लग्न कुंडली में सूर्य के स्थान से किसी का भी व्यक्तित्व, सामाजिक और राजनैतिक पद और प्रतिष्ठा, पिता और उच्च अधिकारीयों से सम्बन्ध और समर्थन का ज्ञान होता है. नीच का सूर्य विपरीत परिणाम देने में सक्षम है. यह न केवल व्यक्तित्व पर बुरा प्रभाव डालता है अपितु सवास्थ सम्बन्धी समस्याएं जैसे नेत्र रोग, सर दर्द, ज्वर आदि भी दे देता है. नीच का सूर्य या दूषित सूर्य के बुरे प्रभावों को कम करने के लिए वैदिक सूर्य शांति अनुष्ठान ही एकमात्र उपाय है.
वैदिक सूर्य शांति अनुष्ठान में शुभ महूर्त, दिशा, हवन समिधा का विशेष ध्यान दिया जाता है ताकि दूषित सूर्य के नकारात्मक प्रभावों को अधिक से अधिक घटाया जा सके. सभी प्रमुख कर्म काण्ड मेरी देख रेख में संपन्न होते है.
सूर्य शांति अनुष्ठान में सूर्य मंत्र जप, स्तुति और यज्ञ किया जाता है.
अनुष्ठान (एक दिवसीय) | 7100 मंत्र जप +हवन | Rs. 5100/- | Request Now |
अनुष्ठान (आठ दिवसीय) | 31080 मंत्र जप +हवन | Rs. 15000/- | Request Now |