भाव में आने के कारण आपके प्रभाव और पराक्रम में वृद्धि होगी. राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े जातकों के लिए बेहतर समय है. आपका व्यक्तित्व प्रभावशाली रहेगा हालाँकि स्वभाव हठी व अभिमानी रहेगा. नौकरी या व्यापार दोनों ही क्षेत्रों में अडचनों के साथ सफलता एवं पदोन्नति के योग हैं. परन्तु फिर भी आप समाज सेवा करना नहीं छोड़ेंगे. पिता से मतभेद संभावित हैं.
वृश्चिक : वृश्चिक लग्न में राहु नीच का माना गया है अतः राहु आपके लग्न में उद्विग्न रहता है . आपके नवम भाव में राहु के आ जाने के कारण राहु श्त्रुक्षेत्री होगा तथा नवं भाव के शुभ फलों को नष्ट करेगा. फलतः जीवन संघर्षमय रहेगा. सभी क्षेत्रों में किसी योद्धा की भांति आपको लड़ना पड़ेगा परन्तु अपने दृढ निश्चय के कारण अंत में सफलता आपको ही मिलेगी. राहु का यह गोचर ऋण और स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालेगा . शत्रु प्रबल होंगे तथा आय से अधिक व्यय की स्थितियां बनेगी. जन संपर्क तेज़ होगा. धन यश, भाग्य , पद प्रतिष्ठा में कमी आएगी.
धनु: धनु लग्न में राहु नीच का माना गया है अतः राहु आपके लिए शुभ फलदायी नहीं है. आपके लग्न स्वामी गुरु का शत्रु होने के कारण राहु आपको चिंता देगा. धनु लग्न वालों के लिए राहु अष्टम भाव में आ रहा है अतः घर परिवार , धन संपत्ति एवं स्वास्थ्य के प्रति चिंता बनी रहेगी. अचानक रोग या किसी दुर्घटना की सम्भावना बनेगी. मानसिक तनाव बढेगा. मित्रों से अनबन रहेगी. व्यापारिक क्षेत्र में चल रहे प्रयासों से असफलता हाथ लगेगी. व्यर्थ के वाद विवाद से बचें.
मकर: मकर आपके लग्न स्वामी शनि से सम भाव रखता है. अतः राहू शुभ ग्रहों के प्रभाव में शुभ तथा अशुभ ग्रहों के प्रभाव में अशुभ फल देगा. आपके सप्तम भाव में राहु प्रवेश करेगा अर्थात कर्क राशि में जो कि राहु की शत्रु राशि है. अतः स्त्री पक्ष से कष्ट की संभावना बनेगी. यदि अविवाहित हैं तो विवाह कुछ समय के लिए टलेगा . मानसिक परेशानियां बढेंगी . मन अस्थिर रहेगा अतः निर्णय लेने में कठिनाई होगी. हालांकि अपने युक्तिबल और मनोबल से कठिन परिस्थितियों से भी निकल जायेंगे. अनचाही यात्राओं से कष्ट तथा किसी प्रिय व्यक्ति से विछोह की संभावना बन रही है.
कुम्भ: कुम्भ लग्न में राहु स्वग्रही माना गया है. आपके लग्न स्वामी शनि से राहु सम भाव रखता है परन्तु फिर भी राहु आपको शुभ फल ही देगा. आपके छठे भाव में राहु शत्रुक्षेत्री होते हुए भी राजयोग प्रदाता है . इस समय आपको अपने स्वास्थ्य का बहुत अधिक ध्यान रखना होगा. शत्रु हावी होंगे. कोर्ट कचहरी का मामला होगा तो परेशानी झेलनी पड़ सकती है परन्तु अंतिम विजय आपकी ही होगी. आप शारीरिक नहीं अपितु बुद्धिबल से हर क्षेत्र में विजयी होंगे. रोग और शत्रुओं का नाश करने में सफल रहेंगे. क्रोध पर नियंत्रण रखें.
मीन: राहु आपके लग्न स्वामी गुरु का शत्रु है अतः राहु आपके लिए शुभ फलदायी नहीं होगा. राहु मीन में नीच का माना गया है. आपके पंचम भाव में राहु के आने से विद्यार्थियों को रुकावटों का सामना करना पड सकता है. अधिक प्रयास और परिश्रम सफलता के लिए अनिवार्य है. पत्नी से मतभेद संभावित है. संतान पक्ष से कष्ट. गर्भवती स्त्रियों को अधिक सावधानी की आवश्यकता पड़ेगी. यदि व्यापार व्यवसाय शनि सम्बंधित है तो हानि की प्रबल संभावना बनेगी. सतर्क रहें.
ॐ नमः शिवाय
शुभम भवतु !
पं. दीपक दूबे (View Profile)