संयुक्त रूप से रहने वाले ज्यादातर लोगों की घरों की एक कॉमन समस्या हो सकती है। वह समस्या है सास बहू का झगड़ा, हालांकि हर घर में ऐसा हो यह जरूरी नहीं लेकिन तुलनात्मक रूप से उन घरों की संख्या अधिक हो सकती है, जहां सास बहू के बीच अनबन देखा जाता है। सीधे शब्दों में कहा जाए तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगी कि, इस रिश्ते के बीच होने वाली खींचतान भी अब इसकी पहचान बनती जा रही है।
सास बहू के झगड़े की सामाजिक कारण तो होते ही हैं इसके ज्योतिषीय कारण भी होते हैं। सब जानते हैं कि सास बहू के बीच का रिश्ता कोई खून का रिश्ता नहीं होता बल्कि यह सामाजिक रूप से सौंपा गया रिश्ता होता है। हालांकि भारत के गांव में आज भी रिश्ता या रिश्तेदार ढूंढने में पुरुष ही अग्रणी देखा जाता है लेकिन शहरों में, अब घर की बड़ी और सयानी औरतें भी रिश्ते ढूंढने में दखल देती हुई देखी जा सकती है। इस परिपाटी के अनुसार हम यह कह सकते हैं कि कई मामलों में सास के पास बहू का चयन करने का अधिकार देखा जाता है, लेकिन ऐसा मामला अभी तक कम से कम मेरी जानकारी में नहीं आया जहां बहू अपनी सास का चयन करती हो। अलबत्ता अब घर के कुछ बड़े बुजुर्ग यह पूछने लगे हैं कि सास का स्वभाव कैसा है लेकिन अभी भी अधिकांश मामलों में यही देखने को मिलता है कि लड़की केवल अपने सम्भावित वर के गुण-अवगुण पर ही चर्चा करती है। जैसे कि लड़का क्या करता है, कितना कमाता है, कैसे रहता है? आदि आदि। अक्सर इन्हीं कसौटियों के ऊपर ही रिश्ते को परखा जाता है। जहां तक हमने समझा है इन बिंदुओं पर शायद ही ध्यान दिया जाता हो कि सास कैसी है, उसका स्वभाव कैसा है, वह कैसे विचारों वाली है, आदि-आदि। जैसा कि मैंने पहले ही कहा कि ऐसे लोग हो सकते हैं लेकिन उनकी मात्रा बहुत कम होगी।
एक बात से तो सभी सहमत होंगे कि हम वर वधू की कुंडली का मिलान तो करते हैं लेकिन सास बहू कि कुंडली का मिलान नहीं करते।
आइए ज्योतिषीय दृष्टिकोण से इस मामले को समझा जाय। कुंडली का सप्तम भाव जीवन साथी का भाव होता है और कुंडली का चौथा भाव मां का भाव होता है। अब इससे सास के बारे में कैसे जाना जाए?
ज्योतिष के अनुसार कुंडली का दशम भाव जो सप्तम से चतुर्थ भाव होता है उससे हम सास के बारे में जान सकते हैं। उस भाव में स्थित राशि, उसके स्वामी की स्थिति तथा उस भाव में बैठे ग्रह और दृष्टि आदि माध्यम से उस भाग को प्रभावित करने वाले ग्रहों के अनुसार हम जातक या जातिका की सास के स्वभाव के बारे में जान सकते हैं।
सारांश की कुंडली का दशम भाव एक से अधिक पाप ग्रहों के प्रभाव में हो अथवा चतुर्थ भाव एक से अधिक पाप ग्रहों के प्रभाव में हो तब सास बहू के बीच झगड़ा होता है। दूसरी स्थिति जो अक्सर देखने को मिलती है वो है चंद्रमा पर राहु, केतु और शनि जैसे पाप ग्रहों का प्रभाव। यह प्रभाव में मानसिक तनाव व घरेलू कलक के योग बनाता है। ऐसे में हमने सास बहू के बीच झगड़े होते हुए देखे गए हैं।
इस विवाद को शांत करने के लिए क्या करना चाहिए तो आप जान लें कि सबसे पहले किसी अच्छे ज्योतिषी को कुंडली दिखाकर झगड़े कारक ग्रह को ढूंढ़े। जब आप यह जान लेंगे कि इस ग्रह के कारण आपके घर में यह परेशानी आ रही है तो संबंधित ग्रह का उपाय करवाएं। संबंधित ग्रह के मंत्र का जप और हवन करवाएं। जब तक ग्रह शांति का अनुष्ठान हो पाए तब तक कुछ छोटे-छोटे टिप्स जो हम आपको बताने जा रहे हैं उन्हें अपनाएं।
टिप्स ये हैं कि-
जल्द ही हम अन्य लेखों के साथ साथ सास बहू से जुड़े अन्य पहलू भी रखेंगे।
पं. हनुमान मिश्रा