" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
Pt Deepak Dubey

Characteristics Of Libra/ Libra Facts/ Zodiac LibraLibra Personality/ Libra Traits/Libra Lagna/तुला लग्न की चारित्रिक विशेषताएं/ तुला लग्न के जातक/ तुला लग्न की विशेषताएं/ तुला लग्न 

तुला लग्न के नक्षत्र एवं विशेषताएं 

चित्रा (तृतीय, चतुर्थ चरण), स्वाति नक्षत्र (चारों चरण), तथा विशाखा नक्षत्र (प्रथम, द्वितीय, तृतीय चरण) के  संयोग से तुला लग्न बनता  है.

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 लग्न स्वामी : शुक्र
 लग्न तत्व: वायु 
लग्न चिन्ह:तराजू 
 लग्न स्वरुप: चर 
 लग्न स्वभाव: क्रूर 
लग्न उदय: पश्चिम
 लग्न प्रकृति: त्रिधातु
 जीवन रत्न: हीरा 
अराध्य: श्री लक्ष्मी 
 लग्न गुण: रजोगुण 
 अनुकूल रंग: सफ़ेद   
लग्न जाति: शूद्र
 शुभ दिन: शुक्रवार 
 शुभ अंक:06
जातक विशेषता:खोजी प्रवृत्ति 
 मित्र लग्न :मिथुन,कुम्भ  
 शत्रु लग्न : सिंह
लग्न लिंग: पुरुष 

 

तुला लग्न का स्वामी शुक्र है अतः तुला लग्न में जन्मा जातक  विलासी एवं ऐश्वर्यशाली जीवन का शौक़ीन होगा. मध्यम कद, गौर वर्ण तथा सुन्दर आकर्षक चेहरा  इस लग्न में जन्मे जातक के लक्षण हैं. इस लग्न में जन्मे जातक विचारशील तथा ज्ञान प्रिय  होते हैं. इस लग्न के जातकों में संतुलन की शक्ति असाधारण होती है. अच्छे बुरे की पहचान आपसे अधिक और कोई नहीं कर सकता. सामने वाले के बोलने से पहले ही उसकी मन की बात को समझ लेना आपका विशेष गुण है. तुरंत निर्णय लेने की क्षमता के कारण आप के प्रति सभी आकर्षित हो जाते है. तुला लग्न के जातक एक कुशल व्यापारी होते है.

तुला लग्न में जन्म लेने वालते जातकों का वर्ण गोरा, कद मध्यम एवं चेहरा सुन्दर होता है। चैड़ा मुख, बड़ी नाक, उन्नत एंव चैड़ी छाती वाले ऐसे जातकों को सदैव प्रसन्न चित्त एवं मुस्कुराते देखा जा सकता है। ये जिस किसी को मित्र मान लेते हैं, उसके लिए सर्वस्व देने में भी कभी नहीं चूकते। दूसरे के मन की बात यह बहुत अच्छे से जानते हैं, किन्तु अपने मन की थाह ये किसी को भी नहीं देते।

उचित एवं तुरंत  निर्णय ले लेना इनकी प्रमुख विशेषता होती है। ऐसे जातक प्रायः धार्मिक विचारों के होते हैं तथा इन्हें आस्तिक और सात्विक भी कहा जा सकता है। कैसी भी परिस्थितियां हो ये अपने को उनके अनुरूप ढाल लेते हैं। छोसी-से छोटी बात भी इनके मस्तिक को बेचैन कर देती है। भले ही ये साधनविहीन हों, किन्तु इनके लक्ष्य सदा उंचे ही होंगे। इनमें कल्पनाशक्ति गजब की होती है।

ऐसे जातकों का रूझान न्याय एवं अनुशासन के प्रति अधिक होते हैं। राजनीतिक क्षेत्र में ऐसे जातक अधिक सफल होते हैं। परोपकार की भावना भी इनमें अत्याधिक होती है किन्तु अपने हानि-लाभ को भी ये पूरा ध्यान में रखते है। गरीबों को भोजन देने वाले, अतिथिसेवी तथा कुआं व बाग आदि बनाने वाले होते हैं। इनका हृदय शीघ्र ही द्रवित हो जाता है तथा इन्हें सच्चे अर्थों में पुण्यात्मा और सत्यावादी कहा जा सकता है। शुक्र के कारण ये बड़ी आयु में भी जवान दिखते हैं।

बोल चाल में निपुण तथा चतुर व्यवहार के कारण किसी भी व्यापार में शीघ्र ही सफल हो जाते हैं. आपमें एक कुशल व्यापारी के समस्त गुण विद्यमान होते हैं तथा अपनी पारखी नज़रों से आप सच्चा  परीक्षण करने की क्षमता रखते हैं. किसी के छलावे में तुला लग्न के जातक कभी नहीं आ सकते हैं. जन्म कुंडली में यदि शुक्र की स्तिथि अच्छी है तो आपमें अभिनेता बनने के सभी गुण होंगे.


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