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वर्ष 2016 में वैशाख पूर्णिमा यानी 21 मई शनिवार को उज्जैन में शिप्रा नदी के तट पर कुम्भ महापर्व आयोजित होगा . शास्त्रानुसार विशाख पूर्णिमा को जब गुरु सिंह राशि में हो तो उज्जैन में महा पर्व का योग होता है. इसी कारण इसे सिनाह्स्त कुम्भ के नाम से जाना जाता जय. वर्ष 2016 में यह ग्रहयोग 21 मई , शनिवार ( वैशाख पूर्णिमा) को घटित हो रहा है.
भारतीय ज्योतिष शास्त्र में देशांतर की शून्य रेखा उज्जैन से प्रारंभ हुई मानी गयी है. यह सप्तपुरियों में से एक पूरी है. शिप्रा नदी सर्वत्र पुण्यदायनी, पवित्र तथा पापहरणी है. उज्जैन नगरी में शिप्रा नदी का महत्व और भी बढ़ जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जो मनुष्य शिप्रा नदी में स्नान करके भगवान् महेश्वर का पूजन करता है, वह महादेव तथा महादेवी की कृपा से सम्पूर्ण कामनाओं को पा लेता है.
शास्त्रों में उज्जैन , हरिद्वार , प्रयाग , नासिक आदि तीर्थों पर कुम्भ स्नान , दान, जप, ध्यान एवं यज्ञ आदि अनुष्ठान करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है. हजारों अश्वमेघ यज्ञ करने से एवं सैंकड़ों वाजपेय यज्ञ करने के बराबर पुण्य केवल कुम्भ स्नान करने से ही प्राप्त होते है.
कुम्भ पर्व पर साधू महात्माओं को भोजन खिलने एवं दक्षिणा देने से आत्म कल्याण के साथ साथ पितरों की आत्मा की तृप्ति भी होती है.
प्रथम स्नान
तिथि: 13 अप्रैल, 2016 (चैत्र शुक्ल सप्तमी ) बुधवार
विशेष : उज्जैन कुम्भ महापर्व सा स्नान महातम्य आरम्भ
द्वितीय स्नान
तिथि: 17 अप्रैल 2016 (चैत्र शुक्ल एकादशी ) रविवार
विशेष : प्रातः 4:38 से सूर्योदय तक पुण्य काल
तृतीय स्नान
तिथि: 22 अप्रैल 2016 (चैत्र पूर्णिमा ) शुक्रवार
विशेष : प्रातः 4:35 से अरुणोदय काल आरम्भ
चतुर्थ स्नान
तिथि: 3 मई , 2016 (वैशाख कृष्ण एकादशी ) मंगलवार
विशेष : वरूथिनी एकादशी
अरुणोदय काल – प्रातः 4:31 से 5:58
पंचम स्नान
तिथि: 6 मई, 2016 (वैशाख अमावस्या ) शुक्रवार
अरुणोदय काल – प्रातः 4:29 से 5:56
षष्ठ स्नान
तिथि: 9 मई, 2016 (वैशाख शुक्ल तृतीया) सोमवार
अरुणोदय काल – प्रातः 4:27 से 5:54
सप्तम स्नान
तिथि: 11 मई, 2016 (वैशाख शुक्ल पंचमी) बुधवार
विशेष : अरुणोदय काल – प्रातः 4:26 से 5:53
अष्टम स्नान
तिथि: 17 मई 2016 (वैशाख शुक्ल एकादशी ) मंगलवार
विशेष : अरुणोदय काल – प्रातः 4:24 से 5:51
नवम स्नान (प्रमुख शाही स्नान)
तिथि: 21 मई 2016 (वैशाख पूर्णिमा) शनिवार
विशेष : पुण्यकाल प्रातः 4:21 से प्रारंभ
जानिये
*कुम्भ का महत्व *अर्द्धकुम्भ स्नान तिथियाँ *मई माह के व्रत एवं त्यौहार