2023 शनि ढैय्या विशेष :-
आपकी चंद्र राशि से शनि जब चतुर्थ भाव में हो या फिर अपनी चंद्र राशि से शनि अष्टम भाव में हो तो शनि की ढैय्या आपके राशि पर मानी जायेगी । तीस साल के अंदर व्यक्ति एक साढ़े साती से और दो ढैय्या से होकर गुजरता है । व्यक्ति जीवन में 7 से 9 बार ढैय्या से गुजरता है । ज्योतिष में हर जगा ढैय्या का महत्व दिया गया है इसका यह भी कारण है की जब चंद्रमा के आगे पीछे शनि होता है चंद्रमा पीड़ित होता है ।
शनि का यह फल गोचर से भी देखा जा सकता है लेकिन शनि की ढैय्या को अलग से महत्व दिया गया है । शनि का अष्टम होना अच्छा नही माना जाता और जब शनि चंद्र राशि से चतुर्थ और अष्टम होता है तो शनि की तिसरी, सप्तम, दशम दृष्टि व्यक्ति के ऐसे भावों पर पड़ती है जो जीवन में कठनाईयां उत्पन्न करती है ।
शनि देव को न्याय के देवता माना जाता है और गृहस्थ जीवन में हमसे जाने अंजाने में ऐसे कर्म होते है उसका हिसाब साढ़े साती या ढैय्या में होता है ।
वृश्चिक राशि शनि ढैया :-
वृश्चिक राशि में शनि मुख्य मारकेश नही है सहायक मारकेश है । शनि स्वराशी में चतुर्थ भाव में शश नामक पंच महापुरुष एक राजयोग बनाता है । यह योग अगर स्थाई रूप से कुंडली में बना हुआ हो तो व्यक्ति अत्यधिक संपत्ति का मालिक होता है उसके पास भूमि-भवन विपुल मात्रा में होता है । इस वर्ष शनि आपके चतुर्थ भाव में आयेंगे तो भूमि-भवन, जायदाद के लिए यह योग बहुत अच्छा है । अगर किसी का पैत्रिक संपत्ति का कोई कोर्ट-कचहरी का वाद-विवाद चल रहा हो तो वह इस वर्ष में आपके पक्ष में होगा । इस समय आपको पैत्रिक संपत्ति प्राप्त हो सकती हैं । आप स्वप्रयास से भी धन संपदा प्राप्त करेंगे ।
शनि के इस गोचर में आप कोई संपत्ति खरीदते हो तो उसमें जरूर स्थिरता रहेगी । अगर कोई अपना मकान बदलना चाहता या अपने नये मकान में शिफ्ट होना चाहते है उनके लिए यह समय आदर्श समय रहेगा । इस वर्ष शनि आपको काफी शुभता, स्थिरता, परिवारिक जीवन में शुभता देने वाला है जीवन में सुख-समृध्दि भी यह समय देने वाला है । शनि जब चतुर्थ भाव में हो तो व्यक्ति को सुख की लालसा नही होती है । इस समय यह भी विशेष है की आपको गंभीर चोट लगाने की संभावना बन रही है इसलिए इस समय सावधानी से काम करे ।
शनि के इस गोचर के कारण कर्ज शत्रु से आपको मुक्ति मिलेंगी कोर्ट-कचहरी के मामले समाप्त होंगे । पिता के साथ वैचारिक मतभेद, कार्यक्षेत्र में भी अस्थिरता वैचारिक मतभेद उत्पन्न हो सकते है लेकिन कार्यक्षेत्र पर आपका दबदबा प्रभाव बढ़ेगा । स्थान परिवर्तन आपका हो सकता है । अगर आपका स्वभाव सौम्य नही है आपके शुभ ग्रह बलवान नही है या उनका गोचर नही है तो शनि के कारण आपका क्रोध किसी भी हदद तक जा सकता है । इस कारण आप बैचैन भी रह सकते है पानी अधिक पिये,
व्यसनों से दूर रहे, तेलीय पदार्थ कम खाये, स्विमिंग किया करे, राजमा चने कम खाये ।
शुभम भवतु
पं. दीपक दूबे (View Profile)