शुक्र का वृश्चिक राशी में गोचर का राशिफल चन्द्र राशि पर आधारित न होकर लग्न पर आधारित है. शुक्र भोग , विलासिता , कला , सौन्दर्य , समृद्धि , भौतिक सुख , काम सुख का कारक है , पुरुषों में यह कमजोर हो तो संतान उत्पत्ति में बाधक होता है. शुक्र यदि नीचगत हो या राहु तथा मंगल के प्रभाव में हो तो अति कामुक , उच्चस्थ , स्वराशिस्थ तथा मंगल के प्रभाव में हो तो व्यक्ति सेक्स के प्रति रूचि रखता है और उसका आनंद लेता है परन्तु व्यभिचारी नहीं होता . अधिकांशतः अच्छा शुक्र विशेष कर चतुर्थ , सप्तम , लग्न और द्वादश में एक से अधिक शारीरिक समबन्ध दे ही देता है.यह राशिफल बहुत ही सामान्य आधार पर है अतः किसी विशेष परिस्थिति में अपनी कुंडली की जाँच कराकर ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचे . अच्छे या बुरे परिणाम आपकी वर्तमान दशा- अंतर दशा पर निर्भर करते हैं.
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मेष : मेष लग्न में शुक्र द्वितीयेश एवं सप्तमेश होने के कारण अशुभ फलदायी होगा. धन के मामलों में स्तिथि संघर्ष शील रहेगी. मनवांछित फल पाने के लिए परिश्रम अधिक करना पड़ेगा. धन की हानि के योग बन रहे हैं अतः कोई आर्थिक जोखिम न लें. वाणी पर नियंत्रण रखें, इस समय आपके द्वारा कहे गये अशुभ वाक्य सच होंगे. वैवाहिक संबंधों में कडवाहट आने के योग बन रहे हैं अतः संबंधों को लेकर सावधान रहें.
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वृष : शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर वृषभ लग्न के जातकों के लिए विशेष शुभदायी नहीं होगा, लग्नेश होने के कारण शुक्र आपको कभी अशुभ फल भी नहीं देगा. इस समय आप अपने परिवार का नाम रोशन करेंगें. मान प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी. परिवार और अपने करीबियों से सहयोग एवं अत्यधिक स्नेह मिलेगा. विवाह के इच्छित जातको का विवाह रूपवान साथी से होगा.कार्य व्यापर में उन्नति एवं आर्थिक स्तिथि में सुधार होगा, एवं परिवार में सौहार्द एवं प्रेम रहेगा.
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मिथुन : मिथुन लग्न में शुक्र पंचमेश एवं खर्चेश है शुक्र यहाँ योगकारक होकर अत्यंत शुभ फल देने वाला है. अप इस समय परिश्रम तो करेंगे परन्तु जुए सट्टे में भी रूचि दिखायेंगे. शुक्र कि यह स्तिथि आप में कामोत्तेजना बढ़ाएगी और आप व्यसनों की और आकर्षित होंगे. भोग विलास में उलझने के कारण आप धन और मान सम्मान भी खो सकते है. अधिक व्यय के कारण आर्थिक स्तिथि डावांडोल हो सकती है.
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कर्क : शुक्र का राशि गोचर आपके लिए बहुत लाभकारी रहेगा. ज्योतिष विद्या या अनुसंधान क्षेत्र से जुड़े कर्क लग्न के जातकों के लिए उत्थान परख समय है. अपने क्षेत्र में मान सम्मान एवं प्रतिष्ठा पाएंगे. माता का सहयोग मिलेगा. यदि वाहन या भवन खरीदने की सोच रहें हैं तो यह समय उत्तम है. विवाहित जातकों के लिए सुखमय समय है. प्रेम सम्बन्ध प्रगाढ़ होंगे एवं परस्पर आकर्षण बढेगा.
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सिंह : शुक्र सिंह लग्न में पराक्रमेश एवं राज्येश है. यदि आप लेखक , संगीतकार आलोचक, अभिनेता या कला के किसी भी क्षेत्र से सम्बंधित हैं तो यह समय आपको पद प्रतिष्ठा एवं सम्मान दिलाएगा. आप अपने परिवार और कुल का नाम रोशन करेंगे. यदि वाहन लेने की सोच रहें हैं तो यह समय उत्तम है. भौतिक सुखों में वृद्धि होगी.
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कन्या : कन्या लग्न के लिए शुक्र द्वितीयेश एवं भाग्येश है. अतः शुक्र का यह गोचर आपके लिए भाग्यशाली रहेगा. इस समय आप पराई स्त्रियों के प्रति अनावश्यक ही आकर्षित होंगे तथा उनको रिझाने में आप कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. इस समय आपका अपने भाई बहनों से रिश्तों में कड़वाहट आएगी और हो सकता है वाद विवाद बढे परन्तु मित्रों के लिए आप धन खर्च बेझिझक करेंगे. अपनी इन्ही आदतों के कारण समाज और परिवार में आप फिजूलखर्ची कहलायेंगे. भाग्य का साथ बना रहेगा तथा थोड़ी मेहनत से भी अधिक फल प्राप्त करेंगे.
