व्यक्ति का जीवन संतान के बिना सूना हो जाता है .. कोई कितना ही समृद्ध क्यों ना हो , कितना ही धन – वैभव -सुख -समृद्धि
क्यों ना हो यदि संतान नहीं है तो सारी खुशियाँ अधूरी रह जाती हैं . ज्योतिष शास्त्र में संतान ना होने के कई कारण हो
सकते है जैसे पुरुष की कुंडली में शुक्र का कमजोर होना , पंचमेश का कमजोर या दूषित होना , पितृ दोष, नाड़ी दोष , संतान
भंग दोष , सर्प दोष इत्यादि . इसका सामान्य उपचार तो यह है कि जिस ग्रह या दोष के कारण यह समस्या उत्पन्न हो रही हो उस
ग्रह का उपचार किया जाये परन्तु कई बार ऐसी स्थिति आती है कि कुंडली में एक से अधिक दोष उत्पन्न हो जाते हैं ऐसे में माँ
स्कंदमाता का अनुष्ठान एक सर्वोत्तम उपचार है .
कब करें : वैसे तो माँ
स्कंदमाता का अनुष्ठान किसी भी माह के प्रथमा तिथि से लेकर नवमी तिथि के बीच किया जा सकता है इसके अलावा प्रत्येक
बुधवार के दिन से भी अनुष्ठान प्रारंभ कर सकते हैं , परन्तु ऐसी मान्यता है कि माँ भगवती से सम्बंधित अनुष्ठानों के
लिए नवरात्र का समय सर्वोत्तम होता है और इसमें इसका परिणाम कई गुना अधिक होता है .
मात्रा : माँ स्कंदमाता का अनुष्ठान कम से कम 3 दिन का और अधिकतम
9 दिनों का किया जाता है
सभी प्रमुख कर्म काण्ड मेरी देख रेख में संपन्न होते है.
अनुष्ठान (तीन दिवसीय) | मंत्र जप +हवन | Rs. 21,000/- | Request Now |
अनुष्ठान (आठ दिवसीय) | मंत्र जप +हवन | Rs. 51,000/- | Request Now |
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