शुक्र मिथुन राशि में अपनी अस्तगत अवस्था में ही 13 जून को प्रवेश करेगा , अस्तगत ग्रहों के शुभ या अशुभ प्रभावों में अत्यंत कमी हो जाती है साथ ही यह वक्री मंगल से दृष्ट भी होगा अतः कुछ दूषित परिणाम देगा . इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखकर ही राशिफल दे रहा हूँ.
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मेष : दूसरे भाव और सप्तम भाव का स्वामी शुक्र अब आपके तीसरे भाव में प्रवेश करेगा . इसके कारण धार्मिक यात्रायें संभव हैं . प्रेम संबंध और प्रगाढ़ होंगे . कामुकता बढ़ेगी . परिवार का कोई सदस्य विशेष कर भाई या बहन किसी व्यावसायिक या नौकरी वश दूर या विदेश जा सकता है . जीवन साथी के साथ कार्य करने पर भाग्य में वृद्धि होगी और लाभ होगा . स्वयं का आत्बल और वाक् कौशल बढ़ा – चढ़ा रहेगा .
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वृष : लग्नेश और षष्टेश शुक्र अब आपके दूसरे भाव में प्रवेश कर रहा है जिससे आय में वृद्धि होगी . वाणी अत्यंत ही सौम्य और मधुर रहेगी . संगीत और कला के क्षेत्र में कार्य कर रहे लोगों को विशेष लाभ होगा . खेल – कूद या मनोरंजन के अवसर मिलेंगे . मन प्रसन्न रहेगा और आत्मबल भरपूर रहने वाला है . इस समय शौक – श्रृंगार में खूब रूचि बढ़ेगी . कुल मिलाकर यदि शुक्र की दशा या अंतर हो तो लाभ ही होगा .
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मिथुन : मिथुन लग्न में शुक्र द्वादश और पंचम भाव का स्वामी है जो अब आपके लग्न में आ रहा है , यात्रायें बहुत हो सकती हैं इस समय . मन में प्रसन्नता रहेगी और गीत – संगीत की तरफ रूचि भी बढ़ेगी. इस समय हर प्रकार से सुख का अनुभव होगा . विवाहित लोगों के भाग्य में वृद्धि होगी तथा जो विवाहित नहीं है उनके लिए वैवाहिक प्रस्ताव आ सकते हैं . वक्री मंगल की दृष्टि के कारण वह भी लग्न पर शुक्र के ऊपर, आपकी सेक्स के प्रति चाहत को खूब बढ़ाएगी . इस समय एक बात का अवश्य ध्यान रखें कि कोई आर्थिक – व्यापरिक निर्णय ले रहे हैं तो दूसरों से परामर्श अवश्य लें अन्यथा हानि होगी .
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कर्क : यहाँ शुक्र चतुर्थ और एकादश भाव का स्वामी है जो अब आपके द्वादश भाव में प्रवेश कर रहा है . यदि इस समय शुक्र की दशा या अंतर दशा हुई तो यह समय आपको कुछ परेशानी देने वाला होगा . माँ के स्वास्थ्य के ध्यान रखें . यात्राएं तो होंगी परन्तु उनका बहुत सार्थक परिणाम नहीं निकलेगा . पारिवारिक सुख में कमी महसूस होगी . किसी कारण वश घर से दूर जाने का योग भी बनेगा . अपनी बायीं आँख का यात्रा के दौरान विशेष ध्यान रखें . निवेश के लिए यह समय उपयुक्त नहीं होगा .
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सिंह : सिंह लग्न के जातकों के लिए शुक्र दशम भाव और तृतीय भाव का स्वामी है जो अब एकादश भाव में प्रवेश करेगा, शुक्र की यह स्थिति आर्थिक लाभ के लिए अत्यंत फलदायी है विशेष कर व्यापारी वर्ग के लिए और उसमे भी जो शुक्र से सम्बंधित कार्य – व्यापार कर रहे हों तो. यह समय प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी सफलता देने वाला होगा . मित्रों का भरपूर सहयोग प्राप्त होगा और आप स्वयं भी मदद करने में समर्थ होंगे . इस समय उच्च अधिकारीयों से खूब लाभ होगा , पदोन्नति के लिए भी यह समय अत्यंत सहयोगी है .
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कन्या : कन्या लग्न के जातकों के लिए शुक्र अत्यंत ही योगकारक ग्रह है क्योंकि यह दूसरे स्थान और नवम स्थान का स्वामी है जो अब आपके दशम भाव में प्रवेश करेगा यदि यह अस्त नहीं होता तो बहुत ही अच्छा परिणाम देता परन्तु अस्तगत होते हुए भी यह कुछ ना कुछ शुभ परिणाम ही देगा . शुक्र की इस स्थिति से मान – सम्मान में खूब वृद्धि होगी . राजनैतिक और सामाजिक क्षेत्र में कार्य करने वालों को नए अवसर प्राप्त होंगे तथा महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति भी होगी . पदोन्नति के लिए यह सर्वोत्तम समय है . स्थायी संपत्ति के योग भी बनेगे . कुल मिलाकर यह समय अत्यंत ही सुखदायी है .