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तुला : तुला लग्न में शुक्र लग्नेश एवं अष्टमेश भी है. लग्नेश को अष्टम का दोष न लगने के कारण शुक्र यहाँ अशुभ फल नहीं देगा. शुक्र के वृश्चिक राशी में गोचर के कारण आपको धन लाभ होने की संभावना बन रही है. आर्थिक स्तिथि में सुधार आएगा , भाग्य का साथ रहेगा एवं संतान से सुख की प्राप्ति होगी. समाज में प्रतिष्ठा बढ़ने के योग हैं. सुख और ऐश्वर्य कि अनुभूति होगी परन्तु आपका रुझान विपरीत लिंगियों की और बढेगा. कामोत्तेजना बढ़ेगी फलस्वरूप स्वस्थ्य सम्बन्धी समस्याएं बढ़ेगी. कुल मिलाकर मिला जुला समय रहेगा कामोत्तेजना पर नियंत्रण रखें.
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वृश्चिक : वृश्चिक लग्न के लिए शुक्र सप्तमेश और व्ययेश है तथा मुख्य मारकेश की भूमिका में भी है अतः शुक्र का यह राशी परिवर्तन आपके लिए शुभकारी नहीं होगा. शुक्र के लग्न में आ जाने के कारण आपका व्यक्तित्व और आकर्षण बढेगा . मौसमी बिमारी की चपेट में आप आ सकते हैं अतः सावधान रहें. पारिवारिक सुख में वृद्धि होगी. विवाहित जातकों के आपसी रिश्ते मधुर होंगे और परस्पर आकर्षण रहेगा. शुक्र के गोचर में आप विपरीत लिंगियों से आकर्षित हों ऐसी संभावना भी बन रही है. ह्रदय रोगी अपने स्वस्थ्य के प्रति सचेत रहें.
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धनु : धनु लग्न में शुक्र षष्ठेश एवं लाभेश है. शुक्र मारकेश होने के कारण यहाँ अशुभ फल देने वाला होता है. धन , मान सम्मान में वृद्धि होगी. आर्थिक स्तिथि में सुद्जार होने के योग हैं परन्तु साथ ही अभिमान की भावना को भी बढायेगा शुक्र का यह गोचर. समाज में यश एवं कीर्ति बढ़ेगी. अपने खर्चीले स्वभाव के कारण आप व्यय अधिक करेंगे तथा काम वासना की और आपका रुझान बढेगा. शुक्र कि दृष्टि छठे स्थान पर होने के कारण ऋण रोग एवं शत्रुओं का नाश स्वतः ही हो जायेगा.
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मकर : मकर लग्न में शुक्र पंचमेश एवं राज्येश होने के कारण राजयोग कारक भी है. शुक्र के वृश्चिक राशि में आने के कारण आपको धन प्रतिष्ठा एवं मान सम्मान में वृद्धि मिलने के योग बनेगे. उच्च विद्या प्राप्ति के योग बनेगे और यदि नौकरी की तालाशमें हैं तो बेहतर रोज़गार के अवसर प्राप्त होंगे. परिवार और संतान से सुख तथा करीबियों से सहयोग मिलेगा. बौद्धिक क्षमता बढेगी, तथा समाज में अपने कार्यों द्वारा सम्मान और प्रतिष्ठा प्राप्त करेंगे.
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कुम्भ : कुम्भ लग्न में शुक्र चतुर्थेश एवं भाग्येश है . कुम्भ लग्न के विद्यार्थियों को इस समय सफलता मिलने के उत्तम योग हैं. पिता का सहयोग धन और बल दोनों से रहेगा. वैवाहिक जीवन सुखमय रहेगा. परस्पर प्रेम और आकर्षण रहेगा. कुम्भ लग्न के जातकों को संतान से सुख प्राप्ति के योग बन रहे हैं. पद प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी एवं आप अपने क्षेत्र में मान सम्मान पाएंगे.
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मीन : मीन लग्न में शुक्र पराक्रमेश एवं अष्टमेश है. अष्टमेश होने के कारण शुक्र अशुभ फल देगा. पिता एवं भाग्य का साथ मिलेगा. भाई बहनों से सहयोग तथा कला के क्षेत्र में उन्नति के योग बन रहे हैं. इस समय आपका व्यक्तित्व रंगीन मिजाज़ और गैर जिम्मेदाराना रहेगा. आप किसी भी प्रकार कि ज़िम्मेदारी उठाने से घबराएंगे या कहे हुए कार्यों को पूरा नहीं कर पाएंगे. कर्यक्षेत्र में स्त्रियों से सहयोग मिलेगा.
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शुभम भवतु
पं. दीपक दूबे (View Profile)