" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
" ज्योतिष भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है , और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है "- पं. दीपक दूबे
Pt Deepak Dubey

हस्त नक्षत्र/ Hast Nakshtra

नक्षत्र देवता: सूर्य

नक्षत्र स्वामी: चन्द्र

hast nakshtra

हस्त नक्षत्र  के जातकों का  गुण एवं स्वभाव 

यदि आपका जन्म हस्त नक्षत्र में हुआ है तो आप संसार को जीतने और उसपर शासन करने का पूरा पूरा सामर्थ्य एवं शक्ति रखते हैं. आपकी दृढ़ता और विचारों की स्थिरता आपको एक आम आदमी से भिन्नता और श्रेष्ठता प्रदान करती है . आप एक स्वतंत्र विजेता हैं जो अपने ज्ञान और समृद्धि के कारण जाने जाते हैं.  हस्त नक्षत्र के जातक सहृदयी और दयालु स्वभाव के होते हैं . जरुरतमंदों की निस्वार्थ मदद के लिए आप सदैव ही प्रशंसा पाते हैं. आप स्वभाव से थोड़े अध्यात्मिक और संगीत में रूचि रखने वाले होते हैं. आप अपने प्रियजनों के बीच रहना पसंद करते हैं परन्तु समय समय पर अपने कठोर निर्णयों के कारण कड़े एवं क्रूर हो जाते हैं.

 हस्त नक्षत्र के जातक अपनी अंदरूनी दृढ शक्ति के कारण बाहर से कठिन व्यक्ति प्रतीत होते हैं परन्तु वास्तविकता कुछ और ही है. अपने नम्र स्वभाव के कारण आप दूसरों को शीघ्र ही अपनी और आकर्षित कर लेते हैं . आपको जीवन में दया और मानवता के बदले में केवल आलोचना और कभी कभी विद्रोह का भी सामना करना पड़ जाता है. आपका जीवन बहुत से उतार चढ़ाव से भरा हुआ है जो बहुत ही छोटे -छोटे अंतराल बाद आकर आपकी मानसिक शांति भंग कर देता  हैं. आपका कठोर परिश्रम और कार्य के प्रति इमानदारी भी आपको स्थिरता नहीं दे पाती है.  हस्त नक्षत्र के जातक जीवन में कभी भी बहुत अधिक धनि या बहुत अधिक निर्धन नहीं रहते हैं यही स्तिथि उनके जीवन में सुख और दुःख को लेकर भी है इसलिए आपको सदा ही  संतुलित रहने का प्रयास करना चाहिए.

आप कभी किसी को भूल कर भी धोखा नहीं दे सकते क्योंकि आप इमानदारी पर विश्वास रखते हैं. यदि आपके साथ कोई विश्वासघात करता है तो आप क्रूरता और कठोरता के साथ उसका उत्तर देते हैं. समय के साथ आप अपने वास्तविक स्वभाव में आ जाते हैं और बाकि सब इश्वर पर छोड़ देते हैं. अपनी कुशाग्र बुद्धि के कारण आप किसी भी प्रकार के कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के योग्य हैं. आपका लक्ष्य कार्य में प्रभावी समाधान खोजना और कार्य को बिना अड़चन के पूर्ण करना होता है.  

आप अपने जीवन में 17-18 की आयु से ही  कमाना आरम्भ कर देते हैं परन्तु अडचने 48 वर्ष की उम्र तक आपका पीछा नहीं छोड़ती. आप अपने जीवन में समृद्धि और सुख 48 वें वर्ष के उपरान्त ही देख पाते हैं.

हस्त नक्षत्र में जन्मा जातक एक सुखी पारिवारिक जीवन व्यतीत करता है. छोटी छोटी अडचनों के बावजूद , एक अच्छे जीवन साथी के कारण पारिवारिक जीवन संतोष पूर्वक व्यतीत होता है. सर्वगुण संपन्न पत्नी के कारण आपका दाम्पत्य जीवन सुखी एवं सद्भावनापूर्ण होता है.

हस्त नक्षत्र में जन्मी जातिका कड़े स्वभाव की तथा अधिक इच्छा रखने वाली होती हैं. यह अपनी वित्तीय स्तिथि से सदा नाखुश और असंतुष्ट रहती हैं. दूसरों के धन और संपत्ति में रूचि रखना इनके स्वभाव में होता है. हस्त जातिका कार्य करने में चतुर एवं कुशल होती हैं.

स्वभाव संकेत: हस्त जातक सदैव आभार मानने वाले होते हैं.

रोग संभावना : हस्त नक्षत्र के जातकों में विटामिन बी की कमी देखने को मिलती है. गैस, अपच , अजीर्ण, हाथ तथा कंधे के जोड़ों के दर्द , सांस की तकलीफ.

विशेषताएं 

प्रथम चरण : इस चरण का स्वामी मंगल  हैं. इस नक्षत्र में पैदा हुआ जातक शूरवीर एवं तर्कशास्त्र का ज्ञाता होता है. बुध की दशा हस्त जातक को उत्तम फल देगी. शुक्र की दशा में जातक का भाग्योदय होगा तथा चन्द्रमा भी उत्तम फल देगा.

द्वितीय चरण :इस चरण का स्वामी शुक्र हैं. इस नक्षत्र में पैदा हुआ जातक आजीवन रोग से जूझता रहता है. जातक के शारीर में स्थायी बीमारी का योग बनता है. बुध की दशा अति उत्तम फल देगी . शुक्र की दशा में जातक का भाग्योदय होगा तथा चन्द्रमा भी उत्तम फल देगा.

तृतीय चरण :  इस चरण का स्वामी बुध  हैं. इस नक्षत्र में पैदा हुआ जातक धनी एवं संपन्न होगा.  लग्नेश बुध की दशा अति उत्तम फल देगी . शुक्र की दशा में जातक का भाग्योदय होगा तथा चन्द्रमा की दशा सामान्य रहेगी.

चतुर्थ चरण : इस चरण का स्वामी चन्द्र हैं. इस नक्षत्र में पैदा हुआ जातक धनी एवं संपन्न होगा. लग्नेश बुध की दशा अति उत्तम फल देगी . शुक्र की दशा में जातक का भाग्योदय होगा तथा चन्द्रमा की दशा सामान्य रहेगी.

अश्विनी भरणी कृतिका मृगशिरा  रोहिणी पुनर्वसु 
आद्रा पुष्य मघा  अश्लेषा पूर्वाफाल्गुनी उत्तराफाल्गुनी चित्रा 
स्वाति विशाखा अनुराधा ज्येष्ठ मूल पूर्वाषाढा उत्तराषाढा
श्रवण धनिष्ठा शतभिषा पूर्वाभाद्रपद उत्तराभाद्रपद रेवती  


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