आजकल जहाँ सभी वस्तुएं धन से ही खरीदी जा सकती हैं, वहां धन को इश्वर तुल्य महत्ता दी जाने लगे तो अतिश्योक्ति न होगी. धन के आभाव में जीवन की कल्पना भी भयावह लगने लगती है. ज्योतिष विद्या के अनुसार कुंडली देखकर यह बताया जा सकता है कि धन का योग प्रबल है या नहीं. धन के न रुकने की समस्या भी एक जटिल समस्या है , ऐसी ही धन संबंधी समस्यायों का एकमात्र निदान है “वैदिक महालक्ष्मी अनुष्ठान” .
जब भी किसी कुंडली में दूसरे और ग्यारहवें घर का स्वामी कमज़ोर या दूषित हो , जैसे मंगल , राहु या केतु दुसरे घर में हो या उनका प्रभाव छठें या बाहरवें घर पर हो तो ऐसी स्तिथि में धन की समस्या उम्र भर सताती रहेगी.
वैदिक महालक्ष्मी अनुष्ठान केवल धन सम्बन्धी समस्याओं के लिए ही नहीं बल्कि धन , वैभव ,सुख और समृद्धि के लिए भी किया जाता है.
वैदिक महालक्ष्मी अनुष्ठान में श्री सूक्त मंत्र जप+ स्तुति+और यज्ञ किया जाता है. श्री यन्त्र का पूजन भी इस अनुष्ठान का एक महत्वपूर्ण भाग है . यह श्री यंत्र अनुष्ठान के उपरान्त सुख और समृद्धि के लिए दिया जाता है.
माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने हेतु वैदिक महालक्ष्मी अनुष्ठान में शुभ महूर्त, दिशा, हवन समिधा का विशेष ध्यान दिया जाता है . सभी प्रमुख कर्म काण्ड मेरी देख रेख में संपन्न होते है.
हवन (एक दिवसीय) | 21000 मंत्र जप +हवन | Rs. 15,000/- | Request Now |
अनुष्ठान (तीन दिवसीय) | 56,610 मंत्र जप +हवन | Rs. 31,000/- | Request Now |
अनुष्ठान (आठ दिवसीय) | 1,38,750 मंत्र जप +हवन | Rs. 61,000/- | Request Now |
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