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तुला : तुला लग्न के जातकों के लिए शुक्र लग्नेश और अष्टमेश है जो अब भाग्य स्थान अर्थ नवम भाव में प्रवेश करेगा लग्नेश का नवम भाव में आना अत्यंत ही शुभ है परन्तु शुक्र यहाँ अष्टमेश भी है लेकिन लग्नेश को अष्टमेश का दोष नहीं होता अतः यह शुभ फल ही देगा . भाग्य में खूब वृद्धि होगी . नयी योजनायें बनेगी और उसमे सफलता भी मिलेगी . विपरीत लिंग के जातकों के साथ मिलकर काम करने से अधिक लाभ होगा इस समय . यात्रायें सुखद होंगी तथा पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा .
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वृश्चिक : वृश्चिक लग्न में शुक्र द्वादश और सप्तम भाव का स्वामी है जो अब आपके अष्टम भाव में प्रवेश कर रहा है. यह शुक्र आपको मिश्रित परिणाम देने वाला होगा क्योंकि जहाँ यह एक ओर व्यवसायिक गतिविधियों में लाभ देगा , यात्राओं से लाभ देगा , निवेश से लाभ देगा वहीँ दूसरी ओर वैवाहिक जीवन में तनाव उत्पन्न करेगा , प्रेम संबंधों में दरार उत्पन्न करेगा . इस वैवाहिक प्रस्ताव टूट सकते हैं , प्रेम संबंधों को सँभालने की आवश्यकता होगी . यह शुक्र वक्री मंगल से दृष्ट है अतः जननेन्द्रियों में रोग संभावित है . कुल मिलाकर स्वास्थ्य और संबंधों को लेकर सचेत रहे हैं और कार्य – व्यापार को बढ़ाएं.
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धनु : छठें और एकादश भाव का स्वामी शुक्र अब आपके सप्तम भाव में प्रवेश करेगा , चूँकि बुध इस समय छठे भाव में है अतः वैवाहिक जीवन के लिए यह समय अत्यंत ही घातक हो सकता है विशेष कर बुध या शुक्र की दशा और अंतर हो या दोनों की ही दशा हो तो परिस्थिति और विषम हो सकती है . अचानक धन हानि का योग भी बन सकता है अतः संभल कर चलें . कर्ज लेने से किसी भी मूल्य पर बचें . नए प्रेम संबंधों में ना पड़े और पुराने संबंधों को सँभालने का प्रयास करें .
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मकर : मकर लग्न में शुक्र पंचम और दशम स्थान का स्वामी है जो अब छठे भाव में प्रवेश करेगा . शिक्षा – प्रतियोगिता में व्यवधान उत्पन्न हो सकता है या परिश्रम का उतना फल नहीं मिलेगा जितनी उम्मीद आप लगाये बैठे होंगे . इस समय उच्च अधिकारियों के कारण तनाव उत्पन्न हो सकता है . पिता से वैचारिक मतभेद उत्पन्न हो सकते हैं . पैतृक संपत्ति का विवाद है तो प्रयास करें इस समय उसका कोई परिणाम ना आये अन्यथा वह पक्ष में ना हो इसकी सम्भावना अधिक है . गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान रखना चाहिए . यश – कीर्ति की हानि हो सकती है कोई अपयश लग सकता है अतः संभल कर व्यवहार करें विशेष कर विपरीत लिंग के लोगों से .
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कुम्भ : चतुर्थ और भाग्य स्थान का स्वामी शुक्र अब आपके पंचम भाव में प्रवेश करेगा . शुक्र की यह स्थिति अत्यंत ही सुखद और शुभ है . शैक्षिक मामलों में अभूतपूर्व सफलता मिलने की सम्भावना बनेगी . पारिवारिक जीवन सुखमय होगा और परिवार का विस्तार होगा . भाग्य और बुद्धि का अद्भुत समन्वय होगा . करीबी लोगों के सहयोग से काम बनेगे और लाभ मिलेगा . आत्म – सम्मान की रक्षा करने में सफल होंगे . आत्मबल बढ़ा – चढ़ा रहेगा . इस समय गुरु की सेवा करना भाग्य में चार चाँद लगा देगा.
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मीन : मीन लग्न में शुक्र तीसरे और अष्टम भाव का स्वामी है और यह अब आपके चतुर्थ भाव में प्रवेश कर रहा है . शुक्र नैसर्गिक रूप से चतुर्थ भाव में प्रसन्न रहता है और योगकारी है अतः शुभफलदायी ही रहेगा . वैसे अष्टम भाव का स्वामी होने के कारण माता को कष्ट भी दे सकता है अतः उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखें . भूमि – भवन – वाहन के सुख में वृद्धि होगी . स्थायी संपत्ति का योग बनेगा . भौतिक सुख – संसाधनों में वृद्धि होगी . प्रेम सम्बन्ध खूब बढ़ेंगे , नए रिश्ते भी उत्पन्न हो सकते हैं . इस समय केवल अपनी स्वेछाचारिता और अति कामुकता पर नियंत्रण रखेंगे तो और अधिक सुख की अनुभूति होगी .