लग्न स्वामी : मंगल
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लग्न तत्व: जल
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लग्न चिन्ह: बिच्छु
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लग्न स्वरुप: स्थिर
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लग्न स्वभाव: सौम्य
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लग्न उदय: उत्तर
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लग्न प्रकृति: कफ प्रकृति
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जीवन रत्न: मूंगा
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अराध्य:भगवान् शिव, हनुमान
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लग्न गुण: तमोगुण
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अनुकूल रंग: लाल
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लग्न जाति: ब्राह्मण
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शुभ दिन:मंगलवार
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शुभ अंक: 9
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जातक विशेषता:निडर, प्रकृति प्रेमी
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मित्र लग्न :कर्क, मीन
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शत्रु लग्न : मेष,सिंह,धनु
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लग्न लिंग: स्त्री
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वृश्चिक लग्न का स्वामी मंगल है अतः इस लग्न में जन्मे जातक में क्रोध की अधिकता रहती है. मंगल के प्रभाव के कारण इस लग्न में जन्मा जातक दबंग , हठी एवं स्पष्टवादी होता है. अपनी बात को सदा निभाने वाला तथा बिना परवाह किये अपने सम्मान के लिए लड़ जाना वृश्चिक लग्न के जातकों की पहचान है. इस लग्न में उत्पन्न जातक सामान्यतः स्वस्थ एवं बलवान होता है.
वृश्चिक लग्न में जन्म लेने वाले जातक मंझले कद के, गठे हुए शरीर के तथा खिलते हुए गोरे वर्ण के होते हैं। इनके केश सघन नही होती, बल्कि छितराई हुई होती है। चमकदार नेत्र होना इनकी विशेष पहचान है। इनका स्वभाव कुछ गरम अवश्य होता है, किन्तु इन्हें क्रूर एवं निर्दयी नहीं कहा जा सकता। यह अलग बात है कि किन्हीं ग्रहों के प्रभाव से ये ऐसे हो जायें। इनके कमर से निचला भाग उपर वाले भाग के अनुपात में छोटा रहता है, दांत कुछ बड़े होते हैं।, जिससे जबड़ा चैड़ा दिखाई देता है.
वृश्चिक लग्न का जातक परिश्रम एवं लगन के द्वारा अपने कार्यों को पूरा करते हुए जीवन में सफलता अर्जित करता है. विभिन्न विषयों में रूचि होने के कारण अनेको विषयों का ज्ञाता होता है वृश्चिक लग्न का जातक. परिवार एवं अपने कुल में श्रेष्ठ एवं विद्वानों में आपकी गणना होती है.मित्रों एवं भाई बहनों के प्रिय वृश्चिक लग्न के जातक महत्वाकाक्षी होते हैं. आत्मशक्ति की इनमे प्रधानता रहती है तथा जीवन में अधिक से अधिक धन संचय की इच्छा सदैव रहती है. स्त्री सूचक लग्न के कारण मन ही मन घबराना परन्तु दूसरों के समक्ष कठोर बने रहना आपका स्वभाव है. बहुत अधिक क्रोध आने पर आप कभी कभी अपशब्द भी कह देते हैं परन्तु बाद में पछताते भी है. वृश्चिक लग्न के जातक स्वभाव से कर्मठ एवं साहसी होते हैं. बहुत तेज़ बुद्धि तथा दृढ इच्छाशक्ति के कारण जीवन में आई अनेक कठिनाइयों को आप चुप चाप धैर्य से पार कर लेते हैं तथा अपनी गति को बिना रोके मंजिल तक अवश्य पहुँचते हैं.
बिच्छु के समान अनेक नेत्रों से किसी भी वास्तु का बारीकी से अवलोकन करना आपकी विशेषता है. विषय की बारीकी को सहजता से पकड़ना और अपने लायक उसमे से ग्रहण करना आपका स्वभाव है. आप स्वभाव से तेज़ नित्य ही क्रियाशील एवं शीघ्र बदला लेने वाले होते हैं. सामने वाले की असावधानी से अपना फायदा उठाना कोई आपसे सीखे. आपका प्राम्भिक जीवन साधारण तथा अप्रभावशाली रहता है परन्तु जीवन के अंतिम दिनों में आप समाज में प्रभावशाली तथा सर्व प्रभुत्व संपन्न बन जाते हैं.
वृश्चिक लग्न के जातक क्रोध आने पर और कोई विपरीत बात सुनने पर सामने वाले को क्षमा नहीं करते है. आपके मन में क्रोध घर किये रहता है यद्यपि आप ऊपर से सामान्य दिखलाई पड़ते हैं परन्तु बदले की भावना आपके अन्दर भयानक रूप से रहती है. आप अपने शत्रु को क्रूरता और निर्दयता से हानि पहुंचाने में भी नहीं चूकते है. वृश्चिक लग्न के जातक कम भावुक होते हैं तथा अपने सारे सम्बन्ध और कार्य बुद्धि द्वारा ही संपन्न करते हैं.
धर्म के प्रति आपके मन में श्रद्धा रहेगी तथा समय समय पर धार्मिक स्थलों का भ्रमण आप अपने मन की शांति के लिए करेंगे. वृश्चिक लग्न के जातकों की आयु प्रायः कम होती है, कोई भी दुर्घटना या बदलते घटनाक्रम का शिकार आप शीघ्र ही हो जाते हैं. खाने में आपको खट्टा स्वाद बहुत पसंद इसलिए आपके भोजन में नींबू का प्रयोग अधिक होता है.