प्रारंभ : 21 सितम्बर (बृहस्पतिवार ) 2017
समापन : 30 सितम्बर (शनिवार) 2017
शरद ऋतु के आश्विन माह में आने के कारण इन्हें शारदीय नवरात्रों का नाम दिया गया है. नवरात्री में माँ भगवती के सभी 9 रूपों की पूजा भिन्न – भिन्न दिन की जाती है. इंग्लिश कैलेंडर के अनुसार यह नवरात्र सितम्बर या अक्टूबर में आते हैं. शारदीय नवरात्रों का समापन दशमी तिथि को विजय दशमी के रूप में माना कर किया जाता है. अतः आइये देखते हैं इन दिनों में किसकी और कब पूजा की जानी चाहिए.
21 सितम्बर (बृहस्पतिवार ) 2017 : घट स्थापन एवं माँ शैलपुत्री पूजा
22 सितम्बर (शुक्रवार ) 2017 : माँ ब्रह्मचारिणी पूजा
23 सितम्बर (शनिवार ) 2017 : माँ चंद्रघंटा पूजा
24 सितम्बर (रविवार) 2017 : माँ कुष्मांडा पूजा
25 सितम्बर (सोमवार ) 2017 : माँ स्कंदमाता पूजा
26 सितम्बर (मंगलवार ) 2017 : माँ कात्यायनी पूजा
27 सितम्बर (बुधवार ) 2017 : माँ कालरात्रि पूजा
28 सितम्बर (बृहस्पतिवार ) 2017 : माँ महागौरी पूजा, दुर्गा अष्टमी
29 सितम्बर (शुक्रवार) 2017 :महा नवमी/माँ सिद्धिदात्री पूजा
30 सितम्बर (शनिवार ) 2017 : नवरात्री पारण, दुर्गा विसर्जन, विजय दशमी
नवरात्रों में माँ भगवती की आराधना दुर्गा सप्तसती से की जाती है , परन्तु यदि समयाभाव है तो भगवान् शिव रचित सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ अत्यंत ही प्रभाव शाली एवं दुर्गा सप्तसती का सम्पूर्ण फल प्रदान करने वाला है.
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जय माँ भगवती !
शिव उपासक एवं ज्योतिषविद
पं. दीपक दूबे <View Profile>