“शनि साढ़े साती” या “शनि की ढैय्या” की गणना चंद्र राशि के अनुसार अर्थात जन्म के समय जिस राशि में चंद्रमा होता है उससे वर्तमान में अर्थात गोचर में शनि की स्थिति के अनुसार होती है अर्थात जन्म कालिक चंद्र राशि से गोचर भ्रमण के दौरान शनि जब द्वादश भाव में आता है तो “साढ़े साती” का प्रारंभ हो जाता है और चंद्र राशि तथा चन्द्र राशि से दूसरे भाव में जबतक रहता है तब साढ़े साती बनी रहती है और जब तीसरी राशि में प्रवेश करता है तो साढ़े साती समाप्त हो जाती है इसी प्रकार जब गोचर का शनि चंद्र राशि से चौथी तथा आठवी राशि में आता है तब “शनि की ढैय्या” प्रारंभ होती है
शनि 26 जनवरी 2017 को सायं 21:34 बजे वृश्चिक राशि से धनु राशि में प्रवेश कर जायेगा , शनि की यह स्थिति “साढ़े साती” में परिवर्तन कर देगी . शनि के धनु में प्रवेश करते ही तुला राशि के जातकों को साढ़े साती से पूरी तरह से मुक्ति मिल जाएगी , इसके अलावा वृश्चिक राशि वालों के लिए शनि साढ़े साती का अंतिम दौर प्रारंभ हो जायेगा तथा धनु वालों के लिए इसका मध्य भाग प्रारम्भ हो जायेगा और मकर राशि के जातकों के लिए “शनि साढ़े साती” प्रारम्भ हो जाएगी .
विशेष :
वृश्चिक राशि वालों के शनि के साढ़े साती का अंतिम दौर प्रारंभ होगा यह अंतिम ढाई वर्ष भी एक समान परिणाम नहीं देगा क्योंकि इस दौरान शनि 3 अलग – अलग नक्षत्रों में भ्रमण करेगा . क्या होगा इस प्रभाव ….जानने के लिए क्लिक करें
शनि जैसे ही मूल नक्षत्र में प्रवेश करेगा धनु राशि वालों के लिए शनि साढ़े साती का मध्य दौर प्रारंभ हो जायेगा , पुनः शनि का धनु राशि में 2.5 वर्षों का गोचर एक जैसा परिणाम नहीं देगा क्योंकि इस दौरान यह तीन नक्षत्रों से होकर गुजरेगा अगर इसे 3 भागों में विभक्त किया जाये तो इसका परिणाम कुछ इस प्रकार होगा ….जानने के लिए क्लिक करें
जैसे ही शनि धनु राशि में प्रवेश करेगा मकर राशि वालों के लिए शनि साढ़े साती का प्रथम दौर प्रारंभ हो जायेगा. शनि साढ़े साती का यह पहला ढाई वर्ष एक समान नहीं जायेगा वैसे ही यह मकर राशि वालों के लिए भी रहेगा. आइये देखते हैं आने वाले ढाई वर्षों में शनि किस तरह का रंग दिखाने वाला है…..जानने के लिए क्लिक करें