नक्षत्र देवता: ब्रह्मा
नक्षत्र स्वामी: चन्द्र
रोहिणी नक्षत्र के जातकों का गुण एवं स्वभाव
रोहिणी नक्षत्र में जन्म लेने वाला व्यक्ति सदा दूसरों में गलतियां ढूँढता रहता है. आप कोई भी ऐसा मौका नहीं हाथ से जाने देते जिसमे कि सामने वाले की त्रुटियों की चर्चा आप न करें. आप शारीरिक रूप से कमज़ोर होते हैं इसलिए कोई भी छोटी से छोटी मौसमी बदलाव के रोग भी आपको अक्सर जकड लेते हैं. आप एक ज्ञानी परन्तु स्त्रियों में आसक्ति रखने वाले होतें हैं.
रोहिणी नक्षत्र में जन्मे जातक सुन्दर एवं मीठा बोलने वाले होते हैं. आप घर और कार्य क्षेत्र में व्यवस्थित रहना ही पसंद करते हैं. आपको गन्दगी से बेहद नफरत है. घर का सामान भी आप सुव्यवस्थित ढंग से रखना पसंद करते हैं. स्वभाव से कोमल और सौन्दर्य के प्रति लगाव आपके प्रमुख गुणों में से एक है. रोहिणी नक्षत्र का स्वामी चन्द्र है इसलिए इस नक्षत्र में जन्मे जातक स्त्रियों पर विशेष आसक्ति रखते हैं.
रोहिणी नक्षत्र में जन्मे जातक कभी बहुत ही कोमल और विनम्र स्वभाव के दीखते हैं तो कभी कठोर और अभद्र . अपने प्रियजनों की मदद के लिए सदा तत्पर रहतें हैं और कठिन से कठिन परिस्तिथियों में भी पीछे नहीं हटते. यदि आपको कोई कष्ट पहुंचाए तो आप उग्र रूप ले लेते हैं और किसी को भी अपने ऊपर हावी नहीं होने देते.
आप दिमाग की उपेक्षा दिल की सुनते हैं. अप न तो योजनाबद्ध तरीके से चलते हैं और न ही बहुत लम्बे समय तक एक ही राह पर चलना पसंद करते हैं. अपने इसी दृष्टिकोण के कारण आप जीवन में अनेको बार कठिनाईयों को झेलते हैं. आप मानवता में विश्वास रखते हैं परन्तु अत्यधिक संवेदनशील होने के कारण आप चोट पहुंचाने वालों को कभी क्षमा नहीं करते. स्वतंत्र सोच और धैर्य की कमी के कारण जीवन में आप बहुत बार निराशा का सामना करते हैं.
सभी प्रकार के कार्यों में भाग्य आज़माना आपके लिए संकट की स्तिथि पैदा कर सकता है. दूसरों पर आँखे बंद कर के विश्वास कर लेना आपके स्वभाव में है परन्तु व्यवसायिक क्षेत्र में यह आपको बहुत हानि पहुंचाएगा. 18 से 36 वर्ष का समय आपके लिए सामाजिक , आर्थिक और स्वास्थ्य के लिए संघर्ष लायेगा परन्तु 36 से 50 वर्ष तक का समय आपके लिए शुभ होगा.
पिता की उपेक्षा माता या मात्र पक्ष से आपका अधिक स्नेह रहेगा. वैवाहिक जीवन में भी उतार चढ़ाव बना रहेगा.
रोहिणी नक्षत्र में जन्मी महिलाएं दुबली पतली परन्तु विशेष रूप से आकर्षक होती हैं. सदा अपने से बड़ों और माता पिता की आज्ञाकारिणी होती हैं. आप अपने रहने और खाने पीने में सदा सतर्क और सावधान रहती हैं . पति के साथ सहमति बने रखना आपका स्वभाव है इसलिए आपके वैवाहिक सम्बन्ध मधुर ही होते हैं . आपकी संतान पुत्र और पुत्री दोनों ही होते हैं. आप एक धनवान और ऐश्वर्यशाली जीवन व्यतीत करते हैं.
स्वभाव संकेत : विशाल आँखें
संभावित रोग: मुंह, गले, जीभ एवं गर्दन से सम्बंधित रोग
विशेषताएं
प्रथम चरण : इस चरण का स्वामी मंगल हैं. रोहिणी नक्षत्र के पहले चरण में जन्म होने के कारण जातक सौभाग्यशाली होगा. चन्द्रमा और मंगल की मित्रता के कारण धन व् ख्याति योग भी देगा. चन्द्रमा व् मंगल की दशा अन्तर्दशा में जातक की उन्नत्ति होगी. लग्नेश शुक्र की दशा उन्नति में विशेष सहायक होगी.
द्वितीय चरण : इस चरण का स्वामी शुक्र हैं. रोहिणी नक्षत्र के दूसरे चरण में जन्म होने के कारण जातक को कुछ न कुछ पीड़ा बनी रहेगी. शुक्र की दशा अन्तर्दशा में जातक की विशेष उन्नत्ति होगी.
तृतीय चरण : इस चरण का स्वामी बुध हैं. रोहिणी नक्षत्र के तीसरे चरण में जन्म होने के कारण जातक डरपोक और भावुक होगा. चन्द्र व् बुध की दशा अशुभ परन्तु लग्नेश शुक्र की दशा अन्तर्दशा में जातक की विशेष उन्नत्ति होगी.
चतुर्थ चरण : इस चरण का स्वामी चन्द्र हैं. रोहिणी नक्षत्र के चौथे चरण में जन्म होने के कारण जातक जातक सत्यवादी एवं सौन्दर्य प्रेमी होगा. चन्द्रमा की दशा शुभ फल देगी एवं शुक्र की दशा अन्तर्दशा में जातक की विशेष उन्नत्ति होगी.