“जानें- विवाह पूर्व कुंडली मिलान में किन बातों का रखे ध्यान”
विवाह अर्थात स्त्री – पुरुष के मिलन का माध्यम और सृष्टि के विस्तार का आधार . यह एक ऐसा माध्यम है जिसका होना सृष्टि के सृजन और जीवन क्रम को निर्बाध गति से संचालित होने के लिए अनिवार्य है . इस पृथ्वी पर ऐसी कोई घटना नहीं है जिनपर ग्रहों का प्रभाव नहीं है . आइये आज विस्तार पूर्वक जानते हैं कि विवाह होने , ना होने , प्रेम विवाह , अंतर्जातीय विवाह , विधुर होना या विधवा होना ये सब कब और कैसे होता है . ग्रहों की कौन सी स्थितियां इन घटनाओं के लिए जिम्मेदार हैं –
शुभम भवतु !
ज्योतिषविद पं. दीपक दूबे <View Profile
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